अस्थमा अटैक तब होता है जब फेफड़ों की नली में सूजन आ जाती है। इससे सांस लेने में कठिनाई होती है और मरीज को तुरंत मेडिकल मदद की जरूरत होती है। लेकिन सवाल ये है कि अस्थमा का अटैक आने पर क्या करना चाहिए? यहां विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा कुछ जरूरी गाइडलाइन्स बताए गए हैं।
सबसे पहले क्या करें?
अगर मरीज को अस्थमा अटैक आए तो उसे तुरंत सीधा बैठा दें। यह स्थिति सांस को थोड़ा आसान बना सकती है और ऑक्सीजन का फ्लो बेहतर होता है।
धीरे-धीरे सांस लेने को कहें
मरीज को पैनिक न करने दें। उसे कहें कि वह धीरे-धीरे और गहराई से सांस लेने की कोशिश करे। इससे सांस लेने में थोड़ी राहत मिल सकती है।
इन्हेलर हो तो तुरंत दें
अगर इन्हेलर पास में है, तो बिना देर किए इसका इस्तेमाल करवाएं। इन्हेलर में मौजूद दवा एयरवे को खोलती है और राहत देने में मदद करती है।
इन्हेलर न हो तो क्या करें?
अगर इन्हेलर पास नहीं है, तो मरीज को गर्म पानी या कॉफी दें। इनमें मौजूद गर्माहट और कैफीन सांस की नली को थोड़ी राहत दे सकती है।
मरीज को लेटाएं नहीं
अस्थमा अटैक में मरीज को लेटना नहीं चाहिए। इससे फेफड़ों पर प्रेशर बढ़ सकता है और सांस लेने में और ज्यादा दिक्कत हो सकती है।
तुरंत मेडिकल मदद लें
अगर अटैक गंभीर है या इन्हेलर से राहत नहीं मिल रही है, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल जाएं या एम्बुलेंस बुलाएं। देरी जानलेवा हो सकती है।
अस्थमा ट्रिगर से बचें
धूल, धुआं, सर्दी, परफ्यूम, पालतू जानवर और सिगरेट जैसे ट्रिगर्स से दूर रहें। मास्क पहनें और हवा की गुणवत्ता पर ध्यान दें।
आपको बता दें कि अस्थमा अटैक से पहले खांसी, सीने में जकड़न और तेज सांस जैसे लक्षण नजर आते हैं। इन संकेतों को पहचान कर पहले ही इन्हेलर लें या डॉक्टर से सलाह लें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com