स्वाइन फ्लू वायरस इन दिनों अपना भारी प्रकोप दिखा रहा है। देश के कई हिस्सों में इसके मरीज देखे जा रहे हैं। जिसका ताजा उदाहरण झारखंड और मध्य प्रदेश है। रांची में दो छोटे बच्चे स्वाइन फ्लू की चपेट में आए हैं। ऐसे में देशभर के कई डॉक्टर्स ने गाइडला...
स्वाइन फ्लू वायरस इन दिनों अपना भारी प्रकोप दिखा रहा है। देश के कई हिस्सों में इसके मरीज देखे जा रहे हैं। जिसका ताजा उदाहरण झारखंड और मध्य प्रदेश है। रांची में दो छोटे बच्चे स्वाइन फ्लू की चपेट में आए हैं। ऐसे में देशभर के कई डॉक्टर्स ने गाइडलाइंस जारी करते हुए कहा है कि स्वाइन फ्लू बच्चों को बहुत तेजी से अपना शिकार बना रहा है। ऐसे में इसके लक्षणों में से अगर 2 भी किसी बच्चे में दिखे तो बिना लापरवाही किए तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। आज हम आपको बच्चों में स्वाइन फ्लू के लक्षण, कारण और इससे बचने के उपाय बता रहे हैं।
स्वाइन फ्लू नामक बीमारी तेजी से अपने पैर पसार रही है। हाल ही में, इस बीमारी ने भारत में भी दस्तक दे दी है। स्वाइन फ्लू का वायरस बहुत संक्रामक है। यह एक इनसान से दूसरे इनसान के बीच बहुत तेजी से फैलता है। इंफ्लूएंजा ए स्वाइन फ्लू वायरस के एक प्रकार ‘एच-1-एन-1‘ द्वारा संक्रमित व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को फैलता है।
स्वाइन फ्लू में 100 डिग्री से ज्यादा का बुखार आना आम बात है। साथ ही सांस लेने में तकलीफ, नाक से पानी बहना, भूख न लगना, गले में जलन और दर्द, सिरदर्द, जोड़ों में सूजन, उल्टी और डायरिया भी हो सकता है। स्वाइन फ्लू से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यह लाइलाज बीमारी नहीं है। थोड़ी सी एहतियात बरतकर इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।
स्वाइन फ्लू का वायरस बेहद संक्रामक है और एक इंसान से दूसरे इंसान तक बहुत तेज़ी से फैलता है। जब कोई खांसता या छींकता है, तो छोटी बून्दो में से निकले वायरस कठोर सतह पर आ जाते हैं। जिस पर ये वायरस 24 घंटो तक जीवित रह सकते हैं । आप इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं, यदि आप इन संक्रमित बून्दो के बीच सांस लेते हैं। बून्द करीब एक मीटर (3 फीट) तक पहुंचती है। जब कोई खांसता या छींकता है, तो छोटी बून्दे थोडे समय के लिए हवा में फैल जाती हैं और बाद में किसी सतह पर बैठ जाती है। हवा में फैली हुई बूंदे किसी भी इंसान को संक्रमित कर सकती हैं, यदि वह संक्रमित बूंदो को अपनी सांस के भीतर लेता है।
अगर आपके घर में कोई बच्चा स्वाइन फ्लू से पीड़ित है तो बिना देरी किए अपने चिकित्सक से संपर्क करें और डॉक्टर ने जो इलाज बताया है उसे सावधानी पूर्वक करें। यदि आपको लग रहा है कि बच्चे को फ्लू नहीं है लेकिन उसके लक्षण (जैसे कि बुखार, कफ, ठण्ड, या उल्टी) दिखाई दे रहे हों तो अपने बच्चे को बहुत सारा पानी और अन्य तरल पदार्थ पीने को कहे और अत्यधिक आराम करने को कहें। यदि आपका बच्चा 5 साल से कम उम्र का है और उसे कोई गंभीर बीमारी है, जैसे कि अस्थमा, दिल की बीमारी, मधुमेह आदि या साथ ही फ्लू जैसी बीमारी भी हो जाए, तो अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
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