मेटाबॉलिक सिंड्रोम और ऑटोइम्यून थायराइड में क्या संबंध है? डॉक्टर से जानें

मेटाबॉलिक सिंड्रोम 3 या उससे अधिक मेडिकल कंडीशन होती है, जो ऑटोइम्यून थायराइड का कारण बनती है। जानें मेटाबॉलिक सिंड्रोम और ऑटोइम्यून थायराइड में संबंध

Written by: Anju Rawat Updated at: 2021-11-26 11:14

मेटाबॉलिक सिंड्रोम और ऑटोइम्यून थायराइड (relation  between Metabolic Syndrome and Autoimmune Thyroid ) में क्या संबंध है? मेटाबॉलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome) का थायराइड फंक्शन (thyroid function) पर प्रभाव पड़ता है। रजोनिवृत्ति के बाद  हाइपोथायरायडिज्म वाली महिलाओं (hypothyroidism in women) में पुरुषों की तुलना में मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा अधिक रहता है। थायराइड की समस्या होने पर महिलाओं में थकान, कमजोरी, बाल झड़ना, अनियमित पीरियड्स आदि लक्षण (thyroid symptoms) देखने को मिलते हैं। मेटाबॉलिक सिंड्रोम और ऑटोइम्यून थायराइड में क्या संबंध है, इस बारे में जानने के लिए हमने सलाहकार एंडोक्रिनोलॉजी डॉक्टर अभिजीत भोगराज से बातचीत की-

मेटाबॉलिक सिंड्रोम क्या है? (What is Metabolic Syndrome)

मेटाबॉलिक सिंड्रोम क्या है? मेटाबॉलिक सिंड्रोम ऐसी आंतरिक स्थिति है, जिसमें भविष्य में डायबिटीज, हृदय रोग और स्ट्रोक रोग होने का जोखिम अधिक रहता है। इसके साथ ही मेटाबॉलिक सिंड्रोम में हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure), डायबिटीज (Diabetes), पेट या उसके आसपास फैट जमा होना और कोलेस्ट्रॉल लेवल (cholesterol level) भी शामिल होता है। जब किसी व्यक्ति में ये तीनों समस्या या इससे अधिक समस्या एक साथ हो जाती है, तो इस स्थिति को मेटाबॉलिक सिंड्रोम (metabolic syndrome) कहा जाता है। यानी व्यक्ति को मेटाबॉलिक सिंड्रोम होता है।

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ऑटोइम्यून थायराइड क्या है? (what is autoimmune thyroid)

दुनिया भर में करोड़ों लोग थायरॉइड डिसऑर्डर (thyroid disorder) से पीड़ित हैं। यह आजकल की एक बेहद सामान्य समस्या बन गई है। पुरुषों की तुलना में अधिकतर महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित है। इसके अलावा आजकल ऑटोइम्यून थायराइडिटिस (autoimmune thyroiditis) के मामलों में भी वृद्धि हो रही है। ऑटोइम्यून थायराइड में व्यक्ति का खुद का शरीर थायराइड के खिलाफ काम करने लगता है।

(image source : dibesity.com)

मेटाबॉलिक सिंड्रोम और ऑटोइम्यून थायराइड में संबंध (Link Between Metabolic Syndrome and Autoimmune Thyroid)

डॉ. अभिजीत भोगराज, सलाहकार एंडोक्रिनोलॉजी, मणिपाल अस्पताल, हेब्बली (Dr. Abhijit Bhograj, Consultant Endocrinology, Manipal Hospitals, Hebbal) बताते हैं कि मेटाबॉलिक सिंड्रोम वाले लोगों में ऑटोइम्यून थायराइड विकार के मामले अधिक देखने को मिलते हैं। लेकिन ये दोनों एक-दूसरे से कैसे जुड़े हैं, इस बारे में जानने के लिए अभी मूल्यांकन की जरूरत है। शरीर का अंत:स्त्रावी तंत्र प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शरीर के कई कार्यों से जुड़ा हुआ है, इसलिए अगर एक ग्रंथि में कोई समस्या होता है, तो दूसरे पर अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव देखने को मिलता है।

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मेटाबॉलिक सिंड्रोम और ऑटोइम्यून थायराइड से कैसे करें बचाव (prevention tips for Metabolic Syndrome and Autoimmune Thyroid)

मेटाबॉलिक सिंड्रोम और ऑटोइम्यून थायराइड लाइफस्टाइल डिजीज (lifestyle disease) है। इसलिए इस दोनों समस्याओं से बचाव के लिए अच्छी जीवनशैली का पालन करना बहुत जरूरी है। 

  • इन समस्याओं से बचने के लिए आपको अपनी डाइट में बदलाव (changes in diet) करना जरूरी है। इसके लिए फाइबर से भरपूर डाइट लें। गुड फैट (good fat) का सेवन करें, इससे आप मेटाबॉलिक सिंड्रोम से बच सकते हैं।
  • अपनी डाइट में होल ग्रेन, पत्तेदार सब्जियां और फलों को शामिल करें।
  • खाने में सीमित मात्रा में नमक (salt) का इस्तेमाल करें। अधिक नमक हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है, जिससे आपको मेटाबॉलिक सिंड्रोम और ऑटोइम्यून थायराइड होने का जोखिम अधिक रहता है।
  • मेटाबॉलिक सिंड्रोम और थायराइड से बचाव के लिए खुद को एक्टिव रखें। इसके लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज या वर्कआउट (exercise or workout) करें। इससे मेटाबॉलिज्म बढ़ता (increase metabolism) है। एक्सरसाइज करने से हृदय रोग का खतरा कम (low risk of heart diseases) होता है, वजन भी कंट्रोल में रहता है।
  • ब्रीदिंग एक्सरसाइज, मेडिटेशन (meditation) को भी अपनी लाइफस्टाइल में शामिल करें। इससे स्ट्रेस लेवल कम (low stress level) होगा।

आप भी अपनी लाइफस्टाइल में थोड़ा-बहुत बदलाव करके इन समस्याओं से अपना बचाव कर सकते हैं। साथ ही अगर आपको इन समस्याओं के कोई भी लक्षण नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।

(main image source : drnorthrup.com)

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