महिलाओं के साथ पुरुषों को भी थायराइड की समस्या हो सकती है। जानें पुरुषों में थायराइड के लक्षण और कंट्रोल करने के तरीके-
आजकल थायराइड (thyroid problem) एक बेहद सामान्य समस्या बन गई है। थायराइड की समस्या अधिकतर महिलाओं (thyroid common in women) में देखने को मिलती हैं, लेकिन पुरुष भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। पुरुषों में भी थायराइड के मामले सामने आते हैं। थायराइड के कई ऐसे लक्षण हैं, जो महिलाओं और पुरुष दोनों में नजर आते हैं, लेकिन कुछ ऐसे लक्षण भी है जो सिर्फ पुरुषों में ही दिखाई देते हैं। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में कमी, खराब एकाग्रता और मांसपेशियों में दर्द पुरुषों में हाइपोथायरायडिज्म (thyroid symptoms in men) के सामान्य लक्षण हैं। अगर समय पर इन लक्षणों पर गौर नहीं किया गया, तो स्थिति खराब होने की संभावना बनी रहती है। दरअसल, थायराइड एक लाइफस्टाइल डिजीज है, इसके लक्षण जितनी जल्दी पता चलते हैं समस्या का निदान उतनी जल्दी होने में मदद मिलती है। एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉक्टर अल्तमश शेख से जानें पुरुषों में थायराइड के बारे में-
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थायराइड एक तितली के आकार की ग्रंथि है, जो गर्दन के सामने और नीचे की तरफ स्थित होती है। थायराइड ग्रंथि थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है। जब थायराइड हार्मोन असंतुलित होता है, जो इससे कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगती हैं। असंतुलित हार्मोन हाई कोलेस्ट्रॉल (high cholesterol), वजन बढ़ना, हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म का कारण बन सकता है। हाइपरथायरायडिज्म में मेटाबॉलिज्म बढ़ जाता है, जिससे तेजी से वजन कम होता है। जबकि हाइपोथायरायडिज्म में आपका मेटाबॉलिज्म ठीक से काम नहीं करता है, जिससे लगातार वजन बढ़ने लगता है। अब यह समस्या महिलाओं के साथ ही पुरुषों में भी होने लगी है। लेकिन कुछ ऐसे बेहतरीन तरीके हैं, जिनकी मदद से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है और स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है।
विटामिन ए थायराइड को नियंत्रित करने का एक सबसे अच्छा तरीका है। विटामिन ए को अपने दैनिक जीवन में शामिल करके आप अपने थायराइड को मजबूत बना सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी डाइट में विटामिन ए से भरपूर डाइट (vitamin A diet) को शामिल करना है। पीली-हरी सब्जियां, गाजर, अंडे, खुबानी, पालक और गाजर विटामिन ए के अच्छे सोर्स हैं।
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थायराइड ग्रंथि गले में सामने की तरफ स्थित होती है। यह ग्रंथि आपको दिमाग और शरीर के बीच एक संबंध के रूप में कार्य करता है। दरअसल, होता ये है कि जब आप तेजी या जल्दीबाजी में खाना खाते हैं, तो भोजन आपके शरीर और दिमाग के प्रतिक्रिया करने से पहले ही पेट में पहुंच जाता है। जब खाना धीरे-धीरे अच्छी तरह से चबाकर खाया जाता है, तो इससे थायराइड ग्रंथि को भोजन को ऊर्जा में बदलने में मदद मिलती है। इसके साथ ही आपको ओवरइटिंग करने से भी बचना चाहिए।
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ऐसे कई योग आसन हैं, जो आपके अंतःस्रावी तंत्र को उत्तेजित और समर्थन करने में मदद करते हैं। इसके अलावा योग करने से शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति भी बढ़ती है, इससे थायराइड को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। योग का अभ्यास आप धीरे-धीरे कर सकते हैं।
सिगरेट में थायोसाइनेट और निकोटीन होता है। यह आयोडीन के उत्सर्जन को बढ़ाता है, जो आपके थायरॉयड के कार्य को प्रभावित करता है। इसलिए अपने थायराइड को स्वस्थ रखने और इससे होने वाली समस्याओं से बचने के लिए धूम्रपान का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
थायराइड के रोगियों के लिए कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे चाय, कॉफी और सोया ड्रिंक के सेवन से बचना चाहिए। कैफीन थायराइड हार्मोन को असंतुलित कर सकता है। थायराइड हार्मोन को संतुलन या कंट्रोल में रखने के लिए कैफीन से दूरी बनाकर रखें।
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वैसे तो पुरुष हो या महिला सभी में थायराइड के लक्षण एक जैसे ही होते हैं, लेकिन कुछ ऐसे लक्षण हैं जो थायराइड होने पर पुरुषों में देखने को मिलते हैं। जानें पुरुषों में थायराइड के लक्षण-
हाइपोथायरायडिज्म 5% लोगों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि कई और लोगों को यह महसूस किए बिना हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि 3% से 16% पुरुषों को हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है। बढ़ती उम्र में थायराइड होने का जोखिम भी बढ़ता जोता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हाइपोथायरायडिज्म होने की संभावना 5 से 10 गुना अधिक होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हाइपोथायरायडिज्म का मुख्य कारण ऑटोइम्यून बीमारी है और ये महिलाओं में अधिक आम है।
TSH यानी थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन टेस्ट (thyroid stimulating hormone test) आपके ब्लड में थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन्स को मापते हैं। इस टेस्ट से पता लगाया जाता है कि गले में सामने की तरफ स्थित थायराइड ग्रंथि ठीक से काम कर रही है या नहीं। थायराइड ग्रंथि थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है। जब यह अधिक अधिक हार्मोन का उत्पादन करती है, तो इस स्थिति को हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। वही दूसरी तरफ जब यह ग्रंथि बहुत कम हार्मोन का उत्पादन करती है, तो इसे हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism) कहा जाता है। टीएसएच टेस्ट (TSH Test) से पता लगाया जाता है कि थायराइड हार्मोन अंडरएक्टिव है या ओवरएक्टिव है। किसी भी व्यक्ति के लिए ये दोनों स्थितियां ही गंभीर होती है। टीएसएच टेस्ट का नॉर्मल रेंज 0.4-4.0 MIU/L के बीच होता है। अगर आपके खून में टीएसएच टेस का स्तर 2.0 से अधिक होता है, तो इसे अंडरएक्टिव थायराइड (underactive thyroid) कहते हैं। इसके अलावा अगर टीएसएच का स्तर कम है, तो इसे ओवरएक्टिव थायराइड (overactive thyroid) कहा जाता है। इस स्थिति में शरीर में आयोडीन का स्तर बढ़ जाता है।
अब पुरुषों में भी थायराइड के लक्षण (thyroid symptoms) नजर आने लगे हैं। इसके लक्षण नजर आने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, इन्हें नजरअंदाज करने पर आपकी समस्या बढ़ सकती है।
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