दिल की धड़कन में बदलाव से लग सकता है डिप्रेशन के जोखिम का अंदाजा : शोध

क्‍या आप जानते हैं कि आपकी दिल की धड़कनों में बदलाव यानि हृदय गति में बदलाव से डिप्रेशन का पता लगाया जा सकता है।  

Written by: Sheetal Bisht Updated at: 2020-09-15 12:20

कहीं आप भी तो डिप्रेशन में नहीं हैं? जब आप उदास होते हैं, तो जरूरी नहीं कि आप डिप्रेशन में हैं। ऐसा इसलिए क्‍योंकि उदासी और डिप्रेशन में अंतर हैं। जरूरी नहीं हर उदास दिखने वाला व्‍यक्ति डिप्रेशन में हो या फिर हर खुश दिखने वाला व्‍यक्ति सचमुच खुश हो। इसलिए सबसे पहले उदासी और डिप्रेशन के बीच के संबंध को समझना जरूरी है। डिप्रेशन व्‍यक्ति के व्‍यवहार के साथ-साथ संपूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य को प्रभावित करता है। इसलिए डिप्रेशन के लक्षणों को शुरूआती समय में पहचान कर, इसे कंट्रोल किया जा सकता है। हाल में हुए एक शोध में पाया गया है कि आपकी हृदय गति यानि हार्ट रेट में बदलाव से आपको डिप्रेशन का पता लगाने में मदद मिल सकती है। लेकिन कैसे? यह जानने के लिए इस लेख को आगे पढ़ें। 

हृदय गति में बदलाव और डिप्रेशन 

हाल में हुए एक नए शोध में शोधकर्ताओं ने पाया है कि 24 घंटे की हृदय गति में बदलाव को मापने से किसी व्‍यक्ति के उदास होने या डिप्रेशन में होने के बारे में मजबूत संकेत मिल सकते हैं। जी हां, शोधकर्ताओं के अनुसार, हृदय गति में ये बदलाव संभावति डिप्रेशन के शुरूआती संकेत हो सकते हैं। 

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रिसर्च

गोएथ विश्‍वविद्यालय, फ्रैंकफर्ट के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. कारमेन शियेक ने कहा: '' हमारे पायलेट अध्‍ययन से पता चलता है कि सिर्फ 24 घंटे के लिए आपकी हृदय गति को मापकर, हम 90% सटीकता के साथ बता सकते हैं कि कोई व्‍यक्ति वर्तमान में परेशान या डिप्रेशन में है या नहीं। 

हृदय गति में बदलाव से डिप्रेशन का कैसे पता चलता है? 

शोधकर्ताओ का मानना है कि आपकी दिल की धड़कन या हृदय गति और डिप्रेशन से जुड़ी है। लेकिन अब वह यह समझने में भी असमर्थ हैं कि यह एक दूसरे से कैसे जुड़े हैं। यह समझना थोड़ा मुश्किल है क्‍योंकि हृदय गति में तेजी से उतार-चड़ाव हो सकता है, जबकि डिप्रेशन एक लंबे समय तक रहता है।  

कैसे किया गया अध्‍ययन?

बेल्जियम में माइंड बॉडी रिसर्च ग्रुप के अध्ययन के अनुसार, टीम ने प्रमुख अवसादग्रस्तता विकार वाले 16 रोगियों के एक छोटे नमूने के साथ काम किया। उन्होंने 4 दिनों और 3 रातों के लिए अपने दिल की धड़कन को मापा और फिर डिप्रेशन वाले लोगों को केटामाइन उपचार या एक प्लेसबो दिया गया।

डॉ. शिक कहते हैं, “हमने पाया कि डिप्रेशन से ग्रस्त लोगों में हृदय दर अधिक थी औसतन हमने देखा कि उदास रोगियों की हृदय गति लगभग 10 से 15 बीट प्रति मिनट नियंत्रण से अधिक थी।”

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"उपचार के बाद, हमने फिर से हृदय गति दर को मापा और पाया कि पहले से डिप्रेशन रोगियों की में हृदय गति की दर में उतार-चढ़ाव दोनों नियंत्रणों में पाए जाने वाले लोगों के करीब हो गए थे। " 

इस प्रकार इस अध्‍ययन से पता चलता है कि आपकी हृदय गति दर डिप्रेशने के जोखिम का आसानी से पता लगाने में मदद कर सकती है। जो कि वास्‍तव में इस मानसिक बीमारी को ठीक करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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