स्वाइन फ्लू और सामान्य फ्लू में ज्यादा अंतर नहीं होता है। दोनों ही बीमारियों में बुखार के साथ जुकाम और सिरदर्द की समस्या होती है। इसलिए आपको स्वाइन फ्लू के सभी लक्षणों को जानना चाहिए, ताकि सही समय पर इसका इलाज किया जा सके।
स्वाइन फ्लू एक संक्रामक बीमारी है। इसके वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक छींक, थूक, मल आदि के माध्यम से तेजी से फैलते हैं। स्वाइन फ्लू के लक्षण आमतौर पर सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं, यानी इस रोग में भी बुखार आता है और जुकाम जैसा महसूस होता है। बच्चों को स्वाइन फ्लू का खतरा ज्यादा होता है। अगर किसी बच्चे या बड़े के गले में जलन हो, उसे सांस लेने में समस्या हो और लगातार कई दिनों तक बुखार आ रहा हो, तो उसे डॉक्टर से जांच जरूर करवानी चाहिए।
एक ऐसा व्यक्ति जिसे बुखार या तापमान ( 38°C/100.4°F से अधिक ) तक हो, और उपर बताये गए लक्षणों में से दो या दो से अधिक लक्षण दिखाई दे रहे हों, तो वह व्यक्ति स्वाइन फ्लू से संक्रमित हो सकता है।
किसी भी प्रकार के फ्लू से पैदा होनेवाली सबसे साधारण गंभीर स्थिति श्वास प्रश्वास क्षेत्र का दूसरे दर्जे का जीवाणु संक्रमण है, जैसे कि ब्रांगकाइटस (वायुमार्ग का संक्रमण) या न्यूमोनिया । ये संक्रमण अधिकतर लोगों में प्रतिजैविक (ऐन्टिबाइआटिक) द्वारा पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कभी कभी ये संक्रमण जानलेवा भी बन सकते हैं।
संक्रमण की वजह से कई बार टान्सलाइटिस (तुण्डिका-शोध) – (टांसिल का संक्रमण) ओटिटिस मीडिआ - ( कान में संक्रमण) सेप्टिक शॉक - (खून का संक्रमण जो कि खून के दबाव को नीचे गिराने का कारण बनता है. और ये जानलेवा भी साबित हो सकता है।) मस्तिष्क ज्वर - ( दिमाग और रीढ की हड्डी को ढंकने वाली झिल्ली का संक्रमण) और एन्सेफलाइटस - (मस्तिष्ककोप) – (मस्तिष्क में जलन या सूजन) जैसी समस्यायें भी हो सकती हैं। हालांकि इनकी संभावना बहुत कम होती है।
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