जुकाम और सिर दर्द से होती है स्वाइन फ्लू की शुरुआत, जानें अन्य लक्षण और बचाव के तरीके

स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र से जुड़ी हुई बीमारी है। इसलिए इसका सबसे पहला लक्षण जुकाम है। स्वाइन फ्लू से संक्रमित व्यक्ति को सबसे पहले जुकाम होता है और वह 100 डिग्री बुखार से तपता है। जुकाम और बुखार आने के साथ साथ व्यक्ति की भूख खत्म होती है, उल्टी ...

Written by: Rashmi Upadhyay Updated at: 2019-01-04 12:14

स्वाइन फ्लू एक प्रकार का संक्रमण है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यह वायरस एक बार फिर से लोगों को अपना शिकार बना रहा है। यह फ्लू इन्‍फ्लूएंजा ए वायरस के कारण होता है। यह वायरस ज्यादातर सूअरों में पाया जाता है इसलिए इसे स्वाइन फ्लू भी कहते हैं। अच्छी तरह से साफ करके पकाया गया मांस भी खाने से कोई समस्या नहीं होती हैं। इस बीमारी के इलाज में एंटी बॉयोटिक दवाओं से इलाज करना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए कहा जाता है कि जितना हो सके स्वाइन फ्लू से संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनानी चाहिए। हाल ही में आई एक रिसर्च में कहा गया है कि स्वाइन फ्लू रोग की शुरुआत जुकाम से होती है। यानि कि यह इसके होने का सबसे पहला लक्षण है।

जुकाम से होती है इसकी शुरुआत

स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र से जुड़ी हुई बीमारी है। इसलिए इसका सबसे पहला लक्षण जुकाम है। स्वाइन फ्लू से संक्रमित व्यक्ति को सबसे पहले जुकाम होता है और वह 100 डिग्री बुखार से तपता है। जुकाम और बुखार आने के साथ साथ व्यक्ति की भूख खत्म होती है, उल्टी आने लगती है और उसके सीने में जलन और सूजन होने लगती है। यदि समय रहते व्यक्ति ने इसका इलाज नहीं कराया और इसे मामूली जुकाम समझ कर नजरअंदाज कर दिया तो स्थिति बिगड़ सकती है। 

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स्वाइन फ्लू के अन्य लक्षण

उल्‍टी, दस्‍त, थकान, पेट में दर्द आदि स्‍वाइन फ्लू के लक्षण हैं। स्वाइन फ्लू और फ्लू के लक्षण समान होने की वजह से कई बार इसके बीच अंतर कर पाना मुश्किल होता है, इसलिए अगर आपको दो दिन से ज्यादा बहुत तेज बुखार हो और सांस लेने मे दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

कब विकसित होते हैं इसके लक्षण

एच1एन1 वायरस स्टील, प्लास्टिक में 24 से 48 घंटे, कपड़े और पेपर में 8 से 12 घंटे, टिश्यू पेपर में 15 मिनट और हाथों में 30 मिनट तक एक्टिव रहते हैं। इन्हें खत्म करने के लिए डिटर्जेंट, एल्‍कोहल, ब्लीच या साबुन का इस्तेमाल कर सकते हैं। किसी भी मरीज में बीमारी के लक्षण इन्फेक्शन के बाद 1 से 7 दिन में विकसित हो सकते हैं। लक्षण दिखने के 24 घंटे पहले और 8 दिन बाद तक किसी और में वायरस के ट्रांसमिशन का खतरा रहता है।

इन लोगों को रहता है ज्यादा खतरा

स्वाइन फ्लू के शिकार सामान्य लोगों की तुलना में छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, शुगर के मरीज, ह्दय रोगी आदि में ज्यादा होते है। क्‍योंकि इनकी प्रतिरक्षा प्रणाली सामान्‍य लोगों की तुलना में कमजोर होता है। हांलाकि यह एक घातक बीमारी होती है। अगर इसका शीघ्र उपचार नहीं किया जाता है तो मरीज की मृत्‍यु हो सकती है।

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क्या मास्क से संभव है बचाव

जी हां, इस फ्लू से बचने के लिए और मरीज के पास जाने से पहले मास्‍क लगाएं। अपने हाथों को अच्‍छी तरह धुलें। किसी भी संक्रमित वस्‍तु को न छुएं। संक्रमित लोगों से दूरी बनाएं। स्‍वाइन फ्लू एक संक्रामक बीमारी है, तो इसमें मास्‍क लगाना लाभदायक होता है। आप इसकी मदद से सुरक्षित रह सकते है। अपनी सेहत का ख्याल रखें और अच्छा खाएं, ढंग से सोए और तनाव ना ले। अगर हो सके तो भीड़-भाड़ वाले इलाकों मे ना जाएं।

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