घबराहट एक आम मानसिक समस्या है जो तब होती है जब इंसान किसी चिंता या डर की स्थिति में होता है, और इसमें व्यक्ति का दिल तेज़ धड़कता है, हाथ कांपते हैं या सांस लेने में तकलीफ महसूस होती है।
एक्सपर्ट की राय
दिल्ली के मणिपाल अस्पताल में जनरल फिजिशियन डॉक्टर जलज शर्मा का कहना है कि घबराहट का जरूरी नहीं कि कोई कारण हो। यह मानसिक परेशानी और चिंता के कारण भी हो सकती है।
घबराहट महसूस होने के कारण
कई बार घबराहट किसी बड़े इवेंट, इंटरव्यू, एग्जाम या नई स्थिति का सामना करते समय होती है। यह महसूस कराना सामान्य है। लेकिन, जब यह बार-बार हो तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
घबराहट के संकेत
अगर आप बार-बार बेचैनी, पसीना आना, चक्कर या उल्टी जैसा महसूस करते हैं तो यह घबराहट के संकेत हो सकते हैं। यह आपकी दिनचर्या और नींद को भी प्रभावित कर सकते हैं।
मेंटल हेल्थ पर प्रभाव
ज्यादा सोचने, फ्यूचर को लेकर चिंता करने और हर छोटी बात पर डर जाने से घबराहट बढ़ती है। यह धीरे-धीरे आपकी मेंटल हेल्थ को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
बच्चों में घबराहट के कारण
बच्चों में भी एग्जाम, झूठ बोलने या कुछ गलत करने के डर से घबराहट हो सकती है। वे चुपचाप या चिड़चिड़े हो सकते हैं। इसलिए, उन्हें समझाना बहुत जरूरी होता है।
घबराहट होना
जब कभी आप कोई नया काम शुरू करते हैं, पब्लिक में बोलते हैं या फ्लाइट जैसी नई चीज का अनुभव लेते हैं, तब घबराहट होना स्वाभाविक है। लेकिन, इससे घबराना नहीं चाहिए।
घबराहट से कैसे बचें?
घबराहट से राहत पाने के लिए रोज़ प्राणायाम और योग करना बहुत फायदेमंद होता है। खासकर, अनुलोम-विलोम जैसी क्रियाएं जो दिमाग को शांत करती हैं और सांसों को नियंत्रित रखती हैं।
घबराहट से बचने के उपाय
हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज, पर्याप्त नींद और पॉजिटिव सोच अपनाकर आप धीरे-धीरे घबराहट पर काबू पा सकते हैं और अपने मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बना सकते हैं।
अगर घबराहट बहुत ज्यादा होती है तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है, ताकि सही इलाज और काउंसलिंग से इसे कंट्रोल किया जा सके। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com