डायबिटीज लाइफस्टाइल से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है, जिसके शिकार दुनियाभर में करोड़ों की संख्या में हैं। डायबिटीज होने पर व्यक्ति का शरीर शुगर (ग्लूकोज) को सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता है, जिससे ये शुगर खून में घुलने लगता है। इसीलिए इसे ब्लड शुगर कहते हैं। बढ़ा हुआ ब्लड शुगर कई अंगों को डैमेज कर सकता है।
आमतौर पर लोगों को 2 तरह की ही डायबिटीज का पता होता है, मगर असल में डायबिटीज 5 प्रकार की होती हैं।
टाइप 1 डायबिटीज
टाइप 2 डायबिटीज
गेस्टेशनल डायबिटीज
टाइप 1.5 डायबिटीज
सेकेंड्री डायबिटीज
सबसे ज्यादा आम टाइप 2 डायबिटीज है। दुनिया में डायबिटीज के जितने भी मरीज हैं, उनमें से 95% मरीज टाइप 2 डायबिटीज का शिकार हैं। इसके बाद टाइप 1 डायबिटीज के मरीज लगभग 4% हैं, और बाकी अन्य डायबिटीज महज 1% रोगियों में ही पाया जाता है।
टाइप 2 डायबिटीज में इंसुलिन का उत्सर्जन कम हो जाता है या फिर इंसुलिन का इस्तेमाल करने वाले रिसेप्टर्स की सेंसटिविटी कम हो जाती है। वहीं टाइप 1 डायबिटीज में आमतौर पर शरीर में इंसुलिन की कमी पाई जाती है।
टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण
- बार-बार पेशाब लगना
- जल्दी-जल्दी भूख लगना
- बार-बार प्यास लगना
- वजन घटना
टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण
- मोटापा
- PCOD
- ड्रग इनटेक की वजह से डायबिटीज
- गतिहीन जीवन (सिडेंट्री लाइफस्टाइल)
इन लक्षणों के दिखने पर आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, ताकि सही समय पर डायबिटीज की पहचान हो जाए। दवाओं, लाइफ स्टाइल में थोड़े बदलाव और खानपान का परहेज करके डायबिटीज को मैनेज किया जा सकता है।