कई लोगों का मानना है कि दूध और नींबू का साथ में सेवन करने से शरीर को नुकसा होता है। लेकिन क्या वाकई ऐसा होता है? आइए Journal Of Dairy Science की रिपोर्ट से जानते हैं।
दूध में नींबू मिलाने पर होता क्या है?
नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड दूध के प्रोटीन को जमाकर उसे फाड़ देता है। यह एक केमिकल रिएक्शन है जिसे acidification कहते हैं। यह जहरीला नहीं होता।
वैज्ञानिक नजरिया क्या कहता है?
जब दूध में नींबू या अन्य अम्ल (एसिड) मिलाया जाता है, तो यह सिर्फ दूध को गाढ़ा या दहीनुमा बनाता है, जैसे छाछ या पनीर।
क्या शरीर पर इसका बुरा असर होता है?
अगर आपके पाचन तंत्र में पहले से समस्या है (जैसे गैस, एसिडिटी), तो दूध-नींबू मिलाकर पीने से थोड़ी असुविधा हो सकती है। पर ये
आयुर्वेद क्या कहता है?
आयुर्वेद के अनुसार, दूध और नींबू का संयोजन विरुद्ध आहार माना जाता है। इसका मतलब यह है कि यह पचने में कठिन हो सकता है, लेकिन इसे भी जहर नहीं माना गया है।
नींबू से फटे दूध का क्या करें?
अगर नींबू से फटा दूध तुरंत गर्म करके छाछ या पनीर बना लिया जाए, तो यह हानिकारक नहीं बल्कि पोषक भी हो सकता है। यह तरीका सुरक्षित माना जाता है।
क्या इसे रोजाना लिया जा सकता है?
इसका सीधा जवाब है, नहीं। इस तरह का फटा दूध या नींबू-दूध का मिश्रण रोज सेवन करना उचित नहीं है, खासकर खाली पेट या ठंडे दूध के साथ।
बच्चे और बुजुर्ग सेवन न करें
अगर उनकी पाचन शक्ति कमजोर है, तो ऐसे संयोजन से बचना चाहिए। इससे गैस, अपच, या एसिडिटी हो सकती है। लेकिन ये विषैला प्रभाव नहीं है।
दूध और नींबू मिलकर ‘जहर’ नहीं बनाते। यह सिर्फ एक पाचन आधारित रिएक्शन है। वैज्ञानिक रूप से यह सुरक्षित है अगर ठीक से तैयार और सीमित मात्रा में लिया जाए। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com