सोते समय ऑक्सीजन का स्तर कम होने से सांस लेने में परेशानी होती है। यदि आपको भी ये समस्या हो रही है तो अपनाएं ये उपाय।
सांस लेते समय ऑक्सीजन हमारे फेफड़ों से होते हुए कोशिकाओं तक पहुंचती है। इसके बाद रक्त प्रवाह से हुए ये कोशिकाएं शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाते हैं। इससे शरीर का संचालन होता है। अगर शरीर में ऑक्सीजन का लेवल कम हो तो शरीर में थकान व कमजोरी आने लगती है। इसके साथ ही व्यक्ति को इससे जुड़ी हुई कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अक्सर सोते में आपके सांस लेने का पैर्टन बदल जाता है, इस वजह से ब्लड में पहुंचने वाली ऑक्सीजन का लेवल भी बदलने लगता है। ब्लड में ऑक्सीजन कम होने के कई कारण हो सकते हैं। इस लेख में आपको सोते समय ऑक्सीजन को बढ़ाने के कुछ उपाय बताए गए हैं।
सोते समय मनुष्य का शरीर चार चरणों से गुजरता है, जिसे रैपिड आई मूवमेंट (REM) और नॉन आरईएम में बांटा जाता है। शरीर प्रत्येक चरण में सांस लेने के पैटर्न में बदलाव हो सकता है। सोने के बाद पहले तीन चरणों को नॉन आरईएम की श्रेणी में रखा जाता है। इसमें सांस लेने की प्रक्रिया में करीब 15 प्रतिशत की कमी आ सकती है। जबकि आरईएम चरण में सांस गहरी और ज्यादा अनियमित हो जाती है। सांस लेने के पैर्टन में बदलाव होना एक आम बात है। लेकिन कुछ मामलों में सांस लेने और छोड़ने में क्रम में बदलाव की वजह से ऑक्सीजन का लेवल तेजी से कम हो सकता है। ऑक्सीजन का लेवल ज्यादा होने पर शरीर के अंग काम करना बंद कर सकते हैं। इस स्थिति को हाइपोक्सिमिया कहा जाता है।
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जब आपके शरीर में ऑक्सीजन का लेवल का सामान्य स्तर से अधिक कम हो जाता है तो इसे हाइपोक्सिमिया कहा जाता है। शरीर के रक्त में ऑक्सीजन का सामान्य स्तर 90 से 100 प्रतिशत तक रहता है। लेकिन 90 प्रतिशत से कम होने पर हाइपोक्सिमिया होता है। ऐसे में कोशिकाओं को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। इस वजह से मस्तिष्क के कार्य को नुकसान होता है। साथ ही हार्ट संबंधी समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है।
सोते समय पीठ के बल लेटने से आपके फेफड़ों में दबाव पड़ता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। इस वजह से आपको करवट लेकर सोना चाहिए। इससे आपके नाक बंद नहीं होती है और आप सोते समय भरपूर ऑक्सीजन लेते हैं।
नाक में म्यूकस होने की वजह से सांस लेने में परेशानी हो सकती है। जिसकी वजह से शरीर का ऑक्सीजन लेवल कम हो सकता है। यदि आपको सर्दी की समस्या है तो ऐसे में नाक के म्यूकस को साफ करके ही सोने जाएं। इसके लिए आप भाप ले सकते हैं। इससे फेफड़े खुलते हैं।
कई प्लांट ऐसे होते हैं जो घर के अंदर ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने का काम करते हैं। इससे आपको सोते समय पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है और ऑक्सीजन का लेवल सही बना रहता है।
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सोते समय यदि आपको सांस लेने में परेशानी हो तो ऐसे में फ्रेश हवा कमरे में आने के लिए खिड़कियां खोलें। इसके साथ ही थोड़े समय के लिए टहल भी सकते हैं। इससे शरीर का ऑक्सीजन लेवल बेहतर होता है।
धूम्रपान न करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इसके साथ ही फेफड़े पहले की अपेक्षा अधिक ऑक्सीजन को कोशिकाओं तक पहुंचाते हैं। जिससे आपके शरीर में ऑक्सीजन का सही लेवल बना रहता है।
डाइट का प्रभाव आपके शरीर की ऑक्सीजन लेवल पर पड़ता है। यदि आप डाइट में हरी सब्जियों, दाल, डॉर्क चॉकलेट जैसे आयरन युक्त चीजों को शामिल करते हैं तो इससे ब्लड में लाल रक्त कोशिकाओं तेजी से बढ़ने लगती है। इसके साथ ही अंडे व मछली के सेवन से विटामिन डी मिलता है, जिससे आपका श्वसन तंत्र का कार्य बेहतर होता है।
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