Cushing Syndrome क्या है? डॉक्टर से जानें

By Deepak Kumar
08 Apr 2025, 09:00 IST

कुशिंग सिंड्रोम को बेहतर ढंग से समझने के लिए, ओनली माय हेल्थ टीम ने कंसल्टेंट फिजिशियन डॉ. रूही पीरजादा से बात की। तो आइए जानते हैं इस सिंड्रोम के बारे में।

कुशिंग सिंड्रोम क्या है?

यह एक हार्मोनल विकार है जो तब होता है जब शरीर में कोर्टिसोल की मात्रा लंबे समय तक बहुत ज्यादा बनी रहती है। कोर्टिसोल एक ‘तनाव हार्मोन’ है जो शरीर की तनाव प्रतिक्रिया को नियंत्रित करता है।

क्यों होता है कुशिंग सिंड्रोम?

डॉ. पीरजादा के अनुसार, इसका सबसे आम कारण स्टेरॉयड दवाओं (ग्लूकोकोर्टिकोइड्स) का लंबे समय तक सेवन है, जो गठिया, अस्थमा या अन्य बीमारियों में दिए जाते हैं। ये दवाएं कोर्टिसोल स्तर को असामान्य रूप से बढ़ा देती हैं।

आम लक्षण क्या हैं?

कुशिंग सिंड्रोम के लक्षण हैं- ट्रंकल मोटापा, चांद जैसा चेहरा, गर्दन के पीछे चर्बी की गांठ और पतले हाथ-पैर। खिंचाव के निशान, त्वचा का कमजोर होना और चोट लगने पर जल्दी न भरने वाले घाव भी शामिल हैं।

महिलाओं में विशेष लक्षण

चेहरे और शरीर पर घने काले बाल, अनियमित मासिक धर्म या रुक जाना, मुंहासे और भावनात्मक बदलाव जैसे लक्षण महिलाओं में आम हैं। ये हार्मोनल असंतुलन के कारण होते हैं।

पुरुषों में विशेष लक्षण

प्रजनन क्षमता में कमी, यौन इच्छा में गिरावट और अत्यधिक थकान जैसे लक्षण पुरुषों में देखे जाते हैं। ये कोर्टिसोल के अधिक स्तर से टेस्टोस्टेरोन पर प्रभाव के कारण होते हैं।

निदान कैसे होता है?

ब्लड, यूरीन और लार में कोर्टिसोल की जांच की जाती है। CT या MRI स्कैन से एड्रेनल या पिट्यूटरी ग्रंथि में किसी ट्यूमर की पुष्टि की जा सकती है जो कोर्टिसोल बढ़ा रहा हो।

इलाज का तरीका

इलाज का मुख्य तरीका कारण को हटाना है। यदि स्टेरॉयड कारण है, तो उसे धीरे-धीरे बंद किया जाता है। ट्यूमर होने पर सर्जरी, रेडिएशन या दवा से इलाज किया जाता है।

अगर सही समय पर पहचान और इलाज न हो, तो यह गंभीर रूप ले सकता है। इसलिए किसी भी असामान्य वजन बढ़ने या हार्मोनल लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com