डेंगू और वायरल बुखार के लक्षणों में क्या अंतर होता है?

Difference Between Dengue and Viral Fever: डेंगू और वायरल फीवर के लक्षणों में क्या अंतर होते हैं, जानें डॉक्टर से इन दोनों में अंतर और बचाव।  

Written by: Prins Bahadur Singh Updated at: 2022-11-09 17:43

Dengue Fever Vs Viral Fever: बरसात का मौसम खत्म होने के बाद इ ही देश में डेंगू बुखार का कहर शुरू हो गया है। इन दिनों देश की राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में डेंगू बुखार का प्रकोप ‪तेजी से बढ़ा है। डेंगू के बीच मौसम में बदलाव की वजह से वायरल इन्फेक्शन और वायरल फीवर के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। डेंगू और वायरल दोनों ही परेशानी में मरीज को तेज बुखार आता है और इसकी वजह से मरीज अक्सर कंफ्यूज हो जाते हैं। बुखार आने पर डेंगू और वायरल फीवर में अंतर कर पाना मरीजों के लिए बड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसे में कई बार मरीज गलत दवाओं का सेवन भी कर बैठते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं डेंगू और वायरल फीवर में अंतर और इसके लक्षण।

डेंगू और वायरल फीवर में अंतर- Difference Between Dengue and Viral Fever in Hindi

डेंगू और वायरल फीवर की समस्या में बुखार, मांसपेशियों में दर्द और इन्फेक्शन लगभग समान ही होते हैं। डेंगू बुखार एडीज मच्छरों के काटने से होता है और वायरल फीवर वायरस के इन्फेक्शन से होता है। मौसम में बदलाव होने की वजह से कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग अक्सर इसका शिकार हो जाते हैं। वायरल फीवर की समस्या आमतौर पर 5 से 7 दिनों में अपने आप ही ठीक हो जाती है। वहीं डेंगू बुखार को ठीक होने इससे ज्यादा समय लगता है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर कहते हैं कि डेंगू बुखार में ओवर द काउंटर दवाओं का सेवन जानलेवा हो सकता है। इसलिए डेंगू की जांच करवाने के बाद डॉक्टर से इसका इलाज जरूर कराना चाहिए।

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डेंगू और वायरल फीवर के लक्षणों में अंतर-  Difference Between Dengue and Viral Fever Symptoms

डेंगू और वायरल फीवर के लक्षण भले ही समान दिखते हैं, लेकिन इन दोनों में बहुत अंतर होते हैं। डेंगू बुखार आपको डेंगू फैलाने वाले मच्छरों (एडीज) के काटने से होता है। वहीं वायरल फीवर का संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के माध्यम से हवा में फैल सकता है। अगर आप वायरल फीवर से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो उस व्यक्ति के खांसने, छींकने और नाक से निकलने वाले ड्रापलेट्स की वजह से आप संक्रमित हो सकते हैं। डेंगू बुखार में ऐसा नहीं होता है। डेंगू और वायरल फीवर के लक्षणों में प्रमुख अंतर इस तरह से है-

  • डेंगू फीवर में प्लेटलेट काउंट कम हो सकता है, एल्किन वायरल फीवर में प्लेटलेट काउंट पर असर नहीं पड़ता है।
  • डेंगू में मरीज को बुखार बहुत तेज आता है जिसे ब्रेक बोन फीवर भी कहते हैं, वायरल फीवर में मरीज को बीच-बीच में बुखार आता है।
  • डेंगू के मरीज के पाचन तंत्र पर भी बुरा असर पड़ता है और इसकी वजह से उल्टी और डायरिया हो सकती है, वहीं वायरल फीवर में मरीज को ऐसी समस्या नहीं होती है।
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  • डेंगू के मरीज का ब्लड प्रेशर भी लो हो सकता है लेकिन वायरल फीवर में ब्लड प्रेशर पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।
  • डेंगू के मरीजों के स्किन पर लाल रंग के रैशेज या चकत्ते पड़ सकते हैं, वहीं वायरल फीवर में ऐसा कोई लक्षण देखने को नहीं मिलता है।
  • डेंगू बुखार एक से दो सप्ताह तक बना रह सकता है, लेकिन वायरल फीवर 4 से 5 दिन में ठीक हो जाता है।

24 घंटे से ज्यादा समय तक बुखार बने रहने पर मरीज को जांच जरूर करानी चाहिए। एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह पर खून की जांच करवाकर इलाज लेने से आप गंभीर परेशानियों का शिकार होने से बच सकते हैं। इसके अलावा डेंगू या वायरल फीवर दोनों ही समस्या में ओवर द काउंटर दवाओं का सेवन करने से बचना चाहिए।

(Image Courtesy: Freepik.com)

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