‘क्रिप्टिक प्रेगनेंसी' में प्रेगनेंट होने के बाद भी नहीं दिखते कोई लक्षण, डॉक्टर से जानें इसके बारे में

कुछ मामलों में महिलाओं को प्रेगनेंट होने के बाद भी अपनी प्रेगनेंसी का पता नहीं चल पाता है, इस अवस्था को क्रिप्टक प्रेगनेंसी कहा जाता है। जानें इसके लक

Written by: Anju Rawat Updated at: 2021-06-15 15:00

प्रेगनेंट होने के बाद प्रेगनेंसी का पता न चल पाना, ये सुनने में आपको थोड़ा अटपटा जरूर लगेगा लेकिन क्रिप्टिक प्रेगनेंसी (Cryptic Pregnancy) की अवस्था में ऐसा होना स्वाभाविक है। इसमें महिलाओं में प्रेगनेंसी के कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। वे सामान्य जिंदगी जी रही होती हैं। उन्हें इस बात का अहसास ही नहीं होता है कि उनके गर्भ में एक भ्रूण पल रहा है। मणिपाल हॉस्पिटल, द्वारका की  स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लीना एन श्रीधर से जानें आखिर क्या है क्रिप्टिक प्रेगनेंसी, इसके लक्षण और कारण (Cryptic Pregnancy Symptoms and Causes)- 

क्या है क्रिप्टिक प्रेगनेंसी (What is Cryptic Pregnancy)

‘क्रिप्टिक प्रेगनेंसी’ वह अवस्था होती है, जिसमें महिलाओं को लंबे समय तक अपने प्रेगनेंट होने का पता नहीं चल पाता है। इसमें महिलाओं में प्रेगनेंसी के सामान्य लक्षण भी नजर नहीं आते हैं। कुछ मामलों में गर्भावस्था की पहली तिमाही (First Trimester of Pregnancy) तक महिलाओं को अपने प्रेगनेंट होने का पता नहीं चल पाता है। इसे गुप्त गर्भावस्था, स्टील्थ प्रेगनेंसी और डिनाइड प्रेगनेंसी (Covert pregnancy, Stealth Pregnancy and Denied Pregnancy) के नाम से भी जाना जाता है।

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क्रिप्टिक प्रेगनेंसी के लक्षण (Cryptic Pregnancy Symptoms) 

क्रिप्टिक प्रेगनेंसी में लंबे समय तक प्रेगनेंसी का कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है। इसमें गर्भावस्था की पहली तिमाही के बाद हल्के-हल्के लक्षण नजर आते हैं। क्रिप्टिक प्रेगनेंसी में महिलाओं के पीरियड्स मिस होने के बाद भी प्रेगनेंसी टेस्ट नेगेटिव आता है। दरअसल, जिन महिलाओं में यह समस्या देखने को मिलती है उनमें प्रेगनेंसी के दौरान एचसीजी हार्मोन यानी ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन (Human Chorionic Gonadotropin) का स्तर बहुत कम हो जाता है। जबकि एचसीजी हार्मोन का लेवल ज्यादा होने पर ही प्रेगनेंसी का पता चल पाता है। प्रेगनेंसी के लंबे समय बाद दिखने वाले लक्षण-

  • ब्रेस्ट में दर्द या सूजन (Pain or Swelling in Breast)
  • मूड स्विंग (Mood Swing)
  • थकान (Fatigue)
  • जी मिचलाना  (Nausea)

जो महिलाएं क्रिप्टिक प्रेगनेंसी का शिकार होती हैं, उन्हें एक समय बाद इसका पता चल जाता है। कुछ मामलों में प्रेगनेंसी की पहली तिमाही के बाद इसका पता चलता है, तो कुछ मामलों में अंतिम तिमाही में प्रेगनेंसी (Pregnancy in Last Trimester) का पता चलता है। इतना ही नहीं कुछ मामले ऐसे होते हैं, जिनमें डिलीवरी के समय ही इसका पता लग पाता है। 

क्रिप्टिक प्रेगनेंसी के कारण (Cryptic Pregnancy Causes)

क्रिप्टिक प्रेगनेंसी बहुत ही कम महिलाओं में देखने को मिलती है। यह समस्या मानसिक और हार्मोनल कारणों (Mental and Hormonal Causes) की वजह से हो सकती है।

  • तनाव, चिंता और अकेलापन होने की वजह से महिलाओं में क्रिप्टिक प्रेगनेंसी नजर आती है।
  • जिन महिलाओं का पहले कभी गर्भपात को चुका होता है, उनमें भी यह समस्या देखी जा सकती है।
  • जींस या गुणसूत्र संबंधी विकारों (Genes or Chromosomal Disorders) के कारण भी महिलाओं में क्रिप्टिक प्रेगनेंसी देखने को मिलती है।
  • हार्मोनल बदलावों के कारण भी महिलाओं में गर्भावस्था के लक्षण नजर नहीं आते हैं।
  • पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम (Polycystic Ovarian Syndrome) भी इसका एक कारण हो सकता है।
  • गर्भनिरोधक दवाइयों के अधिक सेवन से भी महिलाएं क्रिप्टिक प्रेगनेंसी का शिकार बन सकती हैं।
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पीरियड्स मिस होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ब्लड और यूरीन टेस्ट के नेगेटिव आने के बाद डॉक्टर आपको अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दे सकते हैं। जब भ्रूण विकसित होने लगता है, तो इसका पता अल्ट्रासाउंड से लगाया जा सकता है।

अगर आपके पीरियड्स मिस होते हैं, आप घर पर ही अपनी प्रेगनेंसी की जांच करती हैं और रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो ऐसे में आपको तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynecologist) से संपर्क करना चाहिए। कई बार यह स्थिति सामान्य होती है, लेकिन कुछ मामलों में रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी आप सच में प्रेगनेंट हो सकती हैं। ऐसे में आपको घबराने या डरने की जरूरत नहीं है, यह कुछ मानसिक और हार्मोनल कारणों की वजह से हो जाता है।

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