प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, उनमें से एक गंभीर समस्या यूट्रीन रप्चर है, जो आमतौर पर तीसरी तिमाही में देखने को मिलती है।
एक्सपर्ट की राय
मणिपाल अस्पताल, खराडी पुणे की आब्सटेट्रिक्स और गायनोकॉलोजी कंसलटेंट डॉ. रुशाली निखिल जाधव ने बताया कि यूट्रीन रप्चर के क्या कारण होते हैं।
यूट्रीन रप्चर
जिन महिलाओं की पहले सिजेरियन डिलीवरी हो चुकी होती है, उन्हें यूट्रीन रप्चर का खतरा ज्यादा होता है। पुराने चीरे पर दबाव पड़ता है।
गर्भाशय फटना
यूट्रीन रप्चर एक मेडिकल इमरजेंसी होती है, जिसमें गर्भाशय फट जाता है और मां व बच्चे दोनों की जान को खतरा हो सकता है।
यूट्रीन रप्चर के संकेत
यूट्रीन रप्चर होने पर तेज पेट दर्द, ब्लीडिंग और बच्चे की धड़कन धीमी हो सकती है, जिससे भ्रूण को ऑक्सीजन कम मिलती है।
ब्रेन डैमेज या दम घुटना
इस स्थिति में तुरंत इलाज जरूरी होता है, वरना भ्रूण को ब्रेन डैमेज या दम घुटने जैसी खतरनाक स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।
सिजेरियन डिलीवरी
डॉक्टर ऐसी स्थिति में इमरजेंसी सिजेरियन डिलीवरी कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर गर्भाशय की मरम्मत या हटाना पड़ सकता है।
यूट्रस कॉन्ट्रैक्शन
यह समस्या प्रेग्नेंसी में होने वाले यूट्रस कॉन्ट्रैक्शन के समय पुराने चीरे पर अत्यधिक दबाव के कारण होती है।
यूट्रीन रप्चर के लक्षण
यूट्रीन रप्चर के लक्षणों में ब्लड प्रेशर गिरना, बार-बार संकुचन होना और अचानक तेज दर्द शामिल हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी असामान्य लक्षण को हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com