नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी क्या है? डॉक्टर से जानें

By Deepak Kumar
03 Jul 2025, 14:30 IST

आजकल हेल्थ के प्रति जागरूक लोग ग्लूटेन फ्री डाइट अपना रहे हैं। ये डाइट उन अनाजों से बचने को कहती है, जिनमें ग्लूटेन नामक प्रोटीन मौजूद होता है, जैसे गेहूं और राई। आइए फिजिशियन डॉ. किरण ढाके से विस्तार में जानते हैं नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी के बारे में।

क्या है नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी?

नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थ खाने के बाद पेट दर्द, सिरदर्द, थकान या एलर्जी जैसे लक्षण महसूस होते हैं, लेकिन सीलिएक रोग जैसी गंभीर आंत की क्षति नहीं होती। यह एलर्जी नहीं होती और न ही सीलिएक बीमारी, लेकिन फिर भी ग्लूटेन से शरीर को असहजता हो सकती है।

किन लोगों में होती है यह सेंसिटिविटी?

जो लोग नियमित रूप से गेहूं या ग्लूटेन युक्त अनाज अधिक खाते हैं, उनमें नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी की संभावना ज्यादा रहती है। लक्षणों की पहचान के लिए डॉक्टर से संपर्क जरूरी है।

कारण 1- इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया

ग्लूटेन कुछ लोगों के इम्यून सिस्टम को भ्रमित करता है और उसे हानिकारक रूप में पहचानने लगता है। इससे शरीर में सूजन और असहजता जैसी प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं।

कारण 2- सेलुलर कार्यों में बाधा

ग्लूटेन शरीर की कोशिकाओं के संतुलन और गतिशीलता को प्रभावित कर सकता है। इससे शरीर में विषैले रासायनिक बदलाव होते हैं जो ग्लूटेन सेंसिटिविटी को ट्रिगर कर सकते हैं।

कारण 3- अनाज के प्रोटीन से एलर्जी

कुछ लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली गेहूं या अन्य अनाज में मौजूद प्रोटीन को नुकसानदायक मान लेती है, जिससे एलर्जी और सेंसिटिविटी की स्थिति उत्पन्न होती है।

इसके लक्षण

सिरदर्द, माइग्रेन, हाथ-पैर में झुनझुनी या सुन्नपन, संतुलन की कमी जैसे लक्षण आम हैं। यह ग्लूटेन सेंसिटिविटी के शुरुआती संकेत हो सकते हैं जिन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए।

मानसिक और एलर्जिक दिक्कतें

ध्यान की कमी, चिड़चिड़ापन, एटोपिक डर्मेटाइटिस, एक्जिमा, अस्थमा और चिंता जैसी समस्याएं भी ग्लूटेन सेंसिटिविटी से जुड़ी हो सकती हैं। ये शरीर और दिमाग दोनों को प्रभावित करती हैं।

अगर लक्षण मिलते-जुलते हों, तो डॉक्टर से टेस्ट कराएं। बिना डॉक्टर की सलाह के डाइट बदलने से बचें। सही सलाह और संतुलित ग्लूटेन फ्री डाइट से आराम मिल सकता है।