Hypnobirthing: प्रसव को आसान बनाने में मददगार है हिप्नोबर्थिंग, गायनोकोलॉजिस्ट से जानें क्‍या है ये तकनीक

हिप्नोबर्थिंग एक ऐसी तकनीक है, जो प्रसव के दर्द को कम करने में मदद करती है। आइए यहां डॉ. अरुणा कालरा से इसके बारे में जानें। सुनिश्चित करती है। 

Written by: Sheetal Bisht Updated at: 2020-06-02 08:13

मां-बाप के जीवन में संतान सुख को सबसे बड़े सुखों में से एक माना जाता है। खासकर महिलाएं बच्चे को जन्म देने के लिए धन्य हो जाती हैं। यह प्रक्रिया आसान नहीं है। शिशु को गर्भ में रखने के बाद, वे नौ महीने अपने आप में एक लंबी यात्रा है, जहाँ एक महिला स्वास्थ्य के मामले में बहुत उतार-चढ़ाव से गुजरती है। वह शारीरिक दर्द और मानसिक तनाव दोनों से ग्रस्त होती है। इतना ही नहीं, उस चरण के दौरान कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होने की संभावना होती है, जैसे कि जेस्टेशनल हाइपरटेंशन यानि गर्भावधि मे हाई ब्‍लड प्रेशर, प्रीक्लेम्पसिया और जेस्टेशनल डायबिटीज आदि के साथ अन्य छोटी और बड़ी समस्याएं होती हैं। बच्‍चे को जन्‍म देना कोई आसान काम नहीं है, प्रसव के दौरान माँ को जो दर्द होता है, वह 20 हड्डियों के टूटने के दर्द के बराबर होता है। एक आसान प्रसव के लिए, मां की मानसिक स्थिति स्थिर में होनी चाहिए। हिप्नोबर्थिंग एक तकनीक है, जो बच्चे के जन्म के लिए उपयोग मानी जाती है। 

OnlyMyHealth ने हिप्नोबर्थिंग के बारे में विस्‍तार से जानने के लिए डॉ. अरुणा कालरा से बात की, जो कि स्त्री रोग विशेषज्ञ और प्रसूति विभाग, सीके बिड़ला अस्पताल गुरुग्राम, में निदेशक हैं। यहांं डॉ. अरूणा  हिप्नोबर्थिंग तकनीक और उसके लाभों के बारे में विस्‍तार से बता रही हैं। 

हिप्नोबर्थिंग क्या है? (What is Hypnobirthing)

हिप्नोबर्थिंग बच्चे के जन्म के दौरान दर्द और चिंता को कंट्रोल करने की एक प्रक्रिया है। जिसमें विभिन्न आराम देने वाली तकनीकें शामिल हैं, जैसे गहरी साँस लेना और विज़ुअलाइज़ेशन। यह गर्भावस्था और प्रसव के दौरान अत्यधिक प्रभावी होता है क्योंकि यह महिलाओं को प्रसव के दिन के लिए तैयार करने में मदद करता है। यह हिप्नोसिस की शक्ति का उपयोग करके प्रसव के लिए महिला  को तैयार करता है। इस प्रक्रिया का अभ्यास करके महिलाएं बच्चे के जन्म से संबंधित डर और चिंता को कम कर सकती हैं। हिप्नोबर्थिंग आमतौर पर एक नेचुरल बर्थ के साथ जुड़ा हुआ है।

हिप्नोबर्थिंग में शामिल तकनीकें क्या हैं? (What are the techniques involved in Hypnobirthing)

हिप्नोबर्थिंग तकनीक गर्भवती महिला को सिखाती है कि बच्चे के जन्म से संबंधित तनाव को कैसे छोड़ा जाए और आरामदायक की स्थिति में कैसे रहें। इस प्रक्रिया में शामिल तकनीकों में से कुछ हैं:

साँस लेने की तकनीक (Breathing Techniques) 

साँस लेने की तकनीक दो प्रकार की होती है - 

पहले वाले में हल्का स्पर्श मालिश शामिल है, जो होने वाली माँ में एक शांत प्रतिक्रिया को सक्रिय करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस तकनीक का उपयोग शुरुआती चरणों में किया जाता है। इसमें नाक के माध्यम से गहरी साँस लेना और साँस छोड़ना शामिल है।

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दूसरा मन को शांत करने के लिए गहरी साँस लेना और साँस छोड़ना काफी समान है। ये साँस लेने की तकनीक माताओं को जन्म देते समय शांत रहने में मदद करती है।

सकारात्मक विचार और शब्द (Positive thoughts and words) 

एक अन्य तकनीक में सकारात्मक विचारों और शब्दों पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है। यह डर और चिंता को रोकने और कंट्रोल करने में मदद करती है।

विज़ुअलाइज़ेशन (Visualizations) 

विज़ुअलाइज़ेशन का उपयोग हिप्नोबर्थिंग तकनीक के रूप में भी किया जाता है। इस तकनीक में, गर्भवती महिला को कल्‍पना करने के लिए कहा जाता है, जिसमें फूल, सूर्योदय, आदि जैसे खिलने वाली सुखदायक चीजों की कल्पना करना शामिल है। इससे उनके दिमाग और शरीर को आराम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, ध्यान और संगीत भी महिलाओं के शरीर को और अधिक आराम करने में मदद करते हैं।

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हिप्नोबर्थिंग के फायदे  (Benefits of Hypnobirthing) 

  • हिप्नोबर्थिंग तकनीक जन्म देते समय एक महिला के शरीर को नरम करती है और प्रसव को आसान बनाने में मददगार है। 
  • यह प्रसव के दौरान दर्द को कम करने में मदद और प्रसव की तीव्रता से माताओं का ध्यान हटाने में सहायक है। 
  • यह प्रसव के अनुभव को अधिक सकारात्मक और कम डरावना या घबराहट भरा बनाती है। 
  • यह तकनीक मन और शरीर की आराम पहुंचाने की वजह से यह ऑक्सीटोसिन हार्मोन (प्यार के हार्मोन) को सक्रिय करने में मदद करती है, जो एंडोर्फिन के साथ मिलकर दर्द निवारक के रूप में काम करती है।
  • तेजी से रिकवरी और ब्रेस्‍टफीडिंग को आसान बनाए। 

हालांकि, कुछ माताओं को उन चीजों का ध्यान या कल्पना करना मुश्किल लगता है, जिनके कारण तकनीक ठीक से काम नहीं करती है। यह बहुत समय लेने वाली है क्योंकि इसमें अभ्यास, तैयारी और समर्पण के महीने लगते हैं।

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