हाल में शोधकर्ताओं ने रूमेटाइड अर्थराइटिस और डायबिटीज के बीच संबंध पाया है, आइए इस बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को आगे पढ़ें।
डायबिटीज की बीमारी इन दिनों बहुत आम हो चुकी है, क्योंकि आजकल खानपान और आदतों के कारण अधिकांश लोग हाई ब्लड शुगर या डायबिटीज से पीडि़त हैं। डायबिटीज एक जीवन भर साथ रहने वाली बीमारी है, जिसे कि खानपान में बदलाव, परहेज और दवाओं के साथ कंट्रोल में रखा जा सकता है। वहीं हाल में ही शोधकर्ताओं ने पाया है कि डायबिटीज और रूमेटाइड अर्थराइटिस एक-दूसरे से जुड़े हैं। लेकिन कैसे? यह जानने के लिए आप इस लेख को आगे पढ़ें।
हाल में ही हुए एक शोध में शोधकर्ताओं ने एक लिंक के बारे में बात की है, जो दो खतरनाक विकारों, डायबिटीज और रूमेटाइड अर्थराइटिस को जोड़ता है। इस नए अध्ययन के अनुसार, रूमेटाइड अर्थराइटिस टाइप 2 डायबिटीज के 23% बढ़े हुए जोखिम के साथ जुड़ा हुआ है और यह संकेत दे सकता है कि दोनों रोग शरीर की भड़काऊ प्रतिक्रिया यानि इंफ्लामेटरी रिस्पॉन्स से जुड़े हैं।
इस रिसर्च को Zixing Tian और Dr. Adrian Heald, मैनचेस्टर विश्वविद्यालय, ब्रिटेन और सहयोगियों द्वारा आयोजित किया गया था।
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इस अध्ययन की मानें, तो शोधकर्ताओं का कहना है कि इन्फ्लेमेशन टाइप -2 डायबिटीज़ की शुरुआत और प्रगति में एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में उभरा है और रूमेटाइड अर्थराइटिस यानि गठिया एक ऑटोइम्यून और एंटीइंफ्लामेटरी डिजीज है। शोधकर्ताओं की टीम बताती है कि रूमेटाइड अर्थराइटिस से जुड़ी प्रणालीगत इंफ्लेमेशन भविष्य में डायबिटीज विकसित करने वाले व्यक्तियों के जोखिम में योगदान कर सकती है।
इस अध्ययन को करने के लिए टीम ने चिकित्सा और वैज्ञानिक डेटाबेस की एक व्यापक खोज की, जिसमें सामान्य आबादी के भीतर डायबिटीज के जोखिम के साथ रूमेटाइड अर्थराइटिस के साथ लोगों में टाइप 2 डायबिटीज की घटनाओं की तुलना करने वाले कोहोर्ट अध्ययन शामिल हैं।
अध्ययन के शोधकर्ताओं ने पाया कि गठिया लोगों में डायबिटीज विकसित होने के 23% उच्च जोखिम के साथ जुड़ा है।
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शोधकर्ताओं ने कहा, “हम सुझाव देते हैं कि डायबिटीज के जोखिम वाले कारकों की अधिक गहन जांच और प्रबंधन रूमेटाइड अर्थराइटिस वाले लोगों में विचार किया जाना चाहिए। प्रणालीगत इंफ्लेमेशन मार्कर के स्तर को कम करने वाले एजेंटों में टाइप-2 डायबिटीज को रोकने में भूमिका हो सकती है।
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