Stress and anxiety Reduce Tips during exams: एग्जाम आते ही बच्चे खामोश हो जाते हैं, खेलना कूदना बंद कर देते हैं।
How To Reduce Stress During Exams: आजकल के बच्चों पर पढ़ाई का प्रेशर कुछ ज्यादा ही है। रेगुलर पढ़ाई तो फिर भी हैंडल हो जाती है, लेकिन एग्जाम आते ही बच्चों पर शारीरिक और मानसिक दोनों तरह का दबाव देखने को मिलता है। एग्जाम के आते ही बच्चे घर से निकलना, लोगों से बातचीत करना, यहां तक की खेलना और कूदना भी बंद कर देते हैं। जिस तरह से इंसान के सोचने की एक सीमा है ठीक उसी तरह बच्चों के दिमाग पर भी टेंशन देने की एक क्षमता होती है। ये स्ट्रेस जब तक सीमा में है तब तक तो ठीक है पर कई बार यह इतना बढ़ जाता है कि छात्र के प्रदर्शन और सेहत पर असर डालने लगता है।
एग्जाम के स्ट्रेस में कई बार बच्चे हाइपर होने लगते हैं। एग्जाम के दौरान आपके बच्चे का दिमाग किस तरह से शांत किया जाए और कैसे उनका फोकस बढ़ाया जाए इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए हमने डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट मीता कौर मधोक से बातचीत की।
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डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट मीता कौर मधोक का कहना है कि कई बार पेरेंट्स बच्चों अच्छे नंबर और ग्रेड लेकर ये बातें कई बार सबके सामने दोहराते हैं। कई रिसर्च में ये बात सामने आई है बच्चे इन बातों को दिमाग में बैठा लेते हैं, जो पढ़ाई में उनका ध्यान भटकाती है।
बच्चों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करने में कुछ भी गलत नहीं है। समस्याएं तब आती हैं जब माता-पिता बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेशर देते हैं, आलोचना करते हैं और संदेश भेजते हैं कि बच्चों को हर कीमत अच्छे नंबर लाने की जरूरत है। ये सारी बातें बच्चों पर पॉजिटिव नहीं बल्कि नेगेटिव इफेक्ट डाल सकती हैं।
आप चाहते हैं कि बच्चा एग्जाम में अच्छे ग्रेड और नंबर लेकर आए इसके लिए घर में पॉजिटिव माहौल बनाएं। अगर आपका बच्चा कोई सवाल समझ नहीं पा रहा है तो उसे समझाएं। ये सभी चीजें बच्चों के दिमाग पर पॉजिटिव असर डालेगी। कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि एग्जाम में पेरेंट्स का सपोर्ट मिलने पर बच्चे पढ़ाई में ज्यादा फोकस कर पाते हैं।
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एग्जाम या लाइफ के किसी भी स्ट्रेस को खत्म करने के लिए फिजिकल एक्टिविटी बहुत मायने रखती है। एग्जाम के दौरान बच्चे को बाहर खेलने से न रोकें। बच्चे को थोड़ी देर खेलने, रनिंग या कोई भी फिजिकल एक्टिविटी करने दें। हर वक्त एक ही जगह बैठे रहने से भी स्ट्रेस बढ़ता है। लिहाजा बॉडी को थोड़ा मूव करें और कुछ एक्टिविटी जरूर करें।
प्री के बाद जैसे ही बच्चा मिडिल स्कूल में जाता है पेरेंट्स बच्चों पर पढ़ाई करने का ज्यादा प्रेशर बनाने लगते हैं। बच्चे रात-रात भर जागकर पढ़ाई करने लगते हैं। रात भर जागकर पढ़ने से स्ट्रेस का लेवल और भी ज्यादा बढ़ सकता है। एग्जाम के दौरान बच्चे को कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लेने दें।
अक्सर एग्जाम के स्ट्रेस और पढ़ाई का टारगेट पूरा करने के चक्कर में बच्चे ठीक से खाना नहीं खाते हैं। खाना न खाने की वजह से शरीर में पोषक की कमी होना लाजिमी है। ऐसे में बच्चे को बीच-बीच में छोटे-छोटे हेल्दी स्नैक्स दें। पढ़ाई के बीच में 15 मिनट का खाने को लेकर दिया गया ब्रेक शरीर में पोषक तत्वों की कमी नहीं होने देता है और इससे दिमागी संतुलन भी बना रहता है।
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