जल मुद्रा एक सरल लेकिन प्रभावशाली योग मुद्रा है जो शरीर में जल तत्व को संतुलित करने में मदद करती है। यह मुद्रा त्वचा, पाचन और मानसिक शांति से जुड़े लाभ प्रदान करती है। तो आइए जानते हैं जल मुद्रा करने का सही तरीका क्या है।
कैसे करें जल मुद्रा?
जल मुद्रा करने के लिए आप सबसे पहले शांत जगह पर सुखासन या पद्मासन में बैठें और अपनी पीठ को सीधा रखें ताकि ऊर्जा का प्रवाह ठीक से हो सके और ध्यान केंद्रित रह सके।
दूसरा स्टेप
अब अपने दोनों हाथों की छोटी उंगलियों को अंगूठे के सिरों से हल्के से स्पर्श कराएं। बाकी तीनों उंगलियों को सीधा रखें लेकिन बहुत ज्यादा तनाव न दें।
अंतिम स्टेप
यह मुद्रा करते समय आंखें बंद रखें और गहरी सांस लें। सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए मन को शांत करें और अपने शरीर में पानी तत्व के संतुलन की कल्पना करें।
कब करें?
जल मुद्रा को रोजाना सुबह खाली पेट या खाने के दो घंटे बाद किया जा सकता है। इससे शरीर को अधिकतम लाभ मिलता है और पाचन भी सही बना रहता है।
कितनी देर करें?
इस मुद्रा को दिन में एक से दो बार, हर बार कम से कम 15 से 20 मिनट तक किया जा सकता है। नियमित अभ्यास से इसका असर और गहरा होता है।
जल मुद्रा के फायदे
यह मुद्रा शरीर में पानी तत्व को संतुलित करती है, जिससे त्वचा हाइड्रेटेड रहती है और सूखापन, झुर्रियों जैसी समस्याएं दूर होती हैं। यह खासतौर पर गर्मियों में बेहद उपयोगी है।
मानसिक तनाव से राहत
जल मुद्रा मानसिक तनाव और चिड़चिड़ेपन को भी कम करती है, क्योंकि यह शरीर के शीतलकारी तत्व को बढ़ावा देती है और मस्तिष्क को ठंडक पहुंचाती है।
जल मुद्रा करने से पहले अपने डॉक्टर या योग विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें, खासकर अगर आप किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हों या कोई नियमित दवा ले रहे हों। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com