PCOD से खराब होती है महिलाओं की प्रजनन क्षमता, रोजाना ये 5 एक्सरसाइज करने से दूर होगी समस्या

पीसीओडी या पीसीओएस (PCOD or PCOS)यह एक हार्मोनल विकार है, जो आपके गर्भवती होने की संभावना को कम कर सकता है। इस स्थिति से निपटने के लिए डाक्‍टर से सलाह और इलाज जरूरी है लेकिन अगर आप पीसीओडी की समस्‍या से पीडि़त हैं, तो कुछ एक्‍सरसाइज...

Written by: Sheetal Bisht Updated at: 2022-03-03 17:50

दुनिया भर में लाखों महिलाएं पीसीओडी या पीसीओएस (PCOD or PCOS)से पीड़ित हैं। अनियमित पीरियड्स व लागातार वजन बढ़ना पीसीओडी या पीसीओएस के लक्षण हो सकते हैं। पीसीओडी या पीसीओएस एक हार्मोनल डिसऑर्डर है, जो कि अंडाशय के किनारों पर छोटे सिस्‍ट के बढ़ने का कारण बनता है और महिलाओं में उनकी प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करता है। यह समस्‍या अनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है। पीसीओडी या पीसीओएस में अनियमित रूप से पीरियड्स होना आम है। इसमें बांझपन, अनियमित पीरियड्स, चेहरे पर मुंहासे या अधिक बाल जैसे इसके लक्षण को सकते हैं। यह महिलाओं में एंड्रोजन हार्मोन्‍स के स्‍तर को बढ़ा सकता है। महिलाओं में पीसीओडी की समस्‍या के कारण गर्भ ठ‍हरने से लेकर बांझपन की समस्‍या होने का खतरा रहता है।  

'एशियन जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने खुलासा किया कि पीसीओडी या पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में बांझपन का मुख्य कारण एनोव्यूलेशन है, एक ऐसी स्थिति जहां आपके अंडाशय एक मासिक धर्म के दौरान अंडे जारी करने में विफल रहते हैं।' पीसीओडी या पीसीओएस महिलाओं के गर्भधारण को मुश्किल बन सकता है। कई अध्ययनों ने कहा है कि नियमित व्यायाम और कुछ एक्‍सरसाइज से इस हार्मोनल विकार के साथ रहने वाली महिलाओं में प्रजनन क्षमता को बढ़ावा दिया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वर्कआउट आपको मोटापे से निपटने में मदद करता है, कि जो पीसीओडी के साथ काफी नजदीकी से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, मोटापा हार्मोन में असंतुलन पैदा कर सकता है। तो, आइए जानते हैं कि किन वर्कआउट करने से आप अपनी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं।

सुबह उठ कर चलना 

यदि आप अपनी दिन की शुरूआत कुछ समय पैदल चलने या हल्की सुबह की सैर करना से शुरू करें। इससे आपका ब्‍लड सर्कुलेशन में सुधार हेाता है और यह आपकी प्रजनन क्षमता को सुनिश्चित करेगा। एक अध्ययन के अनुसार, पता चला कि पीसीओएस या पीसीओडी के साथ महिलाएं चलने और जॉगिंग से अपनी प्रजनन क्षमता में काफी सुधार कर सकती हैं।

स्‍वीमिंग करना

स्‍वीमिंग प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए एक प्रभावी एक्‍सरसाइज है। हालांकि इन दोनों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन यह एक्‍सरसाइज आपके ब्‍लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में आपकी मदद करती है। यह अप्रत्यक्ष रूप से गर्भ बनाने की आपकी क्षमता में सुधार करता है। इसके अलावा, यह आपके को वजन कम करने के लिए सबसे अच्छी एक्‍सरसाइजों में से एक माना जाता है। फर्टिलिटी सोसाइटी ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया के अनुमान के अनुसार, सप्ताह के हर दिन 30 मिनट का स्विमिंग करने से आपको अपनी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

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स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग 

स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग न केवल आपी मांसपेशियों को मजबूत बनाने, बल्कि तनाव को दूर करने में मदद करती है। तनाव को बांझपन के पीछे प्रमुख कारकों में से एक है। कई अध्‍ययनों में कहा गया है कि जब आप स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग और वजन उठाते हैं, तो यह आपके मांसपेशियों की मजबूती और तनाव के लिए अच्‍छा है। इसलिए नियमित रूप से स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग से महिलाओं को प्रजनन संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। लेकिन हमेशा ध्‍यान रखें, कि वर्कआउट को यदि गलत तरीके से किया जाए, तो वह टेस्टोस्टेरोन के उच्च स्तर को जन्म दे सकता है।

जुम्‍बा एक्‍सरसाइज 

जैसा कि आप जानते हैं कि आपका मोटापा काफी हद तक आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने वजन को कम करने के लिए नियमित रूप से एक्‍सरसाइज करें। इसके लिए आप कुछ अच्‍छे विकल्‍पों का चुनाव कर सकते हैं, उनमें से ही एक है जुम्‍बा एक्‍सरसाइज। यह एक ऐसी गतिविधि जिसके लिए आपको जिम जाने की भी जरूरत नहीं है। यदि आपको डांस करना पसंद है, तो ज़ुम्बा आपके लिए अच्‍छा विकल्प हो सकता है। यह आपको अपना वजन कम करने में मदद करेगा और गर्भवती होने के अवसरों को बढ़ाएगा जबकि आप इस एक्‍सरसाइज को मजे के साथ कर सकते हैं।

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योग 

स्‍वस्‍थ और खुश रहने के लिए योग को बहुत फायदेमंद माना जाता है। यह पीसीओडी से होने वाले हार्मोनल संतुलन को संतुलन में करने में मदद करेंगे। इससे आपके पेल्विक क्षेत्र में रक्त के प्रवाह में सुधार करेंगे। इसके अलावा, यह तनाव को दूर करने के साथ आपके संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार करता है और आपके गर्भवती होने की संभावना को बढ़ाता है। आप प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए भ्रामरी प्राणायाम, विपरीताकर्णी, पस्चीमोत्तानासन और भुजंगासन जैसे आसनों को करने की कोशिश कर सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें, तो ताई ची एक्‍सरसाइज भी कर सकते हैं।

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