प्रेगनेंसी में एमनियोटिक द्रव बढ़ने पर हो सकती हैं कई समस्याएं, जानें इसके बढ़ने के कारण और कम करने के उपाय

गर्भावस्था के दौरान एमनियोटिक द्रव बढ़ने की वजह से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जानें एमनियोटिक द्रव बढ़ने के कारण, लक्षण और बचाव।

Written by: Prins Bahadur Singh Updated at: 2022-04-19 18:22

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान शरीर में हो रहे हार्मोनल बदलाव और शरीर के बढ़ते वजन की वजह से कई ऐसी स्थितियां पैदा होती हैं जिसकी वजह से महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गर्भाशय में शिशु एक लिक्विड के सैक के अंदर रहता है। इस सैक को एमनियोटिक सैक के नाम से जाना जाता है। एमनियोटिक सैक के मौजूद लिक्विड को एमनियोटिक लिक्विड (Amniotic Fluid During Pregnancy) कहते हैं। इसकी वजह से गर्भाशय के अंदर बच्चा स्वस्थ और सुरक्षित रहता है। कई बार कुछ शारीरिक कारणों की वजह से एमनियोटिक लिक्विड की मात्रा कम या ज्यादा हो जाती है। एमनियोटिक द्रव की मात्रा बढ़ने की समस्या को पॉलिहाइड्रेमनियोस कहा जाता है। इसकी वजह से गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों को कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। कई बार गंभीर स्थितियों की वजह से गर्भ में पल रहे शिशु की मृत्यु भी हो जाती है। आइये जानते हैं प्रेगनेंसी में एमनियोटिक द्रव के बढ़ने की वजह से होने वाली समस्याएं और इसके बढ़ने के कारण और बचाव के बारे में।

प्रेगनेंसी में एमनियोटिक लिक्विड बढ़ने के कारण (Excess Amniotic Fluid During Pregnancy Causes)

प्रेगनेंसी के दौरान एमनियोटिक लिक्विड बढ़ने की वजह से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। स्टार मैटरनिटी हॉस्पिटल डॉ विजय लक्ष्मी के मुताबिक प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में एमनियोटिक लिक्विड बढ़ने की समस्या को मेडिकल की भाषा में पॉलिहाइड्रेमनियोस (Polyhydramnios in Hindi) कहा जाता है। आमतौर पर प्रेगनेंसी के 34 वें सप्ताह से लेकर 36 वें सप्ताह तक एमनियोटिक द्रव की मात्रा सबसे ज्यादा होती है और डिलीवरी होने के समय तक सामान्य हो जाती है। लेकिन अगर इसकी मात्रा अपने आप सामान्य से अधिक हो जाए तो इसकी वजह से गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों को ही गंभीर नुकसान झेलना पड़ सकता है। एमनियोटिक द्रव बढ़ने के लिए कई कारण जिम्मेदार माने जाते हैं जो कि इस प्रकार से हैं।

  • गर्भवस्था के दौरान होने वाली डायबिटीज की समस्या (Gestational Diabetes) की समस्या के कारण यह समस्या हो सकती है।
  • भ्रूण के असामान्य होने की वजह से भी एमनियोटिक द्रव की मात्रा बढ़ सकती है।
  • ट्विन टू ट्विन ट्रांसफ्यूजन सिंड्रोम (टीटीटीएस) एक ऐसी समस्या है जिसमें गर्भ में जुड़वां बच्चे होते हैं, इसकी वजह से एमनियोटिक द्रव की मात्रा ज्यादा हो जाती है। 
  • योनि में संक्रमण होने की वजह से भी एमनियोटिक द्रव की मात्रा बढ़ जाती है।
  • बच्चे में रेड ब्लड सेल्स की कमी होने की वजह से।
इसे भी पढ़ें :  प्रेगनेंसी में कुछ महिलाओं को भूख कम क्यों लगती है ? डॉक्टर से जानें इसके कारण और उपाय

एमनियोटिक द्रव बढ़ने के लक्षण (Excess Amniotic Fluid During Pregnancy Symptoms in Hindi)

गर्भ में एमनियोटिक द्रव की मात्रा बढ़ने पर महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों को गंभीर खतरा हो सकता है। एमनियोटिक द्रव बढ़ने पर आपके शरीर में ये लक्षण दिखाई देते हैं।

  • पेट में गंभीर दर्द और समस्या होना।
  • गर्भाशय या पेट का साइज बढ़ना।
  • प्रसव के पहले गंभीर दर्द।

एमनियोटिक द्रव कम करने के टिप्स (Excess Amniotic Fluid During Pregnancy Prevention Tips in Hindi)

गर्भावस्था के दौरान एमनियोटिक द्रव बढ़ने की कई वजहें होती हैं। कई बार शरीर की आंतरिक स्थितियों के कारण भी आपके एमनियोटिक द्रव का स्तर बढ़ जाता है। ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए सबसे पहले इसके कारणों के बारे में पता लगाना बहुत जरूरी होता है। एमनियोटिक द्रव बढ़ने के कारणों का पता चलने पर आप आसानी से इसे कंट्रोल में कर सकती हैं। इसके अलावा एमनियोटिक द्रव बढ़ने के लक्षण दिखाई देने पर आपको सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर इस समस्या में आपका कई तरीके से इलाज कर सकते हैं। जिन लोगों में यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है उन्हें एमनियोसेंटेसिस ट्रीटमेंट के जरिए ठीक किया जाता है।

इसे भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में एमनियोटिक द्रव की कमी हो सकती हैं ये परेशानियां, जानें इसे बढ़ाने के घरेलू उपाय

गर्भ में पल रहे बच्चे को हेल्दी बनाये रखने के लिए एमनियोटिक द्रव का स्तर सामान्य होना बहुत जरूरी है। गर्भ में एमनियोटिक द्रव बढ़ने पर आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। एमनियोटिक द्रव के बढ़ने के लक्षण दिखाई देने पर आपको इसकी जांच जरूर करानी चाहिए।

(All Image Source - Freepik.com)

 

Disclaimer

इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।

Related News