प्रेग्नेंसी में सर्दी-जुकाम होना एक आम बात है। पर क्या इस दौरान अपने मन से खांसी की कोई भी दवा लेना सुरक्षित है? आइए जानते हैं।
मां बनना, एक महिला की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव लाता है। ये बदलाव सिर्फ जीवन में ही नहीं होता बल्कि आपके शरीर में भी होता है। इस दौरान शरीर में कई बदलाव आते हैं और हर बदलाव स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। सबसे ज्यादा दुविधा तब होती है, जब हमें गर्भावस्था में दवाइयों का सेवन करना पड़ता है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान मां के द्वारा किसी भी चीज का सेवन बच्चे के स्वास्थ्य से भी जुड़ा होता है। जिसकी वजह से छोटी-मोटी परेशानियों में भी आप अपने मन से दवाइयां नहीं ले सकतीं। आज हम बात गर्भावस्था के दौरान होने वाली एक आम रोग सर्दी-खांसी की करेंगे। होता यूं है कि सर्दी-खांसी होने पर यूं तो हम अपने मन से कुछ दवाइयां और कफ सिरप (cough syrup) ले लेते हैं, पर क्या प्रेगनेंसी में खांसी की दवा लेना इतना ही सुरक्षित है (Is cough syrup safe in pregnancy)? आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
खांसी, बंद नाक की समस्या, नाक बेहना, छींक और गले में खराश जैसे लक्षण ऊपरी श्वसन रोग के कारण हो सकते हैं, जिसे सामान्य सर्दी भी कहा जाता है। यह कई वायरस के कारण होता है और आमतौर पर ये फैलता नहीं है। हालांकि, कभी-कभी संक्रमण आसपास के अन्य अंगों में फैल जाता है, जिससे एक गंभीर बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाता है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी में इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण गर्भवती मां को खांसी भी हो सकती है। ऐसे में अपने मन खांसी की कोई भी दवा ना लें। आप अपने डॉक्टर से पूछ कर ही खांसी की दवा लें।
पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institute of Health) की मानें, तो सूखी खांसी के लिए, कफ सप्रेसेंट (cough suppressant) जैसे फोल्कोडाइन (pholcodine) या डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न (Dextromethorphan) को सुरक्षित माना जाता है। गर्भावस्था के दौरान डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न के उपयोग पर कई मानव अध्ययन किए हैं जिनमें इस दवा का गर्भवती मां और उनके बच्चे पर इसका कोई नकारात्मक असर नहीं देखा गया है। उदाहरण के लिए, स्टडी में 300 मां-बच्चे के जोड़े का अनुसरण किया, जिन्होंने पहली तिमाही के दौरान डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न लिया और इससे उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा। इसी 580 मां-बच्चे जोड़े पर भी इस दवा के असर को लेकर रिसर्च किया गया जिसमें गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय इसे लेने का कोई जोखिम नहीं नजर आया।
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खांसी की अन्य दवाओं में जैसे स्यूडोफेड्रिन (Pseudoephedrine) और फिनाइलफ्राइन (phenylephrine) सबसे आम मौखिक डिकॉन्गेस्टेंट (Decongestants) हैं। कुछ अध्ययनों में, पहली तिमाही में डिकॉन्गेस्टेंट का उपयोग, कुछ मामलों में, संवहनी व्यवधान (vascular disruption), जैसे गैस्ट्रोस्किसिस (gastroschisis) और छोटी आंतों से जुड़ी परेशानियां पैदा कर सकता है। हालांकि, कई महिलाओं के लिए इसे लेना सुरक्षित है।
गीली खांसी या कफ वाली खांसी में बलगम निकालने वाली दवाएं (expectorant) जैसे गाइफेनेसिन (guaifenesin) या म्यूकोलाईटिक (mucolytic) जैसे ब्रोमहेक्सिन (bromhexine) का डॉक्टर द्वारा अनुशंसित खुराक के अनुसार ही उपयोग करें। ध्यान रखें कि ज्यादा दिन तक खांसी वाली दवाओं का सेवन ना करें।
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इसके अलावा खांसी के घरेलू इलाज के रूप में नमक के पानी से दिन में कई बार गरारे करें। नींबू और शहद के पानी का सेवन करें। इसके अलावा कपूर को गर्म पानी में डाल कर दिन में दो बार भांप लें और ठंडी चीजों से अपना बचाव करें। साथ ही जुकाम के लक्षण जैसे छींकना, नाक बहना और बुखार के कारण आपके शरीर में कुछ तरल पदार्थों की कमी हो सकती है जो आपके और आपके बच्चे के लिए नुकसानदायक है। इसलिए इस दौरान गर्म पेय जैसे शहद वाली चाय या सूप आदि का सेवन करें। ध्यान रखें कि प्रग्नेंसी के दौरान होने वाली किसी भी स्वास्थ्य समस्या में अपने मन से कोई भी दवा न लें और हर दवा लेने से पहले डॉक्टर से बात जरूर कर लें।
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