International Yoga Day 2020: खुश रहने का मूल मंत्र है प्राण योग, जानें प्राण मुद्रा करने की विधि और फायदे

योग शरीर को चुस्‍त-दरूस्‍त व स्‍वस्‍थ रखता है। नियमित योग करने से आप तनावमुक्‍त रहते हैं और आपके मन में सकारात्‍मक विचार आते हैं। 

Written by: Sheetal Bisht Updated at: 2020-06-22 11:36

21 जून को देश भर में पांचवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 (International Yoga Day 2020) मनाया जा रहा है। जिसका उद्देश्‍य ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को योग प्रति जागरूक करना और योग को अपनी दैनिक दिनचर्या का अहम हिस्‍सा बनाना है। योग आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बेहद जरूरी है, योगाभ्‍यास से आपके रोग कट जाते हैं और यह आपको फिट रखने में मददगार है। यदि आपके जीवन में निराशा है, आप तनाव महसूस करते हैं, तो आप अपने प्राण योग को शामिल करें, यकीन मानिए रोजाना नियमित रूप से प्राण योग या प्राणयाम आपकी इन समस्‍याओं को दूर करने में मदद करेगा। सीधे शब्‍दों में कहें, तो प्राण योग या प्राणायाम खुश र‍हने का मूल मंत्र है। 

क्‍या है प्राण योग 

प्राण योग के अभ्‍यास को प्राणायाम कहा जाता है। प्राणायाम प्राण अर्थात् प्राण और आयाम। प्राण शरीर को शक्ति व बल देता है, प्राणयाम अर्थात साँस या दो साँसो मे दूरी बढ़ाना, श्‍वास और नि:श्‍वास की गति को नियंत्रण कर रोकने व निकालने की क्रिया को कहा जाता है। जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है प्राण यानि जीवन। प्राण योग यानि प्राणयाम रूट चक्र को तेज करने में मददगार है। यह प्राण शक्ति बढ़ाने में सर्वश्रेष्‍ठ माना जाता है। इसके माध्‍यम से आयु को बढ़ाया जा सकता है। प्राण योग न केवल आपके जीवन एंव स्‍वास्‍थ्‍य की रक्षा करता है, बल्कि यह शरीर के अंदर होने वाली सभी कर्मेंद्रियों और ज्ञानेन्द्रियों को शक्तिशाली बनाने में मददगार है। 

खुशी व तनावमुक्‍त होने का मूल मंत्र प्राण योग

प्राण योग या प्राणायाम के नियमित अभ्‍यास से व्‍यक्ति को सुख-शांति व आनन्‍द की अनुभूती होती है और वह खुश रहता है। इसके अलावा यह आपकी बुद्धि के विकास के लिए भी फायदेमंद है। यह रूट चक्र को तेज करता है। जिससे शरीर में अग्नि और कंपन दोनों होने लगते हैं और शरीर को ऊर्जा मिलनी शुरू हो जाती है। प्राण योग के नियमित अभ्‍यास से शरीर को कई रोगों से दूर रखा जा सकता है।  

प्राण योग करने की विधि 

  • सबसे पहले आप जमीन में चटाई बिछा लें, और आप इसके लिए सुखासन या वज्रासन में बैठ जाएं। ध्‍यान रखें आप इस अभ्यास को खड़े होकर ना करे, इसे बैठ कर किया जाता है।
  • अब आप अपने शरीर को बिना किसी तनाव के रखकर नाक से लंबी साँस भरें और फिर लंबी साँस छोडें। साँस लेते और छोडते समय एक सा दबाव बना रहे। कोशिश करें हर सांस आराम से लें। 
  • हर सांस के साथ आप मन ही मन या बाहर ओम् का उच्‍चारण करें। इससे आध्‍यात्मिक शांति और शारीरिक रूप से लाभ मिलेगा। 
  • यदि आपको उच्‍च रक्‍तचाप की समस्‍या हो, तो आप रक्‍तचाप के निंयत्रित होने पर अभ्‍यास को धीरे-धीरे शुरू कर सकते हैं।

 इसे भी पढें:  पीएम मोदी ने बताए सर्वश्रेष्‍ठ आसन सूर्य नमस्‍कार के फायदे, वीडियो में जानें तरीका

प्राण योग या प्राणायाम के फायदे

  • कब्ज, व ऐसिडिटी जैसी पेट की सभी समस्याऐं के लिए प्राणायाम करना बेहतर होता है। 
  • यह डायबिटीज, कोलेस्‍ट्रॉल व आंखों की रौशनी में मददगार है। 
  • प्राण योग या प्राणायाम त्‍वचा व बालों के साथ म‍हिलाओं में मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द में भी मददगार है। 
  • यह आपके मन को शांत व तनावमुक्‍त रखता है, जिससे आपका मन खुश रहता है, सकारात्‍मक विचार आते हैं और मन की एकाग्रता बढ़ती है। 

Read More Article On Yoga In Hindi 

Disclaimer

इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।

Related News