Low Ejection Fraction in Hindi: लो इजेक्शन फ्रैक्शन के कारण आपका हार्ट सही ढंग से ब्लड नहीं पंप कर पाता है, जानें इसके कारण।
Low Ejection Fraction in Hindi: शरीर को सही ढंग से काम करने के लिए हार्ट का हेल्दी होना जरूरी है। हार्ट शरीर के सभी अंगों में बिना रुके हुए खून की सप्लाई करता है। हार्ट जब सही ढंग से शरीर में ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं कर पाता है, तो इसकी वजह से कई अंग अपना काम नहीं कर पाते हैं। हार्ट द्वारा शरीर के अंगों में ब्लड सप्लाई करने की प्रक्रिया को इजेक्शन फ्रैक्शन (Ejection Fraction) कहते हैं। इजेक्शन फ्रैक्शन एक पैरामीटर है, जिसके आधार पर यह तय किया जाता है कि आपका हार्ट सही ढंग से ब्लड पंप कर पा रहा है या नहीं? इजेक्शन फ्रैक्शन का प्रतिशत कम होना हार्ट में खराबी का संकेत है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं लो इजेक्शन फ्रैक्शन क्या है और इसके कारण, लक्षण और इलाज।
शरीर के अंगों में हार्ट द्वारा जब सही ढंग से ब्लड की सप्लाई नहीं हो पाती है, तो इस स्थिति को लो इजेक्शन फ्रैक्शन कहा जाता है। लखनऊ के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. के के कपूर कहते हैं कि इजेक्शन फ्रैक्शन एक पैरामीटर है, जिसके आधार पर हार्ट के ब्लड पंप के प्रतिशत को चेक किया जाता है। लो इजेक्शन फ्रैक्शन होने पर आपका हार्ट सामान्य से कम ब्लड पंप करता है। इजेक्शन फ्रैक्शन से यह पता चलता है कि हर कॉन्ट्रैक्शन के साथ आपके हार्ट का लेफ वेंट्रिकल कितना ब्लड पंप कर रहा है। इजेक्शन फ्रैक्शन का नॉर्मल पैरामीटर पुरुषों के लिए 52 से 72 प्रतिशत है और महिलाओं के लिए इसकी रेंज 54 से 74 प्रतिशत है। इस रेंज से कम इजेक्शन होने पर आपको हार्ट से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
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लो इजेक्शन फ्रैक्शन की समस्या में आपको कई गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं। लो इजेक्शन फ्रैक्शन के प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-
लो इजेक्शन फ्रैक्शन हार्ट में खराबी होने पर होता है। हार्ट से जुड़ी कुछ बीमारियों के कारण इसका खतरा बढ़ जाता है-
लो इजेक्शन फ्रैक्शन की समस्या में डॉक्टर ससे पहले मरीज के लक्षणों को समझते हैं। इसके बाद मरीज की इकोकार्डियोग्राम, न्यूक्लीयर हार्ट स्कैन, मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग जांच की जाती है। इन जांच के सहारे डॉक्टर मरीज की स्थिति का पता करने की कोशिश करते हैं। इस समस्या से बचने के लिए आपको नियमित रूप से एक्सरसाइज और योग का अभ्यास करना चाहिए। इसके अलावा डाइट से जुड़ी अनहेल्दी आदतों से बचना चाहिए। हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल से जुड़े जरूर सुधार करने से आपको लो इजेक्शन फ्रैक्शन का खतरा नहीं रहता है।
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