क्या आप जानते है कि खांसी-जुकाम हमेशा फ्लू नहीं होते है कई बार इसकी वजह केवल बदलता मौसम होता है। हांलाकि दोनों के लक्षणों मे काफी समानताएं पायी जाती हैं।
मौसम के बदलते ही अक्सर सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां लोगों को घेर लेती है। कई बार लोग इसे फ्लू समझ लेते हैं, जिसके कारण बेवजह ही परेशान हो जाते हैं। खांसी, जुकाम और बुखार के साथ गले में खराश फ्लू और जुकाम के सामान्य लक्षण होते हैं। इनके बीच का अंतर पता करना इतना आसान नहीं होता है, इसलिए लाजमी है लोगों मे सामान्य सर्दी-जुकाम इन्फ्लूएन्जा अर्थात फ्लू आदि का फर्क पता करने में समय लग जाता है।
सर्दी-जुकाम हो या फ्लू, दोनों के पीछे कुछ खास वायरस भी हो सकते हैं। सर्दी-जुकाम वाले वायरस को रिनोवायरस, पिकोर्नावायरस या कोरोनावायरस कहा जाता है। इन्फ्लूएन्जा वाला वायरस ऑर्थोमाइक्सोवाइरिडे या अगर परिवार में कोई इससे ग्रस्त है तो उससे फैलने वाला आरएनए वायरस हो सकता है। आइए हम आपकी इस समस्या को सुलझा देते हैं और दोनों के बीच के अंतर बताते हैं इस लेख में।
मौसम के बदलाव को शरीर कई बार झेल नहीं पाता है और सर्दी-जुकाम की समस्या होती है। सर्दी-जुकाम के समय पहले गले में खराश के साथ, जलन की समस्या होती है। नाक बंद हो जाती है या बहने लगती है। रोगी बार-बार नाक छींकने लगता है। हल्का बुखार भी आ जाता है। सामान्य लोगों में आमतौर पर सात दिनों के बाद जुकाम दूर हो जाता है।
यह सामान्य तौर पर सर्दी-जुकाम की ही तरह एक संक्रमण है जो लोगों को आपस में छूने से हो जाता है, हालांकि आपकी दिशा में किसी के छींकने या खांसने से भी हवा के रास्ते से उसका संक्रमण फैल सकता है। संक्रमण की संभावना उस समय सबसे अधिक रहती है, जब सर्दी-जुकाम वाले किसी व्यक्ति ने आपका हाथ छुआ हो और आप बाद में अपने हाथ से अपनी आंख, नाक या चेहरा छूते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप हाथों को अच्छी तरह धोए बिना आंख, नाक या चेहरा न छुएं। इसके कारण तेज बुखार भी आ सकता है, सिरदर्द होना, खले में खराश भी इसके लक्षण हो सकते हैं। लेकिन इसमें गले में खराश नहीं होगी, नाक नहीं बहेगी, बुखार होगा, सिरदर्द होगा।
जुकाम और फ्लू के बीच यही मुख्य अंतर होता है, हालांकि यह मुख्य अंतर हमेशा देखने में आए, यह अनिवार्य नहीं है। रोगी ही नहीं, डॉक्टर भी लक्षणों के आधार पर असली कारण की हमेशा पहचान नहीं कर पाते। फ्लू आमतौर पर एक मौसमी बीमारी के रूप में आता है। जबकि सर्दी-जुकाम किसी भी समय हो सकता है।
जो वायरस सर्दी और फ्लू दोनों का कारण बन सकते हैं, वे हमारे खून में रह जाते हैं। दरअसल जब इसके वायरस खून की कोशिकाओं में मिल जाते हैं तब सामान्य उपचार के जरिये बाहर नहीं निकल पाते हैं। ऐसे वायरस कुछ दिनों के बाद अपने आप समाप्त हो जाते हैं।
कोल्ड और फ्लू किसी तरह की समस्या हो तो और सामान्य उपचार के बाद ठीक न हो तो तुरंत चिकित्सक से मिलकर इसका उपचार करायें।
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