ज्यादातर लोग मानते हैं कि त्वचा का रंग गहरा होने यानी टैनिंग की वजह सिर्फ धूप होती है, लेकिन सच यह है कि इसके कई और कारण भी हो सकते हैं। आइए NIH की एक स्टडी से जानते हैं टैनिंग के अन्य कारण।
टैनिंग मशीन का इस्तेमाल
सोलैरियम या टैनिंग बेड भी UV किरणें छोड़ते हैं। इनका इस्तेमाल धूप के बिना भी टैनिंग कर सकता है, लेकिन ये त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सनलेस टैनिंग प्रोडक्ट्स
स्प्रे टैन या क्रीम में मौजूद DHA त्वचा की ऊपरी परत में रासायनिक प्रतिक्रिया करके गहरा रंग लाते हैं। इसमें UV की जरूरत नहीं होती।
ब्लू लाइट
मोबाइल, लैपटॉप और LED स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट भी मेलानिन को एक्टिव कर सकती है, जिससे त्वचा टैन हो सकती है।
कुछ दवाइयों का असर
कुछ दवाएं जैसे एंटीबायोटिक्स या स्किन ट्रीटमेंट वाले केमिकल्स त्वचा को UV के लिए ज्यादा संवेदनशील बना देते हैं, जिससे जल्दी टैनिंग होती है।
जेनेटिक कारण
हर व्यक्ति की त्वचा अलग होती है। कुछ लोगों का स्किन टाइप ऐसा होता है कि थोड़ी सी धूप या रोशनी में भी टैनिंग जल्दी हो जाती है।
कम धूप में भी टैनिंग क्यों होती है?
अगर आप नियमित रूप से कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन के पास रहते हैं या दवाइया ले रहे हैं, तो टैनिंग बिना तेज धूप के भी हो सकती है।
टैनिंग से कैसे बचें?
धूप में निकलते समय सनस्क्रीन लगाएं, स्किन के अनुकूल दवाएं लें और स्क्रीन की रोशनी से लंबे समय तक बचें।
टैनिंग की वजह सिर्फ धूप नहीं है। मशीन, प्रोडक्ट, लाइट, दवाएं और जेनेटिक्स भी इसके पीछे हो सकते हैं। इसलिए स्किन की सुरक्षा हमेशा जरूरी है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com