मानसून में फंगल इंफेक्शन ज्यादा क्यों होते हैं?

By Aditya Bharat
20 Jun 2025, 19:30 IST

बारिश के मौसम में कई लोगों को स्किन पर खुजली, लाल धब्बे और रैशेज होने लगते हैं। यह संकेत होते हैं फंगल इन्फेक्शन के, जो खासतौर पर मानसून में ज्यादा देखने को मिलते हैं। आइए PubMed की रिपोर्ट से जानते हैं इसकी वजह।

स्टडी से क्या पता चला?

स्टडी में पाया गया कि मानसून के दौरान फंगल इंफेक्शन के मामले बाकी मौसमों की तुलना में कई गुना बढ़ जाते हैं, विशेषकर त्वचा पर।

नमी और पसीना बढ़ाते हैं जोखिम

मानसून में वातावरण में नमी और शरीर में पसीना ज्यादा होता है। इससे त्वचा गीली रहती है, जो फंगस के लिए एक परफेक्ट वातावरण बनाता है।

कौन से इंफेक्शन सबसे ज्यादा होते हैं?

इस स्टडी में पाया गया कि टाइनीआ क्रूरिस (जांघों में), टाइनीआ कॉर्पोरिस (बॉडी), और टाइनीआ पेडिस (पैरों में) सबसे आम फंगल इंफेक्शन थे।

किन जगहों पर सबसे ज्यादा असर?

जांघों के बीच, कांखों में, गर्दन और पैरों की उंगलियों के बीच सबसे ज्यादा इन्फेक्शन होते हैं क्योंकि यहां लगातार नमी बनी रहती है।

किन लोगों को ज्यादा खतरा?

जिन्हें ज्यादा पसीना आता है, जो तंग कपड़े पहनते हैं, या जो गीले कपड़ों में देर तक रहते हैं, उन्हें फंगल इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है।

इंफेक्शन से बचने के उपाय

त्वचा को सूखा और साफ रखें, ढीले और सूती कपड़े पहनें, गीले कपड़े बार-बार न बदलें और एंटी-फंगल पाउडर का इस्तेमाल करें।

कब डॉक्टर के पास जाएं?

अगर खुजली, जलन या लाल निशान लगातार बढ़ रहे हों, तो खुद इलाज न करें। स्किन स्पेशलिस्ट से सलाह लें और सही दवा लें।

मानसून की नमी फंगस के लिए आदर्श वातावरण बनाती है। सावधानी और स्वच्छता बरतकर आप इन संक्रमणों से आसानी से बच सकते हैं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com