Heel Pain: आयुर्वेद की मानें, तो एड़ी का दर्द, वात दोष के कारण उठता है। शरीर में वात के असंतुलन के कारण उठने वाले दर्द को दूर करने के उपाय जान लें।
Heel Pain Ayurvedic Treatment: क्या आपको भी दौड़ने या चलने के बाद एड़ी में दर्द महसूस होता है? कुछ लोगों को, ज्यादा चलने या दौड़ने के बाद, हील एरिया में तेज दर्द का एहसास होता है। हील पेन उठने पर, एड़ी के नीचे, सामने या पीछे की तरफ दर्द और खिंचाव महसूस होता है। एड़ी में दर्द होने के पीछे, कई कारण हो सकते हैं। गलत साइज का जूता पहनने के कारण, दर्द हो सकता है। खराब क्वॉलिटी की सोल या जूते को पहनने से भी, एड़ी में दर्द हो सकता है। जो लोग दौड़ने से पहले, वॉर्मअप नहीं करते, उन्हें हील पेन (Heel Pain) की समस्या हो सकती है। एथलीट्स को अक्सर इस समस्या का सामना करना पड़ता है। एड़ी का दर्द दूर करने के लिए, कुछ आसान आयुर्वेदिक उपायों की मदद ले सकते हैं। इन उपायों को आगे विस्तार से जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के विकास नगर में स्थित प्रांजल आयुर्वेदिक क्लीनिक के डॉ मनीष सिंह से बात की।
आयुर्वेद में लेप कर्म, एक तरह का इलाज कहलाता है जिसमें औषधी की मदद से लेप तैयार किया जाता है। इसे प्रभावित स्थान पर लगाने से आराम मिलता है। लेप कर्म बनाने के लिए, आंवला, वच और जौ को मिलाएं। इसमें हल्दी मिलाएं। एड़ी का दर्द दूर करने के लिए, इस लेप को लगाकर मालिश करें। मालिश करने से, दर्द और सूजन से छुटकारा मिलेगा।
दौड़ने के बाद एड़ी में दर्द हो रहा है, तो योगराज गुग्गल (Yograj Guggul) का इस्तेमाल करें। इस जड़ी-बूटी को पीसकर पाउडर बना लें और नारियल तेल के साथ मिलाकर लगाने से आराम मिलेगा। योगराज गुग्गल के अलावा और भी कई औषधियां हैं, जिनका इस्तेमाल दर्द दूर करने के लिए कर सकते हैं। जैसे- हरड़, गुड़, लौंग, दशमूल, पिप्पली, शतावरी, रसना, अजवायन, गुडुची आदि। इन औषधियों का इस्तेमाल, अर्थराइटिस में, जोड़ों का दर्द दूर करने के लिए भी किया जा सकता है।
चित्रक (Chitrak) एक आयुर्वेदिक औषधी है, जिसे अपने स्वास्थ्य गुणों के लिए जाना जाता है। चित्रक की जड़ में वात रोगों को दूर करने के गुण होते हैं। दौड़ने के बाद एड़ी में उठने वाले दर्द को दूर करने के लिए, चित्रक का इस्तेमाल कर सकते हैं। चित्रक की जड़ को पीस लें और इसे लेप की तरह एड़ी पर लगा दें। इससे दर्द ठीक हो जाएगा। चित्रक की तासीर गरम होती है। चित्रक की गरमाहट से, एड़ी की नसों को आराम मिलेगा।
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एड़ी में तेज दर्द उठ रहा है, तो लौंग के तेल (Clove Oil) का इस्तेमाल करें। लौंग के तेल में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। लौंग का तेल, एड़ी पर लगाकर मालिश करें। लौंग के पाउडर को, अजवाइन तेल के साथ मिलाकर, दर्द वाले हिस्से में लगाने से भी आराम मिलता है। लौंग के अलावा, अदरक पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। दर्द दूर करने के लिए, अदरक का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।
अरंडी तेल या कैस्टर ऑयल (Castor Oil) में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। मांसपेशियों और हड्डियों में होने वाले दर्द और सूजन को दूर करने के लिए, इस तेल का इस्तेमाल किया जाता है। दौड़ने के बाद एड़ी में तेज दर्द उठ रहा है, तो अरंडी तेल लगाकर पैर और तलवों की मालिश करें। आयुर्वेद में, वात दोष को शांत करने के लिए, अरंडी तेल का इस्तेमाल फायदेमंद माना जाता है।
ऊपर बताए इन 5 आयुर्वेदिक उपायों की मदद से एड़ी का दर्द दूर करने में मदद मिलेगी। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।
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