Allergic Fungal Sinusitis: इस संक्रमण का इलाज वक्त रहते न किया जाए तो ब्रेन इंफेक्शन और आंखों की रोशनी चले जाने तक का खतरा रहता है।
Allergic Fungal Sinusitis: कोरोना वायरस, मंकीपॉक्स और एच1एन2 इन्फ्लूएंजा के बढ़ते मामलों के बीच एक और संक्रमण ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। देशभर में एंटी फंगल साइनोसाइटिस (AFS) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है इससे संक्रमित होने वाले व्यक्ति में सर्दी और नाक बंद होने जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि एंटी फंगल साइनोसाइटिस का पता अगर वक्त रहते चल जाए, तो मरीज ठीक हो सकता है। हालांकि अगर समय पर मरीज को इलाज नहीं मिल पाता है तो यह ब्रेन और आंखों के इंफेक्शन का कारण भी बन सकता है। एंटी फंगल साइनोसाइटिस के लक्षण क्या हैं और इससे बचाव के लिए क्या किया जाना चाहिए आइए जानते हैं इसके बारे में।
गुरुग्राम स्थित सीके बिरला अस्पताल में ईएनटी- ओटोलर्यनोलोजी डॉक्टर अनिष गुप्ता का कहना है, "पिछले कुछ दिनों में एलर्जिक फंगल साइनसाइटिस के मामलों में तेजी देखी जा रही है। ऐसे में इसके लक्षण और इलाज के बारे में जानना जरूरी है। AFS किसी व्यक्ति को तब प्रभावित करता है जब नाक और साइनस म्यूकोसा फंगल को अपने अंदर फंसा लेते हैं। कई बार बढ़ती एलर्जी और इम्यून सिस्टम के कमजोर होने से भी AFS हो सकता है।"
संक्रमण के एक मामले का जिक्र करते हुए डॉक्टर अनिष बताते हैं, "पिछले दिनों हमारे पास एक मरीज आया था, उसके दाहिने नैसल में ब्लॉक था। साथ ही मरीज में सिर में दर्द और चेहरे में दर्द जैसे लक्षण भी देखे गए थे। इस तरह के लक्षण दिखने के बाद हम लोगों के उसका सीटी स्कैन किया और तब चला कि फंगल साइनसाइटिस के कारण बलगम बीच में ही रुक रहा था। इसकी वजह से आंख और दिमाग के बीच की हड्डी का भी अंतर खत्म हो गया था। सही वक्त पर इलाज मिलने के बाद अब मरीज ठीक हो चुका है।"
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डॉक्टर के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति एंटी फंगल साइनोसाइटिस से संक्रमित है, तो उसमें नीचे दिए गए लक्षण दिखाई देते हैं :
कुछ मामलों में यह संक्रमण खतरनाक हो सकता है और साइनस की दीवार को डैमेज करके दिमाग और आंखों तक फैल सकता है। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आता है, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉक्टर अनिष गुप्ता का कहना है कि अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके एंटी फंगल साइनोसाइटिस से बचाव किया जा सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में...
घर से बाहर निकलते वक्त मास्क लगाएं
धूल और मिट्टी वाली जगह पर जाने से बचेंबाहर का खाना खाने से बचें।
With Inputs: Dr. Anish Gupta, ENT/Otolaryngology in CK Birla Hospital, Gurugram
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