ब्रेस्टफीडिंग सप्ताह (Breastfeeding Week) में ओनलीमाई हेल्थ के #NoShameInBreastfeeding कैंपेन के तहत कुछ सच्ची कहानियों को आपके साथ साझा किया जा रहा है।
मां... ये एक शब्द ज़्यादातर स्त्रियों के लिए पूर्णता का प्रतीक है। एक नन्हे शिशु को, जो उसका ही अंश है, 8-9 महीने तक गर्भ में पालना और फिर उसे जन्म देना- इस काम के लिए जितना कोमल हृदय, दर्द सहने के लिए जितनी ताकत और प्यार करने के लिए जितने ममत्व की ज़रूरत होती है, वो एक मां ही पूरा कर सकती है। मगर मां बनने के बाद का सफर और भी ज़्यादा मुश्किल होता है।
"खुद के सेहत के साथ बच्चे का ध्यान रखना.... स्तनपान यानि कि ब्रेस्टफीडिंग कराते समय मां की खानपान में जरा सी चूक और उसका सीधा असर बच्चे के स्वास्थ्य और दूध के उत्पादन पर पड़ता है" यह कहना है सोनिया गुप्ता का... सोनिया हाउस वाइफ हैं और 2 बच्चे की मां हैं। फिलहाल उनका छोटा बच्चा 2 साल का होने जा रहा है। वह कहती हैं, "जब मेरा पहला बच्चा हुआ, तो उस दौरान मुझे बच्चे की देखभाल और ब्रेस्टफीडिंग के बारे में इतनी अच्छी कोई जानकारी नहीं थी। कई बार बच्चा निप्पल काट देता, जिसके कारण ब्रेस्टफीडिंग कराने में दिक्कत होती, तो कई बार बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराये ज्यादा समय निकल जाता, तो कुर्ते का ऊपरी भाग पूरा गीला हो जाता। वो गीला कुर्ता बहुत ही असहज महसूस करवाता था।
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हालांकि इतना जानती थी कि दूध को स्टोर किया जा सकता है... मगर एक बार जब दूध निकाल लिया तब फिर बनता है। इसलिए मैं बेहतर समझती थी कि बच्चे को हर 2-3 घंटे के अंतराल में दूध पिला लिया जाए। लेकिन हां मैं तो हाउस वाइफ हूं, तो घर से ज्यादा देर बाहर नहीं जाना पड़ता। लेकिन वर्किंग महिलाओं को इसमें काफी दिक्कतें होती हैं, या यूं कहें कि कम ऑफिस में इसके लिए ऐसी कोई सुविधा होती है। अगर ज्यादा देर तक बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग नहीं करवाया जाए, तो ब्रेस्ट में दर्द और मानो बुखार जैसा लगने लगता था।"
इस पर सोनिया कहती है 'जिस तरह पहली बार मां बनने वाली महिला को ब्रेस्टफीडिंग की सही जानकारी नहीं होती, ठीक वैसे ही बच्चे को भी शुरू-शुरू में दूध पीना नहीं आता। जिसकी वजह से कई बार बच्चा निप्पल को जोर से दबा या खींच देता है। जब मेरी ब्रेस्ट में जलन और दर्द होता था, तो मैं इसके लिए घरेलू उपाय अपनाया करती थी।
इसके लिए मैं बच्चे को दूध पिलाने के बाद रात के समय देसी घी या फिर नारियल के तेल को ब्रेस्ट पर लगाया करती। जिससे निप्पल की ड्राईनेस और दर्द दोनो दूर हो जाते हैं। मैं, तो कहती हूं, यह नुस्खा हर ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिला को अपनाना चाहिए। उसके बाद फिर आप बच्चे को जम कर अपना दूध पिलाएं।
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