पिगमेंटेशन से निजात के लिए जरूरी है समय पर इलाज

लगातार धूप में रहने से त्‍वचा की रंगत हो सकती है असमान। धूप में अधिक वक्‍त बिताने के कारण शरीर में मेलानिन का स्‍तर बढ़ जाता है। मेलानिन वह तत्‍व है जो हमारी त्‍वचा की रंगत निर्धारित करता है।

Written by: Anubha Tripathi Updated at: 2013-11-20 12:23

धूप छीन लेती है आपके चेहरे का निखार। लगातार धूप में रहने से हमारी त्‍वचा की रंगत हो सकती है असमान। इसके साथ ही स्किन पर दाग धब्‍बे भी पड़ सकते हैं। धूप में अधिक वक्‍त बिताने के कारण शरीर में मेलानिन का स्‍तर बढ़ जाता है। मेलानिन वह तत्‍व है जो हमारी त्‍वचा की रंगत निर्धारित करता है। मेलानिन का स्‍तर बढ़ने से हायपरपिगमेंटेशन की समस्‍या हो सकती है।

 

त्‍वचा की ऐसी स्थिति सूर्य की रोशनी में अधिक वक्‍त बिताने, हॉर्मोन्‍स में बदलाव, अनुवांशिक कारण, दवाओं के दुष्‍प्रभाव और अन्‍य कारणों से हो सकती है। कई बार एक्‍ने की समस्‍या भी समय के साथ हायपरपिगमेंटेशन का रूप धारण कर लेती है। हम सभी को जीवन में कभी न कभी इस तरह की समस्‍या का पालन करना पड़ता है। कभी डार्क पैचेज, कभी बर्थ मार्क, कभी मस्‍से और कभी उम्र के निशान, ये समस्‍या किसी न किसी रूप में हमारे सामने आती रहती है।

 

समस्‍या को अगर जल्‍दी पहचान लिया जाए, तो इसका हल निकाल पाना आसान हो जाता है।अगर आप हायपरपिगमेंटेशन को लेकर किसी प्रकार के संशय में हैं, तो आप डॉक्‍टर से बात कर सकते हैं। डॉक्‍टर से बात करके आपको इस बात का अंदाजा हो जाएगा कि आखिर आपको किस स्‍तर का हायपरपिगमेंटेशन हैं। आपको मेलेसमा है अथवा लेंटिजेनस या फिर लिवर स्‍पॉट की परेशानी है।


मेलेसमा आमतौर पर हॉर्मोन समस्‍या से जुड़ा होता है। कई बार गर्भावस्‍था और रजोनिवृत्ति के दौरान हॉर्मोन में बदलाव होते हैं, जिनका असर भी त्‍वचा पर नजर आता है। कई बार गर्भनिरोधक गोलियां भी मेलेसमा का कारण बनती हैं। मेलेसमा के कारण गालों, माथे और ऊपरी होंठ पर निशान पड़ जाते हैं। आमतौर पर यह समस्‍या सतही होती है, लेकिन कई बार यह त्‍वचा की भीतरी परतों को भी प्रभावित करती है। और सूरज की धूप में काफी वक्‍त बिताने से यह समस्‍या और भी गंभीर हो सकती है।

 

हल्‍के रंग वालों पर दिखाती है असर

वे लोग जिनकी त्‍वचा का रंग हल्‍का है उन्‍हें झाइयां पड़ने की आशंका अधिक होती है। जिन लोगों को चोट के कारण त्‍वचा पर कोई निशान पड़ गया हो, अथवा जिन्‍हें एक्‍ने, रेशेज और स्‍ट्रेच मार्क की परेशानी हो, को हायपरपिगमेंटेशन का खतरा भी अधिक होता है।

