यदि आपके बच्चे को भी अक्सर गुहेरी की समस्या परेशान करती है तो जानिए क्या है इसकी वजह और इसे ठीक करने के आसान घरेलू नुस्खे।
गुहेरी या बिलनी (स्टाई) एक तरह का आंख का इंफेक्शन है, जो बच्चों में ज्यादातर देखने को मिलता है। यह एक बड़े पिंपल की तरह दिखता है। यह आईलिड के ऊपर या अंदर हो सकता है। यह संक्रामक नहीं होता है और अपने आप ही ठीक हो जाता है। लेकिन अगर यह कुछ दिनों के बाद भी ठीक नहीं होता है तो आप कुछ घरेलू उपचारों का प्रयोग कर सकते हैं। जिससे इसके भविष्य में होने का खतरा भी कम हो जाता है। इस प्रकार की स्थिति में वैसे तो मेडिकल हस्तक्षेप की जरूरत काफी कम मामलों में ही पड़ती है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे बैक्टीरियल इंफेक्शन होना या बच्चे का बार-बार अपनी आंख को मसलते रहना आदि। इसलिए बच्चे को आंखों को छूने से रोकना चाहिए ताकि इस इंफेक्शन का खतरा कम हो सके। आइए जानते हैं इसे कम करने के कुछ टिप्स।
टी बैग्स को अगर आप गुहेरी पर रखते हैं तो इससे दर्द और सूजन में काफी कमी आ सकती है। सबसे पहले आपको टी बैग को पानी में उबालना है और उसे ठंडा होने दें। इसके ठंडा होने के बाद बच्चे की आंख पर आई बैग को रख दें। इसे 10 मिनट के लिए उसी जगह रहने दें। ऐसा एक दिन में आप 5 बार कर सकते हैं।
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हल्दी में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं जो इन्फेक्शन को फैलने से बचा सकते हैं। इसको प्रयोग करने के लिए थोड़ी सी हल्दी में पानी मिलायें और इसका पेस्ट बना कर आंख पर लगायें। इसे 15 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें। इसके बाद इसे धो लें। जब तक आंख का यह इंफेक्शन ठीक न होने लगे तब तक हर रोज आपको यही प्रक्रिया दोहरानी है। आप इस पेस्ट में कपड़ा भिगो कर भी इसे अप्लाई कर सकते हैं।
नारियल के तेल में भी एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं। यह बैक्टीरिया को फैलने से रोक सकते हैं। इसके लिए नारियल के तेल की कुछ बूंद लें और गुहेरी पर लगाएं। नारियल का तेल ज्यादा न लें नहीं तो यह आंख में भी जा सकता है और इससे इरीटेशन भी हो सकती है।
बच्चे को आंखों को रगड़ने से मना करें क्योंकि ऐसा करने से ही कई बार उनकी आंख में बैक्टीरिया चले जाते हैं, जो गुहेरी या बिलनी का कारण बनते हैं।
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गुहेरी या स्टाई होने की संभावना वैसे तो किसी को भी हो सकती है लेकिन जिन बच्चों में डायबिटीज, डर्मेटाइटिस की समस्या होती है या जिनका इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है और हाई सीरम लिपिड से जूझ रहे होते हैं, वो इसके रिस्क में ज्यादा होते हैं। इसलिए इन स्थितियों को मैनेज करने की कोशिश करें।
यह इंफेक्शन एक हफ्ते में ही अपने आप ठीक हो सकता है। लेकिन अगर यह एक हफ्ते से भी ज्यादा समय ले रहा है तो इसके बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और चूंकि बच्चे की आंख काफी नाजुक होती हैं तो बिना जानकारी के ज्यादा छेड़छाड़ न करें।
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