ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मां को ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिनसे मिल्क सप्लाई बढ़े। यहां बताए गए डाइट प्लान से आपको मदद मिलेगी।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मां का खानपान शिशु की सेहत से जुड़ा होता है। मां जैसा खाना खाएगी शिशु को वैसी सेहत मिलेगी। ऐसे में मां की डाइट बहुत जरूरी हो जाती है। एक स्तनपान कराने वाली मां को 400 से 500 कैलोरी की जरूरत होती है ताकि शिशु को सेहतमंद विकास मिल सके। उदाहरण के लिए अगर कोई महिला सामान्य दिनों में अपनी डाइट में 1800 कैलोरीज लेती हैं तो उसे ब्रेस्टफीडिंग के दौरान 2300 कैलोरी की आवश्यकता पड़ेगी। नमामी लाइफ में न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर ने हमें ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए पूरे दिन का डाइट प्लान बताया है। तो अगर आप भी लैक्टेटिंग मदर (Lactating Mother) हैं और अपना व अपने शिशु की बेहतर ग्रोथ चाहती हैं तो यहां बताए गए डाइट प्लान को अपना सकती हैं। यहां हम आपको एक दिन का डाइट प्लान बता रहे हैं।
एक गिलास गुनगुना मेथी दाना का पानी पीएं। 1 चम्मच मेथी दाना को रात भर भिगोएं। अगली सुबह उस पानी को उबालें। ठंडा होने पर उसे छान लें और अब इसका सेवन करें। मेथी दाना एक तरह का गैलैक्टोगोग्यु (galactagogue) फूड है जो ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाता है। यह पानी वजन नियंत्रण करने और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में भी मदद करता है।
प्रोटीन से भरपूर ब्रेकफास्ट करें जो आपको डिलीवरी के बाद रिकवरी में मदद करेगा। इसके अलावा यह मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है और पोस्टपार्टम में होने वाले हेयर लॉस को भी दूर करता है। इसके अलावा आप मूंग दाल, पनीर सैंडविच या ओटमील ले सकते हैं। ओटमील भी मिल्क सप्लाई बढ़ाने में मददगार है। ध्यान रहे कि अगर आप लैक्टेटिंग मदर हैं तो आप एक मुट्ठी भिगोया हुआ मेवा भी खा सकती हैं। जिसमें आप 5 बादाम और 2 अखरोट शामिल कर सकती हैं। इसके अलावा एक गिलास गुनगुना दूध ले सकती हैं। ड्राय फ्रूट्स की जगह आप गोंद के लड्डू भी खा सकती हैं।
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अगर आप 6 माह तक शिशु को दूध पिलाने की अवधि में हैं तो इसका मतलब है कि शिशु पूरी तरह आप पर निर्भर है। तो इसका मतलब है कि आप सुबह के वक्त में घर पर बने हुए गोंद के लड्डू का सेवन कर सकती हैं। इसकी मात्रा 1 ही रखें। गोंद का लड्डू आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर होता है। यह लड्डू सर्दी के मौसम में बहुत फायदेमंद होता है। क्योंकि यह शरीर को ग्रम रखता है। यह लड्डू जोड़ों को मदद करते हैं साथ ही इम्युनिटी सिस्टम को स्ट्रांग रखते हैं।
दोपहर का लंच ब्रेस्टफीडिंग माताओं के लिए सभी न्यूट्रीशन्स के साथ भरपूर होना चाहिए। आप 2-3 रोटियां खा सकती हैं। जो रागी, ज्वार और गेहूं के आटे से बनी हों। अनाज आपको एनर्जी बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होता है। आप हरी सब्जियां जैसे पालक, बथुआ, सरसों का साग, मेथा का साग आदि खा सकते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां आयरन, कैल्शियम, विटामिन सी का अच्छा स्रोत होती हैं। साथ ही आप जौं का रायता भी सकती हैं। यह मिल्क सप्लाई को बढ़ाता है। आप दही और चिया सीड्स के साथ खा सकते हैं। चिया सिड्स भी लैक्टेटिंग मदर के लिए अच्छे होते हैं। इसके अलावा आप सांभर, इडली आदि को नारियल की चटनी के साथ खा सकते हैं। साथ में थोड़े से चावल भी खा सकते हैं। यह आपको एनर्जी से भर देगा। साथ ही इसमें न्यूट्रीशन भी आपको भरपूर मिलेगा। सांभर में प्रयोग किया गया कड़ी पत्ता एंटीबैक्टीरियल होता है जो इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा 1 चम्मच सौंफ खा सकती हैं। यह आपके डायजेशन में मदद करेगा।
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आप शाम के वक्त में विटामिन, फाइबर से भरपूर चीजें खा सकते हैं। जैसे केला, संतरा, नाशपाती, आड़ू, सेब, खरबूजा, चीकू, आम या एवोकाडो आदि ले सकती हैं। यह सभी फल ब्रेस्टफीडिंग मदर के लिए बहुत सेहतमंद होते हैं। जब आप शुरूआत के 6 महीने में शिशु को दूध पिला रहे हैं तो चाय या कॉफी को छड़ दें।
रात के भोजन में आप मिक्स वेजेटिबल ले सकते हैं। या फिर कद्दू का सूप, जौं का सूप आदि ले सकते हैं। इन सूप्स के ऊपर आप मेथी दाना भी डाल सकते हैं। आपका डिनर दोपहर के खाने जैसे हो सकता है। आप पनीर की भुजिया रोटी के साथ, लौकी, टिंडा, तोरई, परवल, भिंडी आदि सब्जियां भी रोटी के साथ खा सकती हैं। यह सब्जियां पाचन में सहायक होती हैं। इसके अलावा आप दाल या ग्रेवी की सब्जी को रात में खाने बचें क्योंकि यह हैवी होते हैं।
रात को सोने से पहले आप 1 गिलास गुनगुना दूध जिसमें 1 से 2 चम्नच सौंठ मिली हो, वह पी सकते हैं। यह आपको कैल्शियम की पूर्ति करेगा। तो वहीं, अदरक मांसपेशियों का दर्द दूर करेगी। आप सोते समय 1-2 खजुर भी दूध में डालकर पी सकते हैं।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मां को ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिनसे मिल्क सप्लाई बढ़े। यहां बताए गए डाइट प्लान से आपको मदद मिलेगी।
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