मेनोपॉज महिलाओं के जीवन में कई बदलाव व स्वास्थ्य समस्याएं ला सकता है, जिनमें से एक है ऑस्टियोपोरोसिस।
मेनोपॉज महिलाओं के जीवन का एक अहम पड़ाव है, जिस पड़ाव से हर महिला को गुजरना पड़ता है। यह वह समय है, जब महिला अपने मासिक धर्म चक्र या पीरियड्स से छुटकारा पा लेती है। यानि सीधे शब्दों में कहा जाए, तो मेनोपॉज महिलाओं के जीवन में प्रजनन की अवधि की समाप्ति है। लेकिन यह महिलाओं के जीवन में एक बड़ा बदलाव का समय हो सकता है। इस दौरान उनमें कई शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक बदलाव आ सकते हैं, जिसकी वजह हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। अधिकांश महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान या बाद वजन बढ़ना, रात को सोते समय पसीना आना, डिप्रेशन या तनाव महसूस करना, चिड़चिड़ापन या मूड स्विंग्स होना और ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन सही व स्वस्थ खानपान और एक्सरसाइज की मदद से इन लक्षणों को कम किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि नियमित रूप से व्यायाम करने से ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षणों को कम या फिर रोका जा सकता है। लेकिन कैसे यह जानने के लिए आगे लेख को पढ़ें।
महिलाओं में मेनोपॉल के बाद ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस एक हड्डियों से जुड़ी बीमारी है, जिसमें हड्डियों का फ्रैक्चर होन और हड्डियों को नुकसान हो सकता है। यही वजह है उस दौरान महिलाओं को कैल्शियम सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है।
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ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने और मेनोपॉज के अन्य लक्षणों को कम करने के लिए आप स्वस्थ खानपान लें, जिसमें सभी पोषक तत्व हों, विशेष रूप से कैल्शियम और विटामिन डी शामिल हो। यह दोनों पोषक तत्व आपकी हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के लिए जरूरी होते हैं। इसके अलावा, आप ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए कुछ एक्सरसाइज कर सकते हैं, जो कि आपको हड्डियों के नुकसान से बचाएंगी। जिसमें आप यहां दी गई कुछ एक्सरसाइज कर सकते हैं:
#1. स्क्वाट्स और पुश-अप्स जैसे बॉडीवेट एक्सरसाइज करें।
#2. हड्डियों की मजबूती के लिए आप एरोबिक्स, डांस एक्सरसाइज, स्किपिंग, ज़ुम्बा, जंपिंग जैक, बर्पीज़ कर सकते हैं।
#3. आप कुछ बैलेंस एक्सरसाइज भी कर सकते हैं, जिसमें आप अपने पैर की उंगलियों पर चलने, एक पैर पर खड़े होने आदि बैलेंस बनाने वाले व्यायाम कर सकते हैं।
#4. इसके अलावा, आप कुछ योगासन भी कर सकते हैं। जिसमें, ट्री पोज़, ब्रिज पोज़ और कोबरा पोज़ आदि शामिल हैं।
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इसके अलावा, आप कंधे की मजबूती और पैरों की मजबूती के लिए भी कुछ एक्सरसाइज कर सकते हैं। हालांकि यहां ऊपर दिए गए सभी अभ्यास आपके लचीलेपन, संतुलन और मांसपेशियों की शक्ति में सुधार कर सकते हैं। इस प्रकार व्यायाम से आपको ऑस्टियोपोरोसिस के प्रबंधन में मदद मिलेगी।
नोट:- हालांकि आप ऑस्टियोपोरोसिस के कौन से चरण में हैं, इसके आधार पर आपको एक्सरसाइज करनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ मूव्स जैसे झुकने या ज्यादा जोड़ों पर ज्यादा खिचाव या जोर देने से फ्रैक्चर हो सकता है। इसलिए किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही व्यायाम करें।
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