बरसात के इस मौसम में डेंगू, मलेरिया और वायरल फीवर होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। इसलिए ऐसे में सावधानी ही बचाव है।
बरसात का मौसम खुशियों के साथ-साथ ढेर सारी बीमारियों की सौगात लेकर आता है। इसलिए इस मौसम में साफ-सफाई और अपने स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान की आवश्यकता होती है। बरसात के इस मौसम में डेंगू, मलेरिया और वायरल फीवर होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। इसलिए ऐसे में सावधानी ही बचाव है। इन बीमारियों के प्रति लापरवाही, जागरूकता की कमी और इलाज समय पर न मिल पाने की वजह से लगभग हर वर्ष कई लोगों की जान चली जाती है। वैसे तो डेंगू एक सामान्य बीमारी है लेकिन समय पर उपचार न मिलने के कारण यह जानलेवा साबित हो सकती है। यह मच्छर के काटने से फैलने वाला एक वायरल रोग है, जो कि एडीज मादा मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। बरसात के मौसम में गमले, कूलर या फिर टायर व पानी की टंकी में जमा पानी में भी डेंगू के मच्छर पनपने का खतरा हो सकता है।
डेंगू होने पर इसके कुछ सामान्य से लक्षण दिखाई देते हैं, जिसमें कि बुखार, सिर दर्द, उल्टी, बदन दर्द, भूख न लगना और त्वचा पर लाल चखत्ते या फिर दाने होने होते हैं। ऐसे लक्षणों के दिखते ही डॉक्टर से जांच करवा लेनी चाहिए। आइए हम आपको बताते हैं 5 ऐसी बातें, जिन्हें शायद आप नहीं जानते होंगे।
यदि आपको डेंगू का मच्छर काट देता है, तो यह सीधे आपकी व्हाइट ब्लड सेल्स को नुकसान पहुंचाता है। जिससे कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है और आपकी ब्लड प्लेटलेट्स कम होने लगती हैं। यही वजह होती है कि डेंगू से रिकवरी करने में मरीज को काफी लंबा समय लगता है।
आप में से अधिकतर लोगों को यह मालूम होगा कि डेंगू का मच्छर दिन के समय में काटता है। लेकिन जबकि ऐसा नहीं है, डेंगू का मच्छर रात के उजाले में भी काट सकता है। डेंगू के मच्छर अधिकतर सुबह या शाम को सूर्यास्त के समय काटते हैं। डेंगू का खतरा सबसे ज्यादा बरसात के मौसम में और जून से लेकर अक्टूबर के बीच अधिक होता है।
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बहुत से लोगों को लगता है कि डेंगू के कारण मरीज का प्लेटलेट्स काउंट काफी हद तक गिर जाता है, जो कि उसकी मौत का कारण भी हो सकता है। लेकिन जबकि इसके अलावा, डेंगू में मरीज में कैपिलरी लीकेज होने की वजह से भी यह जानलेवा हो सकता है। यही वजह होती है कि डॉक्टर डेंगू में मरीज को लिक्विड डाइट की सलाह देते हैं। ऐसी स्थिति डेंगू के मरीज को सिट्रिक एसिड, पपीते के पत्ते का रस, बकरी का दूध और कीवी आदि के सेवन की सलाह दी जाती है।
बहुत से लोगों को लगता है कि डेंगू का मच्छर गंदी नालियों में पनपता है, जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सबेस अधिक डेंगू मच्छर के मच्छर प्लास्टिक के ड्रम, पानी की टंकियों और कूलर में पनपते हैं। यानि कि डेंगू के मच्छर जमा पानी में पनपने का सबसे अधिक खतरा होता है।
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इस सवाल का जवाब है नहीं... डेंगू संक्रामक बीमारी नहीं है क्योंकि इसका एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने का खतरा नहीं होता है। माना जाता है कि डेंगू आपकी ब्लड सेल्स पर हमला करता है, इसलिए डेंगू में ब्लड सेल्स को बढ़ाने पर जोर दिया जाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति का प्लेटलेट काउंट लगभग 2,50000 होना चाहिए लेकिन यदि 10000 से कम यदि किसी रोगी का प्लेटलेट्स काउंट होता है, तो यह लानलेवा हो सकता है।
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