दिल की बीमारियों और समय से पहले मौत के खतरे को दोगुना बढ़ाता है डिप्रेशन, शोध में हुआ खुलासा

Depression And Heart Diseases: हाल में हुए अध्‍ययन में पाया कि डिप्रेशन आपके दिल के स्‍वास्‍थ्‍य को प्रभावित कर हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा सकता है। 

Written by: Sheetal Bisht Updated at: 2020-06-22 11:13

चिंता, तनाव और डिप्रेशन यह तीनों ही मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं हैं, जो कि आपके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के साथ-साथ शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकती हैं। तनाव और चिंता की स्थिति जब बदतर हो जाती है, जो वह डिप्रेशन का रूप ले लेती है। डिप्रेशन एक ऐसी स्थिति है, जब इंसान सोचने समझने में असमर्थ हो जाता है। इसके अलावा, डिप्रेशन आज लोगों में आत्‍मत्‍या का भी एक प्रमुख कारण बन रहा है।

हालांकि इस संबंध में कई अध्‍ययन भी किए जा चुके हैं, जिनसे पता चलता है कि डिप्रेशन न केवल आपके मानसिक, बल्कि शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य को भी बुरी तरह प्रभावित करता है। एक हालिया अध्‍ययन में भी डिप्रेशन के शरीर पर प्रभावों पर ध्‍यान दिया गया, जिसमें पाया गया है कि डिप्रेशन व्‍यक्ति के लिए दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ाता है।

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डिप्रेशन और हृदय रोग के बीच संबंध 

JAMA साइकेट्री में प्रकाशित एक ग्‍लोबल रिसर्च के अनुसार, जो लोग डिप्रेशन से पीडि़त होते हैं, उनमें दिल की बीमारियों के साथ-साथ मृत्‍यु का खतरा भी बढ़ जाता है। कनाडा में साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय की शोध टीम डिप्रेशन ग्रस्‍त लोगों के लक्षणों और जल्दी मृत्यु के जोखिम के बीच लिंक का प्रमाण प्रदान करती है।

21 देशों के 1,45,862 लोगों के साथ किया गया अध्‍ययन

शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन में 21 देशों के 1,45,862 मध्यम आयु वर्ग के प्रतिभागियों को शामिल किया और लगातार उनको फॉलोअप किया। शोधकर्ताओं न पाया कि अध्‍ययन में जिन लोगों में 4 या उससे अधिक डिप्रेशन के लक्षण थे, उनमें हृदय रोगों के कारण होने वाली घटनाओं में 20% की वृद्धि और मृत्यु की संभावना पाई गई। अध्‍ययन में ध्‍यान देने वाली बात यह थी कि इसमें शहरी क्षेत्रों के लोगों में जोखिम दोगुना था और पुरुषों में भी इसका खतरा दोगुना से अधिक था।

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अध्‍ययन का डेटा बताता है कि दिल की बीमारियों और समय से पहले मौत के खतरे को रोकने के लिए डिप्रेशन के जोखिम कारकों पर रोक लगाना जरूरी है। डिप्रेशन के जोखिम कारकों जैसे- धूम्रपान, हाई बीपी, हाई कोलेस्‍ट्रॉल, तनाव आदि को कंट्रोल रखना बहुत जरूरी है। इसके अलावा, आपको सर्तक रहने की जरूरत है। यदि आप किसी भी व्‍यक्ति में डिप्रेशन के कोई भी लक्षण देखते हैं, तो मदद के लिए आगे आएं। 

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