बार-बार पेशाब रोकना कितना खतरनाक है?

By Aditya Bharat
27 Jun 2025, 06:00 IST

कई लोग व्यस्त दिनचर्या में पेशाब रोकना सामान्य मानते हैं। लेकिन यह आदत शरीर के लिए कितनी खतरनाक हो सकती है, इसका अंदाजा बहुत कम लोगों को होता है। आइए PubMed की रिपोर्ट से जानते हैं ऐसा करने के नुकसान।

शरीर कैसे संकेत देता है?

जब ब्लैडर भर जाता है, तो शरीर हमें संकेत देता है कि टॉइलट जाएं। इसे अनदेखा करने का मतलब है, प्राकृतिक सिस्टम को दबाना, जो आगे चलकर नुकसानदायक हो सकता है।

क्लीनिकल रिसर्च क्या कहती है?

रिसर्च के अनुसार, बार-बार पेशाब रोकने से ब्लैडर की मांसपेशियां कमजोर पड़ सकती हैं और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का खतरा बढ़ जाता है।

कितनी देर तक रोकना सुरक्षित है?

विशेषज्ञ मानते हैं कि 3-4 घंटे तक पेशाब रोकना आमतौर पर ठीक है। लेकिन इससे अधिक बार या लंबे समय तक ऐसा करना ब्लैडर की कार्यक्षमता पर बुरा असर डाल सकता है।

UTI का बढ़ता खतरा

पेशाब में मौजूद बैक्टीरिया को समय पर बाहर न निकालने से वो पनप सकते हैं, जिससे UTI होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है, खासतौर पर महिलाओं में।

किडनी को हो सकता है नुकसान

अगर ब्लैडर पर दबाव लगातार बना रहे, तो पेशाब गुर्दों तक वापस जा सकता है। इससे किडनी में सूजन, दर्द या इंफेक्शन हो सकता है।

बच्चों और महिलाओं पर असर

बच्चों में आदत बनने पर मूत्र नियंत्रित करने में दिक्कत आ सकती है। वहीं महिलाओं की छोटी यूरीनरी ट्रैक्ट उन्हें ज्यादा जोखिम में डालती है।

ब्लैडर फट सकता है

बहुत अधिक देर तक पेशाब रोकने से ब्लैडर पर इतना दबाव बन सकता है कि उसमें दरार या फटने जैसी दुर्लभ लेकिन गंभीर समस्या भी हो सकती है।

बहुत अधिक देर तक पेशाब रोकने से ब्लैडर पर इतना दबाव बन सकता है कि उसमें दरार या फटने जैसी दुर्लभ लेकिन गंभीर समस्या भी हो सकती है।