खर्राटे के कारण किसी की भी नींद उड़ सकती है, यह सामान्य समस्या भी है और किसी बीमारी के कारण भी हो सकती है, योगासनों से इससे आसानी से निजात पा सकते हैं।
सोते वक्त आपके द्वारा खर्राटे लेने से किसी की नींद उड़ सकती है। खर्राटे लेना कोई सामान्य समस्या नहीं है, बल्कि यह बीमारी हो सकती है, इसे हल्के में न लें और इसके पीछे के कारणों को जानकर उसका उपचार करायें। नाक की खराबी, शराब का अधिक सेवन, सही ढंग से न सोना, मोटापा आदि की समस्या के कारण खर्राटे आते हैं। योगासनों के जरिये आसानी से आप इस समस्या निजात पा सकते हैं। Image Courtesy: Getty
खर्राटे की समस्या से निजात पाने के लिए आप प्राकृतिक तरीके आजमा सकते हैं, इसमें सबसे प्रमुख हैं योग। योगासनों के जरिये आप आसानी से खर्राटे की समस्या दूर कर सकते हैं। योगासन आपको स्वस्थ रखने में भी मदद करेंगे। तो खर्राटे के उपचार के लिए योगासन कीजिए। Image Courtesy: Getty
सांस लेने की समस्या के कारण खर्राटे आते हैं, योगासन करने से रक्त का संचार बढ़ता है। इसके अलावा योग फेफड़ की गतिविधियों को भी बढ़ाता है। योग गले और चेहरे की मांसपेशियों को भी मजबूत करता है। जिससे आप आसानी से सांस ले सकते हैं और खर्राटे नहीं आते। Image Courtesy: Getty
इसे करने के लिए पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाइये, अपनी आंखों को बंद करके गहरी सांसें लीजिए। सांसे लेते वक्त एक नाक को दबाइये, फिर दूसरी नाक को दबाकर सांसों को बाहर कीजिए। सांसों को अंदर लेने के बाद जितनी देर तक आप अपनी सांसों को रोक सकते हैं रोक लीजिए फिर उसे छोडि़ये। इस आसन को करने से नाक की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और सांस लेने के दौरान होने वाली समस्या दूर हो जाती है। Image Courtesy: yogajournal.com
प्राणायम करने से कई रोगों का निवारण होता है और शरीर भी फिट रहता है। इसे करने के लिए पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाइए। दोनों हाथ पैर के घुटनों पर होने चाहिए और सिर एकदम सीधा हो। सांसों को अदर की तरफ लीजिए, फिर जितनी देर उसे रोक सकते हैं रोकिये, फिर सांस बाहर निकालिए। सांस लेने की तुलना में सांस को बाहर करते वक्त अधिक समय लीजिए। Image Courtesy: yogajournal.com
भ्रामरी आसन के लिए सुखद आसन जैसे पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। लंबी और गहरी सांस लेते हुए सांस को शांत रखें। उसके बाद दोनों हाथों के अंगूठे से दोनों कानों को बंद कर लें। अपनी अनामिका उंगली कानों में डाल दीजिए। इस आसन को करते समय अपनी रीढ़ की हड्डी बिलकुल सीधी रखें। लंबी और गहरी सांस लेते हुए फेफड़े पूरी तरह भर लें। कुछ देर के लिए सांस रोकें। इसके बाद भवरें जैसी गुंजन करते हुए लंबी सांस को बाहर निकालें। ऐसा करते समय आवाज लगातार आनी चाहिये। फिर कुछ क्षण के लिए सांस को बाहर ही रोकें। Image Courtesy: i1.ytimg.com/
इसे करने के लिए सुखासन या पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाइये। रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें। सांसों को आराम से अंदर खींचिये, सांसों को खींचते वक्त फुफकारने जैसी ध्वनि निकलिये। सांसों को बाहर करते वक्त ध्वनि न निकालें। Image Courtesy: ak.c.ooyala.com
दोनों पैरों को मोड़कर बैठ जाइये, अपने कूल्हों को पैरों पर रखकर आगे की तरफ झुक जायें। अपने दोनों हाथों को घुटनों पर जमायें। फिर सांसों को आराम से अंदर लीजिये, और सोंसों को बाहर छोड़ते वक्त अपनी जीभ को बाहर निकाल लीजिए। इस आसन में आपकी मुद्रा शेर के दहाड़ने जैसी हो जाती है। Image Courtesy: http://healthandfitness.net.in/