एम्स से जुड़े डॉक्टर दानवीर ने सोरियाटिक अर्थराइटिस से निपटने के 5 प्रभावी तरीकों के बारे में विस्तार से बताया है। जानने के लिए पढ़ें ये लेख।
हम में से अधिकांश लोगों के लिए सर्दी वर्ष का सबसे प्रतीक्षित समय है। छुट्टियां मनाने से लेकर फैमिली गेट-टूगेदर तक, इस सीज़न का मज़ा लेने के तरीकों की कमी नहीं है। हालांकि, तापमान में गिरावट के साथ, वे लोग जिन्हें सोरियाटिक अर्थराइटिस है, आमतौर पर अपने जोड़ों में सूजन की वृद्धि का अनुभव करते हैं। यह विशेष रूप से तब होता है जब इस स्थिति के साथ रहने वाले लोग अपने मौजूदा लक्षणों की नियमित जांच करने में असमर्थ रहते हैं।
सोरियाटिक अर्थराइटिस (पीएसए) लगभग 30 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करता है, जिन्हें सोरायसिस होता है। इस प्रकार का अर्थराइटिस यानी गठिया उन लोगों को भी हो सकता है जिनको सोरायसिस नहीं है। सोरियाटिक अर्थराइटिस से पीड़ित कई लोगों ने व्यक्त किया है कि ठंड और शुष्क मौसम में और कम आर्द्रता में उनके लक्षण और भी खराब हो जाते हैं।
एक अध्ययन के अनुसार, तापमान में हर 10 डिग्री की गिरावट के साथ गठिया का दर्द बढ़ जाता है। इसके अलावा, कम वायुमंडलीय दबाव और वर्षा जैसे कारक पीएसए रोगियों के लिए जोड़ों के दर्द में वृद्धि कर सकते हैं।
धूप की कमी से भी विटामिन डी की कमी हो सकती है। नेशनल सोरायसिस फाउंडेशन (यूएसए) के अनुसार, सर्दियों के दौरान सूरज की रोशनी की कमी से विटामिन डी के संपर्क में कमी आती है, जिससे सोरियाटिक अर्थराइटिस में सूजन हो सकती है।
यहां कुछ सबसे प्रभावी तरीके दिए गए हैं जिनकी मदद से आप सर्दियों के दौरान सोरियाटिक अर्थराइटिस का बखूबी प्रबंधन कर सकते हैं:
गर्म पानी से नहाने पर जोड़ों पर दबाव कम करने और सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है। आदर्श रूप से, आदर्श पानी का तापमान लगभग 92-100° F (33-38°C) होना चाहिए, बहुत गर्म या ठंडा नहीं। लगभग 20 मिनट तक सोखने का लक्ष्य बनाएं। जोड़ों और मांसपेशियों के लचीलेपन को सुधारने और बनाए रखने के लिए नहाने के बाद हल्की स्ट्रेचिंग करने की कोशिश करें।
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विशेषज्ञ अक्सर सोरियाटिक अर्थराइटिस वाले लोगों को सलाह देते हैं कि वे सूती जैसे प्राकृतिक, मुलायम, सांस लेने में आसानी देने वाले कपड़े पहनें। ठंडी हवा के संपर्क में आने से जोड़ों का दर्द हो सकता है और त्वचा सूख सकती है। इसलिए, ठंड के मौसम में उचित रूप से कपड़े पहनना महत्वपूर्ण है। सर्दियों में गर्म रहने के लिए, सूती की आधार परत पहनने और उसके ऊपर गर्म कपड़ों की लेयर्स बनाने का प्रयास करें। उद्देश्य होना चाहिए कि जितना संभव हो उतना त्वचा को कवर करें। यह गर्मी प्रदान करने में मदद करेगा और बाहरी कपड़ों के किसी भी परेशान करने वाले फ़ाइबर्स के संपर्क में आने से भी त्वचा की रक्षा करेगा। अतिरिक्त सुरक्षा के लिए, जब भी संभव हो सौ प्रतिशत कॉटन का ऊन चुनें।
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पीएसए में जोड़ों को मजबूत और लचीला रखना महत्वपूर्ण है। इस परेशानी के साथ रहने वाले लोगों को ठंड के मौसम में कसरत करने में थोड़ी हताशा हो सकती है। हालांकि, नियमित व्यायाम उन्हें स्वस्थ और सक्रिय रहने में मदद करेगा। चाहें तो इनडोर एक्सरसाइज रूटीन का पालन कर सकते हैं। व्यायाम के तरीकों के बारे में किसी रूमैटोलॉजिस्ट और फिजियोथेरेपिस्ट के साथ परामर्श करना महत्वपूर्ण है, ताकि किसी की गतिशीलता के अनुसार व्यायाम को संशोधित किया जा सके।
सोरायटिक आर्थराइटिस से पीड़ित लोगों के लिए, सबसे उचित उपायों में से एक फ्लू का टीका है, खासकर उन लोगों के लिए जो सर्दियों के दौरान बेहद कम तापमान वाले शहरों में रहते हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, एक फ्लू वैक्सीन आमतौर पर सोरायटिक आर्थराइटिस वाले लोगों के लिए सुरक्षित है। हालांकि, पहले एक रूमैटोलॉजिस्ट की सलाह लेना उचित होगा।
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उचित स्वास्थ बनाए रखने वाले आहार हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से सोरायटिक आर्थराइटिस से पीड़ित लोगों के लिए। अधिक वजन जोड़ों के दर्द और सूजन जैसे सोरायटिक आर्थराइटिस के लक्षणों को और उभार सकता है। एक स्वस्थ आहार भी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, खासतौर से पीएसए के लिए। बहुत सारे ताजे फल और सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन का सेवन अवश्य करें और संतृप्त वसा को सीमित करें। इसके अलावा, अपर्याप्त नींद सोरायटिक आर्थराइटिस से पीड़ित लोगों के लिए हानिकारक हो सकती है।
अनुसंधान बताते हैं कि सोरायसिस और सोरायटिक आर्थराइटिस के कारण खुजली और दर्द से नींद खराब हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप थकावट और तनाव हो सकता है, जिससे इसके लक्षण और भी बदतर हो सकते हैं।
इनपुट्स: डॉ. दानवीर भाडु, सहायक प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ रूमैटोलॉजी, एम्स, नई दिल्ली।
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