गले में टॉन्सिल बढ़ने के क्या कारण हैं?

By Himadri Singh Hada
11 May 2025, 13:00 IST

गले में टॉन्सिल की परेशानी आम है, जिससे खाने-पीने और बोलने में बहुत दिक्कत होती है। इसलिए, शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करने की बजाय तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

एक्सपर्ट की राय

इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने फॉर्टिस नोएडा के ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर सव्यसाची सक्सेना से बात की है।

टॉन्सिलाइटिस

टॉन्सिल एक रक्षा तंत्र की तरह काम करता है। लेकिन, जब यही संक्रमण की चपेट में आ जाता है, तो गले में सूजन, दर्द और निगलने में तकलीफ जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इसे टॉन्सिलाइटिस कहा जाता है।

बैक्टीरियल इंफेक्शन

टॉन्सिलाइटिस की मुख्य वजह वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है, जो अधिकतर सर्दी, फ्लू, गंदे पानी या कमजोर इम्युनिटी के कारण गले पर हमला करता है और तकलीफ बढ़ा देता है।

क्रोनिक टॉन्सिलाइटिस

अगर टॉन्सिल बार-बार सूजते हैं या गले में बार-बार मवाद बनता है, तो यह क्रोनिक टॉन्सिलाइटिस हो सकता है। इससे लंबे समय तक इलाज और विशेष सावधानियों की जरूरत होती है।

संक्रमण

टॉन्सिलाइटिस के दौरान टॉन्सिल्स पर सफेद या ग्रे रंग की परत दिख सकती है, जो संक्रमण का संकेत है। ऐसे में, खाने-पीने से भी मन हटने लगता है, जिससे कमजोरी महसूस होती है।

टॉन्सिल के लक्षण

बच्चों में टॉन्सिल के लक्षण थोड़े अलग हो सकते हैं जैसे बार-बार खाना मना करना, चिड़चिड़ापन या निगलने में दिक्कत होना। इसलिए, उन्हें समय रहते इलाज देना जरूरी होता है।

टॉन्सिल की समस्या

अगर टॉन्सिल की समस्या साल में 3-4 बार हो रही हो, बुखार लंबे समय तक रहता हो या सांस लेने में तकलीफ हो, तो ऑपरेशन यानी टॉन्सिल हटाने की जरूरत पड़ सकती है।

टॉन्सिल से बचाव

टॉन्सिल से बचाव के लिए ठंडी, खट्टी चीजों से दूर रहें, गले की सिकाई करें, गर्म पानी से गरारे करें और भीड़-भाड़ वाले प्रदूषित इलाकों में जाने से बचें ताकि संक्रमण ना हो।

टॉन्सिलाइटिस में नींबू-अदरक वाला गर्म पानी, लहसुन की कलियां, नमक वाले गरारे और फिटकरी से गरारे जैसे घरेलू नुस्खे असरदार माने जाते हैं और इनसे राहत जल्दी मिल सकती है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com