Kansa Vatki Foot Massage: कांसे की कटोरी से करें पैरों की मसाज, मिलेगा शरीर को आराम और कई अन्‍य फायदे

Written by: Sheetal Bisht Updated at: 2020-03-03 12:51

Kansa Vatki: आयुर्वेद में आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए एक खजाना छिपा है। यह लगभग सभी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकता है। पिछले कई हजार वर्षों से आयुर्वेद कई चिकित्‍सा स्थितियों से निपटने में मदद करता आ रहा है। यह प्राचीन प्रणाली आपको मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने और रोग मुक्त जीवन जीने मे मदद कर सकती है। इससे आप शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं, आप कोई भी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या लें ले, हर समस्‍या का समाधन आयुर्वेद में है। 

मालिश आराम और थकान को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली अभ्यास है। यह लगभग सभी स्वास्थ्य मुद्दों के मूल कारण का इलाज करने के लिए नसों और रक्त परिसंचरण को उत्तेजित करता है। 

पैरों की मालिश के लिए आयुर्वेदिक कांस्‍य वटकी 

कांस्‍य वटकी के माध्‍यम से पैरों की मालिश करने के लिए की जाने वाली एक मालिश तकनीक है, जिसका अर्थ 'मेटल बाउल' है। यह धातु का कटोरा होता है, जिसे 3 धातुओं- तांबा, जिंक और टिन के साथ बनाया जाता है। इन धातुओं को उनके स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है:

कॉपर- दर्द को कम करने के लिए सूजन से लड़ता है। 

जिंक- प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और पाचन को मजबूत करता है। 

टिन- अनिद्रा, सिरदर्द और पाचन में सुधार कर लक्षणों को कम करने में सहायक।

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कांस्‍य वटकी यानि मेटल बाउल के इस कटोरे को पैरों पर रगड़ा जाता है, ताकि पूर्वोक्त कार्यों को उत्तेजित किया जा सके।

यह रिलैक्सिंग ट्रीटमेंट  पैरों पर किया जाता है लेकिन यह आपके मन और शरीर को भी लाभ प्रदान करता है। जो लोग पैरों की मालिश को केवल पैरों के लिए फायदेमंद मानते हैं, उन्हें यह जानकर आश्चर्य होगा कि यह ट्रीटमेंट सिर से लेकर पैर तक की पूरी प्रणाली में संतुलन लाती है। मालिश की यह तकनीक पैरों से लेकर शरीर में महत्वपूर्ण नसों को उत्तेजित करने का एक अनूठा उपचार है।

कांस्‍य वटकी या मेटल बाउल से कैसे की जाती है मालिश ?

  • यह 45 मिनट की मालिश है, जिसमें सफाई, व्यायाम, मालिश और आराम करना शामिल है।
  • कांस्‍य वटकी से पैर की मालिश में पहला कदम दोनों पैरों और पैरों की सफाई करना है। फिर मालिश प्रक्रिया को शुरू करने से पहले गंदगी और धूल को मिटाने के लिए त्वचा को साफ करना बहुत महत्वपूर्ण है। अगला काम, आपको कुछ फुट एक्‍सरसाइज करने की आवश्यकता होती है। 
  • इसके बाद मर्म या एक्यूप्रेशर बिंदुओं पर जोर दिया जाता है, जिन्हें चक्रों को संतुलित करने के लिए जाना जाता है। शरीर में लगभग 107 एक्यूप्रेशर बिंदु हैं, जिनमें से 14 पैरों पर स्थित हैं। इन मर्म बिंदुओं को उत्तेजित करने से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
  • इसके बाद तेल से मालिश की जाती है। जिसमें घी (मक्खन) या नारियल का तेल शामिल किया जाता है, क्योंकि ये त्वचा के लिए अच्छे हैं।
  • एक कांस्‍य वटकी या मेटल बाउल की मदद से तेल लगाने के बाद एक्यूप्रेशर बिंदुओं की मालिश की जाती है। यह प्रक्रिया कई स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा दिलाती है और ऊर्जा के प्रवाह में सुधार करती है।
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कांस्‍य वटकी के फायदे 

  • यह थके हुए पैरों को आराम देने में मदद करती है। 
  • रक्त संचार को बढ़ाती है। 
  • शरीर के निचले अंगों की मांसपेशियों और पैरों के लिगामेंट की स्थिति में सुधार करता है। 
  • पूरे शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन करता है। 
  • जोड़ो की गतिशीलता में सुधार करता है। 
  • मानसिक शांति लाने में मदद करता है। 
  • तनाव, चिंता और अवसाद के लक्षणों को कम करता है। 
  • मानसिक दृढ़ता के साथ-साथ मन और शरीर को शांत करता है। 
  • ऊर्जा प्रवाह को पुनर्स्थापित करता है। 

यह मालिश अत्यधिक आराम दे सकती है, लेकिन यह पैरों की ताकत और सहनशक्ति को बढ़ाता है और साथ में यह कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी हल कर सकती है।

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