क्या ओवरईटिंग से पीरियड अनियमित हो जाते हैं?

By Deepak Kumar
19 Mar 2025, 18:00 IST

महिलाओं के पीरियड्स का नियमित और सही समय पर आना बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह उनके शारीरिक स्वास्थ्य का संकेत है। अगर पीरियड्स अनियमित होते हैं, तो यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

महिलाएं अपनी दिनचर्या, आहार और मानसिक स्थिति के कारण पीरियड्स की समस्याओं का सामना करती हैं। लेकिन क्या ओवरईटिंग यानी अत्यधिक भोजन करने से पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं? ये जानने के लिए हमने न्यूट्रिशनिस्ट निक्की सागर से बात की।

एक्सपर्ट की राय

न्यूट्रिशनिस्ट निक्की सागर के अनुसार ओवरईटिंग निश्चित रूप से पीरियड्स की अनियमितता का एक कारण बन सकता है। इसलिए महिलाओं को अपनी खानपान की आदतों पर ध्यान देना चाहिए।

ओवरईटिंग का शरीर पर प्रभाव

ओवरईटिंग का मतलब है जरूरत से अधिक खाना खाना। जब हम ज्यादा मात्रा में खाना खाते हैं, तो शरीर के लिए उसे पचाना मुश्किल हो जाता है। इससे शरीर में कई परिवर्तन होते हैं, जिनका प्रभाव पीरियड्स पर भी पड़ सकता है।

ओवरईटिंग और हार्मोनल असंतुलन

हमारे शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारण पीरियड्स में अनियमितता हो सकती है। ओवरईटिंग के कारण शरीर में अतिरिक्त कैलोरी और वसा जमा होने लगती है, जो हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित कर सकती है।

वजन बढ़ना

ज्यादा खाने से वजन बढ़ता है। बढ़ा हुआ वजन शरीर में हार्मोनल बदलावों का कारण बनता है, विशेष रूप से इंसुलिन और एस्ट्रोजन हार्मोन का असंतुलन हो सकता है। यह असंतुलन पीरियड्स को अनियमित बना सकता है।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम

ओवरईटिंग और अधिक वजन बढ़ने से महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) का खतरा बढ़ जाता है। इस कंडीशन में अंडाशय में छोटे-छोटे दाने (सिस्ट) बन जाते हैं, जिससे पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

ओवरईटिंग का मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। अत्यधिक खाना खाने के बाद एक व्यक्ति में अवसाद, तनाव और चिंता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जो पीरियड्स के चक्र को प्रभावित कर सकती है।

संतुलित आहार, सही पोषण और नियमित शारीरिक गतिविधि से आप ओवरईटिंग की समस्या से बच सकती हैं और अपने पीरियड्स को नियमित बना सकती हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com