50 वर्षीय डेविड आयरलैंड को मांस खाने वाली जीवाणु (flesh-eating bacteria) ने उसकी त्वचा को इस कदर प्रभावित किया है कि डॉक्टरों को उसकी 25 फीसदी त्वचा को निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा।
फ्लोरिडा के ऑरलैंडो का रहने वाला एक व्यक्ति आज बहुत ही गंभीर स्थिति से जूझ रहा है क्योंकि मांस खाने वाली जीवाणु (flesh-eating bacteria) ने उसकी त्वचा को इस कदर प्रभावित किया है कि डॉक्टरों को उसकी 25 फीसदी त्वचा को निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस खबर के सामने आने से कई सवाल खड़े हो गए हैं कि पहली बार में इस तरह का संक्रमण कैसे विकसित हो सकता है।
50 वर्षीय डेविड आयरलैंड को फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देने के बाद फ्लोरिडा अस्पताल में पहले आपातकालीन कक्ष और उसके तुरंत बाद आईसीयू में भर्ती कराया गया था, जहां उनमें समूह ए स्ट्रेप्टोकोकस के फ्लेश-ईटिंग डिजीज का पता चला। उनके भाई का कहना है कि अस्पताल में भर्ती होने के बाद से डेविड के शरीर से करीब एक चौथाई त्वचा को हटाने के लिए तीन अलग-अलग सर्जरी हो चुकी है।
एक वेबसाइट के मुताबिक, डेविड की किडनी भी फेल हो चुकी है लेकिन उनका ब्लड प्रेशर और लिवर खतरे से बाहर है, जिसके कारण उनकी रिकवरी के संकेत दिखाई दे रहे हैं। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि डेविड को यह संक्रमण कहां से हुआ।
वहीं डेनियल ने मियामी हेराल्ड को बताया कि वह अक्सर अपने दो बच्चों के साथ पूल में नहाने जाया करता था और वह कभी भी किसी नहर या समुद्र में नहाने नहीं गया। इस छोटी सी जानकारी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या जल के प्राकृतिक स्त्रोतों से ही मांस खाने वाले जीवाणु पैदा हो सकते हैं या फिर ये पूल और हॉट से भी आपको संक्रमण प्रभावित कर सकता है। इस बात का जब पता लगाया गया तो कुछ हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई, जिसने सभी को चौंका दिया।
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एनवाईयू लैंगवन हेल्थ में सहायक प्रोफेसर और संक्रमण रोग विशेषज्ञ एमडी वैनेसा रैबे का कहना है कि दुर्भाग्यवश ऐसा सही है। आपको ताजे व खारे पानी से मांस खाने वाले जीवाणुओं से इस प्रकार का संक्रमण हो सकता है। हालांकि पूल और हॉट टब में यह बैक्टीरिया होने की संभावना थोड़ी कम होती है क्योंकि इनमें पाया जाने वाला क्लोरिन कंटेट कई हानिकारक जीवाणुओं को मार देता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह पूरी तरह से समाप्त हो जाते हैं बल्कि इनकी प्रभावित करने की संभावना कम हो जाती है।
डॉ. रैबे का कहना है कि विशिष्ट प्रकार के जीवाणु जो आमतौर पर मांस खाने वाले जीवाणु का कारण बनते हैं, वह समूह ए स्ट्रेप का एक हिस्सा है, जो अत्यधिक आक्रामक हो सकता है। सीडीसी के मुताबिक, यह बैक्टीरिया आमतौर पर हमारी त्वचा पर लगे किसी कट, घाव, जलने, रैश और तो और किसी कीड़े के काटने के माधयम से शरीर में प्रवेश करता है। शरीर में एक बार घुस जाने के बाद यह बैक्टीरिया बहुत तेजी से फैलता है।
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उन्होंने कहा, ''यह आपके शरीर में प्रवेश करते हैं और कुछ ही घंटों में अपना बसेरा बना लेते हैं। इनके शरीर में प्रवेश करने के बाद प्रभावित हिस्से की त्वचा पर लालपन या सूजन, तेज दर्द और बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे-जैसे यह संक्रमण बढ़ता जाता है इनमें पस पड़ना, त्वचा के रंग में बदलाव और त्वचा पर छाले दिखाई देने लगते हैं।''
शुरुआती चरण में इस संक्रमण के उपचार के लिए एंटीबायोटिक का प्रयोग किया जाता है। हालांकि अगर बैक्टीरिया ने ज्यादा टिश्यू खराब कर दिए हैं तो डॉक्टर संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मृत टिश्यू को हटाने की जरूरत पर जोर दे सकता है। कुछ मामलों में मांस खाने वाले जीवाणु सेप्सिस, अंगों की विफलता और मौत का कारण भी बन सकते हैं।
इन प्रकार के बैक्टीरिया के संपर्क में आना बहुत ही दुर्लभ है लेकिन आप हमेशा निशाने पर होते हैं और आपके लिए खुद को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। अगर आपके शरीर के किसी हिस्से पर कट है, जला हुआ है या फिर कहीं घाव है तो आप पानी से दूर ही रहें। डॉ. रैबे का कहना है कि अगर आप पानी में जा रहे हैं तो सबसे जरूरी है कि आप वॉटरप्रूफ ड्रेस से अपनी त्वचा को कवर करें।
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