हार्ट के मरीज हैं और मोटापे का शिकार हैं तो रहें सावधान, नई रिसर्च में हुआ ये चौंकाने वाला खुलासा

हार्ट अटैक के खतरे को वैसे तो कई फैकटर्स बढ़ाते हैं, मगर मोटापा इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक है, जो कि दूसरे-तीसरे हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा देता है।

Written by: Anurag Anubhav Updated at: 2020-01-22 10:35

दुनियाभर में सबसे ज्यादा लोग कार्डियोवस्कुलर बीमारियों के कारण मरते हैं। इन बीमारियों से मरने वालों में भी सबसे ज्यादा संख्या हार्ट अटैक के कारण मरने वालों की होती है। हार्ट अटैक एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मरीज का हृदय खून को पंप करना बंद कर देता है। अगर किसी व्यक्ति को माइल्ड हार्ट अटैक या इनकंप्लीट आ चुका है, तो उसे भविष्य में दोबारा कंप्लीट हार्ट अटैक आने का खतरा रहता है। इसी बारे में हाल में स्टॉकहोम के Karolinska Institute में एक नई रिसर्च की गई, जिसमें पाया गया कि हार्ट अटैक के जिन मरीजों का वजन ज्यादा होता है या पेट के आसपास चर्बी जमा होती है, उन्हें दोबारा हार्ट अटैक आने का खतरा बहुत ज्यादा होता है।

दवाएं लेने के बावजूद रहता है खतरा

इससे पूर्व हुए शोधों में हम सिर्फ यही जानते थे कि मोटापा पहले हार्ट अटैक का कारण बनता है। मगर इस शोध में वैज्ञानिकों ने यह स्पष्ट किया कि मोटी तोंद वाले लोगों में रिपीट हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है। इस रिसर्च के प्रमुख लेखक Dr. Hanieh Mohammadi कहती हैं, "हमारे अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों के पेट के आसपास बहुत सारा फैट जमा होता है वो भले ही ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या कोलेस्ट्रॉल की दवा और थेरेपीज ले रहे हों, उनमें हार्ट अटैक आने का खतरा अन्य लोगों की अपेक्षा ज्यादा होता है।

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इलाज के साथ-साथ मोटापा घटाने पर दें ध्यान

Dr. Mohammadi आगे कहती हैं, "हालांकि पेट की चर्बी ही पहले हार्ट अटैक या स्ट्रोक का अकेला कारण नहीं है, मगर ये पहले अटैक के बाद अगले अटैक का कारण जरूर बन सकता है। हार्ट अटैक या स्ट्रोक से बचने के लिए भले ही आप दवाएं ले रहे हैं, थेरेपीज ले रहे हैं या खूब सारे ब्लड टेस्ट्स करवा रहे हैं, मगर इनके साथ-साथ सबसे जरूरी बात यह है कि अपने पेट का दायरा कम किया जाए और एक्सट्रा चर्बी को घटाया जाए।"

22 हजार लोगों पर किया गया शोध

इस स्टडी के लिए 22,000 से ज्यादा हार्ट अटैक के मरीजों का अध्ययन किया गया, जिन्हें पहला हार्ट अटैक आ चुका था। इस शोध को लगभघ 3.8 सालों में पूरा किया गया। शोध के दौरान शोधकर्ताओं ने मोटापा, कमर की चर्बी और कार्डियोवस्कुलर बीमारियों के बीच संबंध को पता लगाने का प्रयास किया है। इस शोध में भाग लेने वाले लगभग सभी 22,000 प्रतिभागी मोटापे का शिकार थे। 80% से ज्यादा पुरुष ऐसे थे जिनके कमर का साइज 94 सेन्टीमीटर (37 इंच) या इससे ज्यादा था, वहीं 90% महिलाएं ऐसी थीं, जिनके कमर का साइज 80 सेन्टीमीटर (31 इंच) से ज्यादा था।

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अन्य फैक्टर्स के मुकाबले मोटापा ज्यादा खतरनाक

शोधकर्ताओं ने पाया कि हार्ट अटैक के खतरों के बढ़ाने वाले दूसरे फैक्टर्स जैसे- स्मोकिंग, डायबिटीज आदि तो इसका खतरा बढ़ाते ही हैं, मगर मोटापा इन सबसे ऊपर, पहले के साथ-साथ दूसरे और आगे के हार्ट अटैक का बड़ा कारण बनता है। कुल मिलाकर मोटापा एक ऐसी समस्या है, जो आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती है, इसलिए इससे जितनी जल्दी छुटकारा पा लिया जाए, उतना अच्छा है।

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