हायपरपिगमेंटेशन के इलाज के तरीके

डॉक्‍टर से बात करें

आपके लिए सबसे जरूरी है कि किसी त्‍वचा रोग विशेषज्ञ से बात करें। वह इस समस्‍या की गंभीरता के बारे में सही सही अंदाजा लगा पाएगा और उसके आधार पर ही इस रोग का‍ निदान करना संभव होगा। डॉक्‍टर आपकी समस्‍या को देखेगा और इसके कारणों के मूल तक पहुंचेगा।

 

सनस्‍क्रीन का इस्‍तेमाल करें

अधिकतर मामलों में पिगमेंटेशन एक बाहरी समस्‍या होती है और यह किसी अन्‍य रोग का लक्षण नहीं होती। हालांकि, बीमारी होने से अच्‍छा है कि उससे बचाव के रास्‍ते अपनाये जाएं। तो इससे पहले कि समस्‍या काफी बड़ी हो जाए, जरूरी है कि आप एक अच्‍छी क्‍वालिटी का सनस्‍क्रीन इस्‍तेमाल करना शुरू कर दें। हायपरपिगमेंटेशन से बचने का यह सबसे पहला और असरदार उपाय है। इससे दाग धब्‍बे कम करने में काफी मदद मिलती है। घर से बाहर जाने से 15 मिनट पहले सनस्‍क्रीन लगाना उचित रहेगा। चेहरा धोने के बाद हर दो से तीन घंटे में इसका दोबारा इस्‍तेमाल करें। आपकी त्‍वचा के लिए किस प्रकार का सनस्‍क्रीम मुफीद रहेगा यह जानने के लिए किसी डॉक्‍टर की सहायता भी ली जा सकती है।


ऑक्‍सीजन थेरेपी

इन सब उपायों के साथ ही हायपरपिगमेंटेशन को कुछ खास स्किन ट्रीटमेंट के जरिये भी ठीक किया जा सकता है। डायमंड पालिशिंग और लाइट ऑक्‍सीजन थेरेपी इसी प्रकार के उपाय हैं। विटामिन 'सी-सीरम' और ऑक्‍सी क्‍लियर थेरेपी भी काफी मददगार साबित होते हैं। ये उपाय बेहरतीन नतीजे देते हैं और आपकी त्‍वचा को निखारने का काम करते हैं।

 

लेजर ट्रीटमेंट

लेजर थेरेपी के जरिये भी इस तकलीफ से निजात पायी जा सकती है। यह लेजर थेरेपी जन्‍मजात निशानों और टैटू हटाने में भी अपना असर दिखाती है। इस ट्रीटमेंट में कोई दर्द नहीं होता, इसलिए इसे काफी पसंद किया जाता है। कुछ सेशन के बाद ही आप निशान कम होते देख सकते हैं। लेजर ट्रीटमेंट हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है। महिला और पुरुष दोनों ही इसका समान रूप से फायदा उठा सकते हैं।

आहार हो स्‍वस्‍थ

अपने आहार में विटामिन बी कॉम्‍पलेक्‍स और विटामिन सी युक्‍त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इससे आपकी त्‍वचा को जरूरी पोषण मिलेगा और साथ ही वह डिहाइड्रेटेड नहीं होगी। ये पोषण युक्‍त आहार आपकी त्‍वचा को निखारने में काफी मददगार साबित होंगे।


हायपरपिगमेंटेशन से बचने के कुछ आसान उपाय

  • स्‍वयं को निर्जलीकरण से बचाने के लिए रोजाना आठ से दस गिलास पानी पिएं
  • चाय और कॉफी का सेवन कम मात्रा में करें
  • संभव हो तो रोजाना नारियल पानी पिएं। इससे त्‍वचा पर तो निखार आता ही है साथ ही हायपरपिगमेंटेशन से भी बचाव आता है।
  • अपने आहार में विटामिन सी और विटामिन बी कॉम्पलेक्‍स  युक्‍त खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
  • दही/नींबू का रस/इमली का पेस्‍ट/पपीते का रस/ अनानास का जूस आदि को चेहरे पर लगाएं। इससे आपकी त्‍वचा की रंगत निखर आएगी।

 

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