इक्थियोसिस एक स्किन डिसऑर्डर है जिससे स्किन बहुत रूखी, मोटी और पपड़ीदार हो जाती है। यह नॉर्मल स्किन की दिक्कत नहीं है, बल्कि एक विशेष अवस्था है। आइए डॉ. सविता जी से जानें इसके क्या कारण हो सकते हैं।
पैदाइशी बीमारी
इक्थियोसिस के सबसे आम कारणों में से एक जेनेटिक डिसऑर्डर हो सकता है। अगर परिवार में किसी को यह दिक्कत रही है, तो बच्चों में इसका जोखिम बढ़ सकता है।
जेनेटिक म्यूटेशन
कुछ लोगों में यह दिक्कत तब होती है जब शरीर के खास जीन में चेंजेस या म्यूटेशन हो जाता है। इससे स्किन की नेचुरल मॉइस्चर खत्म होने लगती है।
दवाओं का असर
कुछ दवाएं, जैसे कैंसर या HIV की दवा से स्किन पर खराब असर हो सकता है। इनके सेवन से इक्थियोसिस के लक्षण नजर आ सकते हैं।
हार्मोनल असंतुलन
थायराइड या अन्य हार्मोनल प्रॉब्लम्स के कारण भी स्किन की प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। लंबे टाइम तक ऐसा डिसबैलेंस इक्थियोसिस का कारण बन सकते हैं।
मौसम का असर
बहुत ज्यादा ठंडा या ड्राई मौसम में रहने से भी स्किन का मॉइस्चर खत्म हो सकता है। इससे पपड़ीदार स्किन होने लगती है और इक्थियोसिस के लक्षण दिख सकते हैं।
पोषण की कमी
अगर शरीर में विटामिन ए, डी और ओमेगा फैटी एसिड्स की कमी हो, तो इससे स्किन की हेल्थ बिगड़ सकती है और इक्थियोसिस की दिक्कत बढ़ सकती है।
अन्य बीमारियों से हो सकता है
कई बार इक्थियोसिस दूसरी बीमारियों जैसे किडनी की दिक्कत या कैंसर के कारण भी हो सकता है। इसे सेकेंडरी इक्थियोसिस भी कहा जाता है जो गंभीर हो सकता है।
इक्थियोसिस का सही इलाज तभी संभव है जब इसके कारण का सही पता चल सके। डॉक्टर की सलाह से जांच करवाना जरूरी होता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com