क्या फूड पॉइजनिंग के कारण मिसकैरेज (गर्भपात) हो सकता है? जानें डॉक्टर की राय

फूड पाइजनिंग की समस्या गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। तो क्या इसकी वजह से मिसकैरेज हो सकता है? जानिए, डॉक्टर की राय।

Written by: Meera Tagore Updated at: 2023-03-30 12:03

Can Food Poisoning Cause Miscarriage In Hindi: गर्भवती महिलाओं को हमेशा पोषण से भरपूर आहार लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन कई बार किसी खास तरह के भोजन से उनको फूड पाइजनिंग भी हो जाती है, जो कि है तो एक आम समस्या लेकिन इसके कारण मिसकैरेज भी हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि खानपान को लेकर सर्तक रहा जाए और कुछ जरूरी प्रिकॉशन लिए जाएं। इस लेख में हम आपको कुछ खास तरह की फूड पॉइजनिंग के बारे में बता रहे हैं। साथ ही फूड पॉइजनिंग, प्रेग्नेंसी के दौरान ना हो, इसके लिए भी किन बातों पर गौर करना चाहिए, इस बारे में शांता फर्टिलिटी सेंटर की स्त्री रोग विशेषज्ञ और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. अनुभा सिंह से विस्तार में बात हुई। पेश है, जरूरी इंफॉर्मेशन। 

कई तरह के बैक्टीरिया होते हैं जिम्मेदार 

फूड पॉइजिनंग के कारण होने वाले गर्भपात में कुछ खास तरह के बैक्टीरिया जिम्मेदार होते हैं, जिनके कारण गर्भवती महिलाओं को संक्रमण या फूड पॉइजिनंग होती है, जैसे कच्चे दूध, अंकुरित दाल, सॉफ्ट चीज, खरबूजे और प्रोसेस्ड मीट में एक लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेंस नाम का बैक्टीरिया होता है, जिसके कारण लिस्टेरियोसिस नाम की बीमारी हो जाती है। इसके कारण फूड पॉइजिनंग की समस्या होती है, जो कि गर्भवती महिलाओं के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। गर्भवती महिलाओं को लिस्टेरियोसिस का संक्रमण होने पर बुखार होता है, थकान महसूस होती है, फ्लू के लक्षण भी दिखाई देते हैं, साथ ही मासपेशियां भी दर्द करती हैं। इस तरह की दिक्कत होने पर कभी भी खुद दवा नहीं लेनी चाहिए। डॉक्टर की सलाह पर ही दवा का सेवन करना चाहिए। सलमोनेलोसिज भी एक तरह की बैक्टीरिया बेस्ड बीमारी है। इसके लक्षणों में दस्त, बुखार और पेट में दर्द होता है। कई बार यह समस्या गंभीर रूप भी ले लेती है और यूरीन, ब्लड तक में इंफेक्शन फैल जाता है। यह सलमोनेलोसिज का संक्रमण अकसर अंडे और अधपके चिकेन के कारण होता है। कुछ फलों से भी यह संक्रमण हो सकता है। कुछ और बैक्टीरिया भी हैं, जिनके कारण फूड पाइजनिंग होती है। जिसमें ई कोलाई संक्रमण भी शामिल है। अगर आपने खराब भोजन किया है तो इस तरह की दिक्कत होती है। इसके होने पर दस्त जैसी समस्या देखी जाती है और यूरिन ट्रैक में भी इंफेक्शन हो जाता है। साथ ही कई और दिक्कतें भी इस संक्रमण के होने पर देखी जाती हैं।

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बचने के उपाय

फूड पॉइजनिंग के संक्रमण से बचने का एक ही उपाय है कि अपने खान-पान को लेकर सतर्क रहा जाए। खासकर गर्भवती महिलाओं को पैकेड फूड नहीं खाने चाहिए, पहले से कटा हुआ सलाद भी खाने से बचना चाहिए। सीड फूड को भी अवॉयड करना चाहिए। कच्ची चीजों जैसे, दूध और अंकुरित दालों से भी दूर रहना चाहिए। मीट को हमेशा अच्छी तरह से पकाकर खाना चाहिए, कच्चे मीट का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। फ्रीज में रखे बासी खाने को भी नहीं खाना चाहिए। मार्केट में मिलने वाले पैक्ड जूस से भी प्रेग्नेंसी के दौरान दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

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क्लीनिंग का भी ध्यान रखें

सिर्फ कुछ खास तरह का ही भोजन गर्भवती होने के दौरान अवॉयड नहीं करना चाहिए। इसी के साथ खाने से पहले साफ-सफाई का भी ध्यान रखना चाहिए। हमेशा हाथों को अच्छे से धोकर ही भोजन करना चाहिए। इसके अलावा जब भी कोई फल या सब्जी काटें तो पानी से उन्हें अच्छी तरह से धोएं। साथ ही साथ जिस चाकू से आप फल या सब्जी काट रही हैं, उसे भी अच्छी तरह से पानी से पहले साफ करें। कई बार चाकू की सतह पर भी अलग-अलग तरह के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। कोई भोजन अगर पका रही हैं तो उसे भी सही तापमान पर पकाएं। 

डॉक्टर को जरूर दिखाएं

प्रेग्नेंसी के दौरान आप डॉक्टर से रेगुलर चेकअप कराती ही हैं, लेकिन कभी-भी कोई संक्रमण या फूड पॉइजिनंग के लक्षण नजर आएं, तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें। वह आपको सही दवा देंगे और आपकी प्रेग्नेंसी को सेफ रखेंगे। इसी के साथ, आप डॉक्टर से विस्तार से जानें कि कौन-सी डाइट प्रिकॉशन आपको अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान लेनी चाहिए।

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