World Alzheimer's Day: याददाश्त में कमी तो अल्जाइमर का प्रमुख लक्षण है ही, लेकिन इसके अलावा भी इस बीमारी के कई संकेत दिख सकते हैं। जानें इनके बारे में
अल्जाइमर दिमाग से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसमें मुख्य रूप से व्यक्ति की याददाश्त चली जाती है या उसकी याददाश्त और निर्णय से जुड़ी क्षमताओं में कमी आने लगती है। एक अनुमान के मुताबिक 80% लोग बुढ़ापे तक अल्जाइमर का शिकार हो चुके होते हैं। इसीलिए इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस (World Alzheimer's Day) मनाया जाता है।
शारदा हॉस्पिटल, नोएडा के न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. विकास भारद्वाज बताते हैं कि अल्जाइमर डिमेंशिया का सबसे आम प्रकार है। इसके शुरुआती लक्षण लोगों में अलग-अलग तरह के हो सकते हैं। लेकिन आमतौर पर ज्यादातर लोगों में याददाश्त चले जाना (मेमोरी लॉस) के लक्षण दिखते हैं। अल्जाइमर बीमारी समय के साथ बढ़ती जाती है और इस बीमारी की कई स्टेज होती हैं, जैसे- प्री-क्लीनिकल, माइल्ड, मॉडरेट और सीवियर (गंभीर) या लास्ट स्टेज।
इस बीमारी के लक्षणों में याददाश्त की कमी होना, निर्णय न ले पाना, बोलने में दिक्कत आना तथा फिर इसकी वजह से सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं की गंभीर स्थिति आदि शामिल हैं। रक्तचाप, मधुमेह, आधुनिक जीवनशैली और सर में कई बार चोट लग जाने से इस बीमारी के होने की आशंका बढ़ जाती है। अमूमन 60 वर्ष की उम्र के आसपास होने वाली इस बीमारी का फिलहाल कोई स्थायी इलाज नहीं है। हालांकि बीमारी के शुरूआती दौर में नियमित जांच और इलाज से इस पर काबू पाया जा सकता है। हम आपको 10 ऐसे संकेत के बारे में बता रहे हैं, जो अल्जाइमर रोग होने की ओर इशारा करते हैं।
नाम भूलना, चीजों को गुमा देना, अपने नियोजनों को भूलना, शब्दों को याद ना रख पाना, चीजों को सीखने में और उन्हें याद रखने में कठिनाई होना एक आम बात हो जाती है। तीव्र उन्माद के कारण आपकी पूरी दीर्घकालिक और अल्पकालिक स्मृति का नाश हो सकता है, अतः आप अपने प्रियजनों, रिश्तेदारों या दोस्तों को पहचानने में भी असमर्थ हो सकते हैं।
आप में तर्क करने की क्षमता नहीं रहती, आप विकल्पों के बीच निर्णय नहीं ले पाते। उदाहरण के लिए, अगर गर्मी का मौसम है, तो आरामदायक सूती कपड़ा पहनने का निर्णय लेने के बजाह आप सर्दियों वाला मोटा जैकेट पहन लेंगे।
शरीर पर नियंत्रण ना होने के कारण आप गिर सकते हैं तथा खाना पकाने में, ड्राइविंग करने में या घर के अन्य कामों को पूरा करने में भी आपको कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। अगर उन्माद बहुत तीव्र हो जाए तो आप अपने रोज मरोज के काम जैसे नहाना, कपड़े पहनना, तैयार होना, खाना खाना, शौचालय जाने जैसे काम भी बिना किसी सहायता के नहीं कर पाएंगे।
इस बीमारी के कारण अक्षरों और अंकों को पहचानना कठिन हो सकता है और हिसाब करने में मुश्किलें आ सकती हैं। आपको अपने व्यक्तिगत वित्तों को व्यवस्थित करने में भी मुश्किलें आएंगी।
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आपको दिन, तारीख और समय भी याद नहीं रहता और परिचित लोगों को तथा स्थानों को पहचानने में भी असक्षम हो सकते हैं। आप अपने घर का पता भी भूल सकते हैं, आप कहा रहते हैं, या काम करते हैं, या फिर चलते चलते ही रास्ता भूल सकते हैं।
आप शायद एक भाषा भी ठीक से ना बोल पाएं, अपनी बातों को शब्दों में ना व्यक्त कर पाएं या आपको बातों को या लिखित अक्षरों को समझने में कठिनाई हो सकती है।
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आप बेवजह बहुत आक्रमक, चिंतित या संदिग्ध हो सकते हैं। सामाजिक तौर पर आप एक आम व्यक्ति ही रहते हैं, पर अचानक आपके व्यक्तित्व में ये बदलाव आते हैं, और जब आप इसे बाहर निकलते हैं आप फिर से एक शांत व्यक्ति बन जाते हैं।
आपके बर्ताव में बदलाव नज़र आता है, आपका मिजाज एकदम से बदल जाता है, बेवजह आपको गुस्सा आ जाता है। आप अनुचित व्यवहार प्रकट कर सकते हैं, आप उत्तेजित होकर लोगों के साथ बुरा व्यवहार भी कर सकते हैं।
आप लोगों को, जानवरों को या अन्य ऐसी चीजों को देखेगें या सुनेंगे जो वहां थी ही नहीं। भ्रम, अयथार्थता का कारण बन सकता है, उदाहरण के लिए अपने मृत पिता को देखना और यह मानना कि वह जीवित है जबकि वह मर चुकें हैं।
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आप बेवजह दूसरों की मंशा पर शंक करने लगते हैं। अत्यधिक चिंता और भय के कारण व्यक्ति में उन्माद बढ़ता है। इसके कारण भम्र बढ़ता है और आप भावुक, संदिग्ध, चिड़चिड़े, अंतर्मुखी, उदास, जिद्दी, ईर्ष्या, स्वार्थी, एकांतप्रिय और कड़वे स्वभाव के हो जाते हैं।
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