आज के इस आर्टिकल में हम आपको प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर दिखाई देने वाली एक कंडीशन 'कौवेड सिंड्रोम' के बारे में बताने वाले हैं।
यह एक ऐसी अवस्था है जो सिर्फ पुरुषों में पाई जाती है। कौवेड सिंड्रोम(Couvade Syndrome) से ग्रसित पुरुष, प्रेग्नेंट महिला पार्टनर के समकक्ष खुद को प्रेग्नेंट मानने लगते हैं। आखिर ऐसे क्यों होता है, इसकी पुख्ता जानकारी तो मेडिकल साइंस के पास भी मौजूद नहीं है, हालांकि इससे जुड़ी कुछ थ्योरी या कहें रिसर्च ज़रूर मौजूद है। वैसे आपको बता दें कि, कौवेड सिंड्रोम कोई मानसिक बीमारी नहीं है ना ही यह कोई हेल्थ इशु है। तो आखिर कौवेड सिंड्रोम है क्या, आइए इस पर विस्तार से नज़र डालते हैं।
कौवेड सिंड्रोम को सिमपैथी प्रेग्नेंसी और प्रेग्नेंट डैड सिंड्रोम भी कहा जाता है। इस दौरान पुरुष ठीक वैसा ही अनुभव करते हैं जैसा कि प्रेग्नेंसी के दौरान उनकी महिला पार्टनर महसूस करती हैं।कौवेड सिंड्रोम के दौरान पुरुषों में नीचे दिए हुए लक्षण दिखाई देते हैं।
मेडिकल साइंस के पास इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं है जो बता पाए कि कौवेड सिंड्रोम होने की मुख्य वजह क्या है। हालांकि, इससे जुड़ी कुछ रिसर्च ज़रूर हैं जिनसे हमें इस सिंड्रोम के बारे में जानकारी मिलती है।
रिसर्च से पता चलता है कि हार्मोन में बदलाव भी कौवेड सिंड्रोम की मुख्य वजह है। एक्सपर्ट्स के मानें तो, टेस्टोस्टेरोन का गिरता स्तर और एस्ट्राडियोल नामक हार्मोन की अधिक मात्रा पुरुषों में कौवेड सिंड्रोम के विकास की मुख्य वजह बनती है।
कौवेड सिंड्रोम की दूसरी सबसे बड़ी वजह है इमोशनल अटैचमेंट। जो पुरुष अपनी प्रेग्नेंट पार्टनर के साथ भावनात्मक रूप से अत्यधिक अटैच रहते हैं, उनमें कौवेड सिंड्रोम होने की संभावना सर्वाधिक रहती है।
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वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि कौवेड सिंड्रोम के पीछे मेंटल हेल्थ भी एक बड़ा फैक्टर हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले मूड स्विंग, आदतों में बदलाव आदि को भी कौवेड सिंड्रोम से जोड़कर देखा जाता है।
यह लक्षण देख ,आपको चिंतित होने की कतई ज़रुरत नहीं है। यह एकदम सामान्य अवस्था है जो महिला पार्टनर की प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में पुरुषों में दिखाई देती हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो यह लक्षण अपने आप सामान्य होते जाते हैं और बच्चे के जन्म के बाद अपने आप समाप्त हो जाते हैं।
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