अगर किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो उसे और उसके परिवार को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि वायरस और ज्यादा न फैले।
कोरोना वायरस के कारण इस समय लोग घबराए हुए हैं। भारत में कोविड-19 के मरीजों की संख्या 171 पहुंच गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपने-अपने घरों में रहने और बाहर न निकलने की सलाह दी है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अस्पतालों पर बोझ न बढ़ाएं। सामान्य बीमारियों के लिए अपने फैमिली डॉक्टर या परिचित डॉक्टरों से फोन पर सलाह ले सकते हैं।
इस समय सबसे ज्यादा बुरी मानसिक स्थिति उन लोगों की है, जिन्हें खांसी, जुकाम, बुखार जैसे लक्षण परेशान कर रहे हैं। चूंकि कोरोना वायरस के प्राथमिक लक्षण भी खांसी, जुकाम, बुखार ही हैं, इसलिए लोग इन स्थितियों में काफी ज्यादा घबरा रहे हैं। आइए आपको बताते हैं कि अगर किसी भी व्यक्ति को खांसी, जुकाम, बुखार जैसी समस्याएं हैं, तो उसे क्या करना चाहिए और उसके फैमिली मेंबर्स को क्या करना चाहिए।
खांसी, जुकाम और बुखार इस बात का संकेत बिल्कुल नहीं हैं कि आप कोरोना वायरस का शिकार हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसी 2000 से ज्यादा स्थितियां और बीमारियां हो सकती हैं, जिनके कारण आपको खांसी, जुकाम, बुखार की समस्या हो सकती है। खासकर मार्च के महीने में जिस तरह से कई राज्यों में बारिश और ठंड का असर अभी भी बरकरार है, उसे देखते हुए सामान्य फ्लू, निमोनिया, स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू या कॉमन कोल्ड के कारण भी खांसी, जुकाम बुखार हो सकता है। इसलिए अगर आपको ये समस्याएं हो रही हैं, तो घबराएं नहीं। अब जानें कि ऐसी स्थिति में आपको क्या करना चाहिए।
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ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो अपने घर-परिवार से अलग दूसरे शहरों में अकेले रहते हैं, खासकर स्टूडेंट्स और नौकरीपेशा लोग। अगर कोई व्यक्ति अकेला रहता है और उसे खांसी, जुकाम या बुखार की समस्या है, तो जरूरी है कि सबसे पहले वो अपने घर से निकलना बंद कर दें। ऐसे व्यक्ति को पहली बार खांसी-जुकाम या बुखार के लक्षण दिखने के बाद से कम से कम 7 दिन तक अकेले रहना चाहिए। अगर इन 7 दिनों में उसे स्थिति गंभीर होती दिख रही है, तो उसे मास्क पहनकर अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में संपर्क करना चाहिए या सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके सहायता मांगनी चाहिए।
लेकिन ध्यान रहे, अगर आपको लगता है कि आपका बुखार, खांसी या जुकाम इन 7 दिनों में सामान्य बना हुआ है, तो घबराने की बात नहीं है। इसके लिए आप अपने नजदीकी डॉक्टर से मिलकर दवा ले सकते हैं। हां, सावधानी के लिए इतना जरूर करें कि मुंह पर मास्क लगाकर ही बाहर निकलें या डॉक्टर से मिलने जाएं।
अगर आप अपने परिवार के साथ रहते हैं और आपको या परिवार के किसी भी सदस्य को खांसी, जुकाम, बुखार के लक्षण दिखते हैं, तो ऐसी स्थिति में कुछ सामान्य बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
अगर इन 14 दिनों के भीतर परिवार के किसी दूसरे सदस्य में भी वही लक्षण दिखाई देते हैं, जो पहले सदस्य में दिखाई दिए थे, तो ऐसी स्थिति में लक्षण के दिखने वाले दिन से अगले 7 दिनों तक दूसरे सदस्य को भी रहने का अलग प्रबंध करें और इंतजार करने को कहें।
यहां यह ध्यान देना जरूरी है कि अगर दूसरे सदस्य में वही लक्षण दिखाई देते हैं, तो उस सदस्य का क्वारंटाइन पीरियड उसी दिन से शुरू माना जाएगा, जिस दिन उसे लक्षण दिखने शुरू हुए, यानी अगले 7 दिन।
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अगर आपको या परिवार के किसी भी सदस्य को खांसी, जुकाम, बुखार जैसे लक्षण दिखते हैं, तो घबराने की जरूरत बिल्कुल नहीं है। सबसे पहली बात तो ये है कि भारत सरकार के अनुसार कोरोना वायरस अभी कम्यूनिटी स्तर तक नहीं फैला है, इसलिए अगर आपने हाल में कोई विदेश यात्रा नहीं की है या किसी ऐसे व्यक्ति से नहीं मिले हैं, जो विदेश से लौटा है, तो इस बात की संभावना बहुत कम है कि आप कोरोना वायरस का शिकार हुए हैं। सर्दी, जुकाम, बुखार इस सीजन में दूसरे कारणों से भी होते हैं। दूसरे तरह के फ्लू भी संक्रामक होते हैं, इसलिए वो भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकते हैं। इसलिए अगर परिवार के 2 या 2 से ज्यादा सदस्यों को भी खांसी, जुकाम, बुखार है, तो घबराने की जरूरत नहीं है।
अगर आपके घर में कोई सदस्य 60 साल या इससे ज्यादा उम्र का है और उसमें यही लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको थोड़ा सचेत रहना चाहिए। सांस की तकलीफ महसूस होते ही ऐसे बुजुर्ग व्यक्ति को सबसे पहले अस्पताल पहुंचाना चाहिए। कोरोना वायरस के कारण जो जवान लोग चपेट में आए हैं, उनके ठीक होने का रिकॉर्ड बहुत ज्यादा रहा है, इसलिए ऐसे लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन कोरोना वायरस की चपेट में आए बुजुर्गों का रिकॉर्ड दुनिया के सभी देशों में खराब रहा है, इसलिए उस स्थिति में आपको सावधान रहने की जरूरत है।
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